अब मिसाइल डिफेंस सिस्टम से लैस बोइंग 777 में उड़ान भरेंगे PM Modi, उड़ाएंगे वायुसेना के पायलट

एयर इंडिया (Air India) के पायलट प्रधानमंत्री का ‘एयर इंडिया वन’ विमान नहीं उड़ाएंगे। प्रधानमंत्री के लिए अब मिसाइल डिफेंस सिस्टम से लैस बोइंग 777 आएगा। इसे वायुसेना के पायलट उड़ाएंगे। इसके लिए एयर इंडिया वायुसेना के करीब 10 पायलटों को प्रशिक्षण देगी। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के लिए 2 नए बोइंग 777 एयरक्राफ्ट आएंगे, जो जुलाई 2020 से उड़ान भरेंगे। अभी तक राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के लिए एयर इंडिया का बोइंग 747 विमान इस्तेमाल करते हैं। इस विमान को एयर इंडिया वन कहा जाता है। भारतीय उच्चाधिकारियों के लिए एयर इंडिया के पायलट ही बोइंग 747 एयरक्राफ्ट उड़ाते हैं और एआईईएसएल इनका रखरखाव करती है। एक वरिष्ठ अफसर के मुताबिक, 'भारत को अमेरिका से दो बोइंग 777 अगले साल तक मिल जाएंगे। इन्हें एयर इंडिया वन कहा जाएगा। इन विमानों को केवल वायुसेना के पायलट उड़ाएंगे। ये एयरक्राफ्ट राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के लिए होंगे।'

एक वरिष्ठ अफसर के मुताबिक, 'भारत को अमेरिका से दो बोइंग 777 अगले साल तक मिल जाएंगे। इन्हें एयर इंडिया वन कहा जाएगा। इन विमानों को केवल वायुसेना के पायलट उड़ाएंगे। ये एयरक्राफ्ट राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के लिए होंगे।' अफसर ने यह भी बताया कि वायुसेना के 4-6 पायलटों को बोइंग 777 के लिए एयर इंडिया द्वारा प्रशिक्षण दिया जा चुका है। बाकी पायलटों की भी ट्रेनिंग जल्द होगी।

बता दे, इन नए बोइंग का रखरखाव एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विस लिमिटेड (एआईईएसएल) द्वारा ही किया जाएगा। यह एयर इंडिया की ही सहायक कंपनी है।

बोइंग 777 स्टेट ऑफ द आर्ट मिसाइल डिफेंस सिस्टम से लैस होंगे। इन मिसाइलों को लार्ज एयरक्राफ्ट इन्फ्रारेड काउंटरमेजर्स (एलएआईआरसीएम) और सेल्फ प्रोटेक्शन सुइट (एसपीएस) कहा जाता है। एसपीएस से विमान दुश्मन के रडार की फ्रीक्वेंसी को जाम कर देगा। इसी साल फरवरी में अमेरिका ने 190 मिलियन डॉलर कीमत वाले दो डिफेंस सिस्टम भारत को देने पर सहमति जताई थी।

एयर इंडिया पर 60 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज हो चुका है, लिहाजा केंद्र सरकार विनिवेश की योजना बना रही है। प्रक्रिया नवंबर से शुरू हो सकती है।