पायलट की समझदारी की वजह से टला बड़ा हादसा, बंद कर दिया था इंजन, नहीं तो लग सकती थी आग

केरल में कोझिकोड एयरपोर्ट पर एयर इंडिया एक्सप्रेस का एक विमान शुक्रवार शाम हादसे का शिकार हो गया जिसमें दो पायलट समेत 18 लोगों की मौत हो गई। केरल में शुक्रवार को तेज बारिश हो रही थी। वंदे भारत मिशन के तहत दुबई से कोझिकोड आ रहा विमान रनवे पर फिसल गया। इस विमान में 190 लोग सवार थे। विमान रनवे पर फिसलने के बाद खाई में गिर पड़ा और दो हिस्सों में टूट गया। ब​ता दें कि कैश विमान का डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर बरामद कर लिया गया है। इसकी मदद से डेटा को डिकोड कर हादसे के कारणों की सही जानकारी का पता लगाया जा सकता है।

विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने बताया पायलट की समझदारी के कारण एक बड़ा हादसा होने से बच गया। उन्होंने बताया कि पायलट ने विमान के क्रैश होने से पहले ही इंजन को बंद कर दिया था, जिसके कारण हादसे के बाद विमान में आग नहीं लगी। अगर आग लग जाती तो बड़ा हादसा हो सकता था।

पुलिस और एयरलाइंस के अधिकारियों ने बताया कि मृतकों में मुख्य पायलट कैप्टन दीपक साठे और उनके सह-पायलट अखिलेश कुमार भी शामिल हैं। साठे भारतीय वायु सेना में पहले विंग कमांडर रह चुके थे। एअर इंडिया एक्सप्रेस ने आधी रात को जारी बयान में कहा, दुर्भाग्य से पायलटों की मौत हो गई है और दुख की इस घड़ी में हम उनके परिजनों के संपर्क में हैं। नागर विमानन मंत्री हरदीप पुरी केरल पहुंच चुके हैं और विमान हादसे का जायजा ले रहे हैं।

सेफ नहीं था कोझिकोड एयरपोर्ट का रनवे

वहीं, विमानन क्षेत्र के नियामक नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने पहले ही कोझिकोड एयरपोर्ट के रनवे को लेकर चेतावनी दी थी कि वहां कभी भी हादसा हो सकता है। डीजीसीए ने हाल फिलहाल में भी सवाल उठाए थे कि रनवे पर ऐसी स्थिति है कि कहीं पानी भर सकता है तो कहीं रबर जमा हो सकती है, जो हादसे की वजह बन सकती है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने 2019 में एयरपोर्ट अथॉरिटी को कालीकट एयरपोर्ट को लेकर नोटिस दिया था। वहीं एयरपोर्ट अथॉरिटी के सूत्रों ने बताया कि DGCA की तरफ से सभी सवालों पर ध्यान दिया जा रहा है और हम सभी मसलों को हल करेंगे। बता दें कि ऑपरेशन के लिहाज से कोझिकोड का एयरपोर्ट खतरनाक माना जाता है। ये एक टेबल टॉप रन वे है। इसका मतलब ये है कि रनवे थोड़ी ऊंचाई पर है और दोनों तरफ की जमीन गहरी है। रनवे जरूरत के लिहाज से छोटा भी है और खत्म होते ही करीब 30 फुट गहरी घाटी भी है। इसके अलावा रनवे के दोनों ओर की पट्टियां भी संकरी हैं, जिसके चलते रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने की स्थिति में मुश्किल आती है। इन सारी कमियों के बावजूद अभी तक एयरपोर्ट पर हमेशा की तरह उड़ानें जारी थीं।

नागर विमानन मंत्रालय ने कहा कि बी737 द्वारा दुबई से संचालित उड़ान संख्या आईएक्स 1344 शुक्रवार को कोझिकोड में शाम सात बजकर 41 मिनट पर रनवे पर फिसल गया। मंत्रालय के मुताबिक, विमान में 10 नवजात समेत 184 यात्री, दो पायलट और चालक दल के चार सदस्य थे। यह वंदे भारत मिशन के तहत भारतीयों को वापस घर लाने के लिए चलाई गई विमान सेवा थी।