अलवर डिपो की बसों में लगा जीपीएस सिस्टम और पैनिक बटन, महिलाओं व यात्रियों को मिलेगा लाभ

अलवर: रोडवेज मुख्यालय ने यात्रियों की सुविधा बढ़ाने के उद्देश्य से अलवर डिपो की बसों में जीपीएस सिस्टम स्थापित किया है। इस सुविधा से सफर करने वाले यात्री अब अपने मोबाइल फोन पर बस की लोकेशन व अन्य जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। इसके साथ ही रोडवेज मुख्यालय द्वारा बसों की गतिविधियों पर सीधी नजर रखी जा सकेगी। प्रदेश में कुल 2000 बसों को इस सुविधा से जोड़ने की योजना है, जिनमें से अलवर डिपो की लगभग 95 बसों में यह सिस्टम सक्रिय किया जा चुका है, जिनमें कुछ अनुबंध पर चलने वाली बसें भी शामिल हैं।

डिपो के ऑपरेशन मैनेजर गिर्राज प्रसाद सैनी ने बताया कि मुख्यालय से प्राप्त निर्देशों के अनुसार अलवर डिपो की 77 नियमित बसों में जीपीएस सिस्टम और पैनिक बटन लगाया गया है, साथ ही 23 अनुबंधित बसों में से 18 में भी यह सुविधा शुरू हो गई है। उन्होंने कहा कि पैनिक बटन की मदद से बस में यात्रा कर रहे वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और बच्चों को आकस्मिक परिस्थितियों में सहायता मिलेगी। यदि किसी यात्री को बस में परेशानी होती है या कोई आपात स्थिति उत्पन्न होती है, तो वह तीन सेकंड तक पैनिक बटन दबा सकता है। इससे तुरंत कंट्रोल रूम को सूचना मिलेगी और निकटतम डिपो या पुलिस थाने को मामले की जानकारी देकर त्वरित कार्रवाई की जा सकेगी।

गिर्राज प्रसाद सैनी ने आगे बताया कि जीपीएस सिस्टम की मदद से किसी भी बस की वर्तमान स्थिति यानी करंट लोकेशन की जानकारी ली जा सकती है। यह सिस्टम बस की स्पीड, मार्ग और अन्य जरूरी सूचनाएं भी दर्शाता है। कई बार ड्राइवर निर्धारित रूट से हटकर अन्य मार्गों पर बस ले जाते हैं, ऐसे मामलों में जीपीएस के जरिए निगरानी संभव हो जाती है।

ओवरस्पीडिंग पर नजर रखने की सुविधा भी शामिल

सैनी ने बताया कि इस तकनीक में ओवर स्पीड कंट्रोल की भी व्यवस्था की गई है। अगर कोई बस 80-85 किमी प्रति घंटे की निर्धारित सीमा से अधिक गति से चलती है, तो मुख्यालय के कंट्रोल रूम को तत्काल अलर्ट मैसेज भेजा जाता है। अलर्ट प्राप्त होते ही संबंधित चालक और परिचालक को सूचित कर सावधानी बरतने की हिदायत दी जाती है, जिससे दुर्घटना की संभावना को कम किया जा सके।

यात्री अब कर सकेंगे बस की लोकेशन ट्रैक

सैनी ने बताया कि अब जीपीएस से सुसज्जित बसों में सफर करने वाले यात्री अपनी यात्रा के दौरान या यात्रा से पूर्व बस की वास्तविक स्थिति यानी लोकेशन को भी ट्रैक कर सकेंगे। इसके लिए रोडवेज मुख्यालय की ओर से ‘RSRTC Live’ नामक मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च किया गया है। इस ऐप के जरिए यात्री अपने मोबाइल फोन पर बस की करंट लोकेशन देख सकते हैं। उन्होंने बताया कि यात्री जिस भी स्थान या बस स्टैंड पर बस का इंतजार कर रहे हैं, उस स्थान के आस-पास की बसों की जानकारी इस ऐप के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है। इस सुविधा से यात्रियों को लंबे समय तक बस के इंतजार से राहत मिलेगी और समय की भी बचत होगी।