पाटीदार नेता हार्दिक पटेल Hardik Patel ने अपनी अनिश्चिकालीन भूख हड़ताल के नौवें दिन रविवार को अपनी वसीयत Will की घोषणा कर दी। वह अपने समुदाय के लिए आरक्षण और किसानों की ऋण माफी की मांग को लेकर अनशन पर हैं। पाटीदार नेता के वसीयतनामे के मुताबिक उनकी संपत्ति में उनके अभिभावकों, एक बहन, 2015 में आरक्षण आंदोलन में मारे गए 14 युवकों और उनके गांव के पास बूढ़ी और बीमार गायों के शेल्टर होम को हिस्सा दिया गया है।
पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के प्रवक्ता मनोज पनारा ने अहमदाबाद के पास हार्दिक पटेल के निवास पर संवाददाताओं से कहा कि हार्दिक पटेल ने अपने निधन के बाद अपनी आंखें दान करने की इच्छा जताई है। यहां वह 25 अगस्त से अनशन पर हैं। तृणमूल कांग्रेस, राकांपा और राजद समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं और प्रतिनिधियों ने पिछले नौ दिनों में पटेल से मुलाकात की है। हालांकि भाजपा सरकार ने अभी तक हस्तक्षेप नहीं किया है।
पनारा ने दावा किया कि पटेल का स्वास्थ्य बिगड़ रहा है। उन्होंने पिछले नौ दिनों से कुछ नहीं खाया है। उन्होंने पिछले 36 घंटों से पानी भी नहीं पीया है। उन्होंने कहा कि पटेल ने "अपने खराब स्वास्थ्य के बारे में डॉक्टर की सलाह पर विचार करते हुए" वसीयत तैयार की है। राजकीय अस्पताल के एक डाक्टर हार्दिक को देखने गए। उन्होंने कहा, "हमने उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी है। उनका मूत्र और रक्तचाप सामान्य है। लेकिन हार्दिक ने खून की जांच कराने से इनकार कर दिया है।"