निठारी कांड: इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले से पीड़ित पक्ष दुखी, निठारी डी-5 कोठी पर बरसाए पत्थर

नई दिल्ली। नोएडा के कुख्यात निठारी कांड में सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2 मामलों में आरोपी सुरेंद्र कोली और मनिंदर पंढेर की फांसी की सजा रद्द कर दी है। कोर्ट ने सुरेंद्र कोली और मनिंदर सिंह दोनों को निर्दोष करार दिया है। दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट निठारी कांड में सीबीआई कोर्ट गाजियाबाद द्वारा सुरेंद्र कोली व मनिंदर सिंह पंढेर को मिली फांसी की सजा के खिलाफ अपील मंजूर कर ली है। आरोप संदेह से परे साबित न हो पाने के कारण निर्दोष करार देते हुए बरी कर दिया है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस निर्णय ने पीड़ित पक्ष को जबरदस्त ठेस पहुँचाई है। निठारी कांड मामले में सुनवाई के बाद पीड़ित पिता रामकिशन ने निठारी डी-5 कोठी पर पहुंचकर पत्थर बरसाए। उसका तीन वर्ष का बच्चा हर्ष गायब हुआ था। कोर्ट के निर्णय के बाद पिता काफी दुखी है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निठारी कांड के आरोपी मनिंदर सिंह पंढेर व सुरिंदर कोली को फांसी की सजा के खिलाफ अपीलों पर दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था। फांसी की सजा के खिलाफ दोनों हाईकोर्ट में अपील दायर की है।

विभिन्न खंडपीठों ने 134 दिन की लंबी सुनवाई की। कोली पर आरोप है कि वह पंढेर कोठी का केयरटेकर था और लड़कियों को लालच देकर कोठी में लाता था। निठारी गांव की दर्जनों लड़कियों गायब हो गईं। वह उनसे दुष्कर्म कर हत्या कर देता था। लाश के टुकड़े कर बाहर फेंक आता था।

निठारी कांड के अन्य मामलों का खुलासा होने पर इस मामले को भी सीबीआई ने 11 जनवरी को अपने हाथ में ले लिया था। सीबीआई ने 26 जुलाई 2007 को अदालत में चार्जशीट पेश की थी। मामले में सीबीआई कोर्ट में 305 दिन सुनवाई हुई। इस दौरान अभियोजन पक्ष ने कुल 38 गवाह पेश किए।