आज शाम देश को संबोधित करेंगे PM मोदी, समय में बदलाव संभव, AIR ने हटाया 4 बजे संबोधन की जानकारी वाला ट्वीट

जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को संबोधित कर सकते हैं। पहले प्रधानमंत्री को 7 अगस्त को ही देश को संबोधित करना था लेकिन वरिष्ठ भारतीय नेता और पूर्व केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन की वजह से इसे स्थगित कर दिया गया। हालाकि, संबोधन का समय तय नहीं हुआ है। पहले खबर थी कि पीएम मोदी का देश के नाम संबोधन शाम चार बजे होगा। यह जानकारी ऑल इंडिया रोडियो की एक ट्विट के जरिए दी थी हालाकि अब उस ट्वीट को हटा दिया है। ट्वीट में बताया गया था कि पीएम का संबोधिन रेडियो के जरिए होगा, जिसका प्रसारण आकाशवाणी के चैनल इंद्रप्रस्थ, एफएम रेनवो और एमएफ गोल्ड पर किया जाएगा।

मंगलवार को लोकसभा से लोकसभा में अनुच्छेद 370 हटाने का संकल्प और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पास होने पर उन्होंने कहा था कि जम्मू कश्मीर एक नई सुबह, एक बेहतर कल के लिए तैयार है।

पीएम मोदी ने ट्वीट में लिखा, 'मैं जम्मू-कश्मीर की बहनों और भाइयों के साहस और जज्बे को सलाम करता हूं। वर्षों तक कुछ स्वार्थी तत्वों ने इमोशनल ब्लैकमेलिंग का काम किया, लोगों को गुमराह किया और विकास की अनदेखी की। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख अब ऐसे लोगों के चंगुल से आजाद है। एक नई सुबह, एक बेहतर कल के लिए तैयार है!'

पीएम मोदी ने गृहमंत्री अमित शाह को विशेष रूप से गृहमंत्री अमित शाह को बधाई देते हुए लिखा, 'हमारे गृह मंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों के बेहतर जीवन को सुनिश्चित करने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। उनके समर्पण और अथक प्रयासों से ही इन विधेयकों का पारित होना संभव हो पाया है। इसके लिए मैं अमित भाई को विशेष बधाई देता हूं!'

बता दे, अनुच्छेद 370 के चलते जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा मिला हुआ था। अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए के चलते जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को भारत के निवासियों की अपेक्षा अलग अधिकार मिले हुए थे। ये अधिकार नागरिकता, संपत्ति के अधिकार और मूल कर्तव्यों से जुड़े थे। इन्हीं प्रावधानों के चलते अन्य राज्यों के नागरिक जम्मू-कश्मीर में संपत्ति आदि नहीं खरीद सकते थे।

मोदी सरकार के इस कदम का कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने विरोध किया है। नई व्यवस्था लागू कराने के लिए जम्मू-कश्मीर में भारी मात्रा में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। खुद NSA अजीत डोभाल घाटी में पहुंचे हुए हैं और सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित कर रहे हैं। कई नेताओं को नजरबंद भी किया गया है। ऐसा किसी भी हिंसक घटना से बचने के लिए किया गया है।

जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल जम्मू-कश्मीर में डेरा डाले हुए हैं। डोभाल ने बुधवार को शोपियां में कुछ स्थानीय लोगों के साथ खाना खाया और उनसे बातचीत की। डोभाल शोपियां में जम्मू-कश्मीर के पुलिसकर्मियों से भी मिले। इस दौरान जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह मौजूद थे। अजीत डोभाल ने अन्य सुरक्षाबलों के जवानों से भी मुलाकात की और फोटो खिंचवाई। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, अजीत डोभाल सोमवार से ही घाटी में हैं और लगातार स्थिति का जायजा ले रहे हैं।

370 हटने से बौखलाया पाकिस्तान, भारत से राजनयिक रिश्ते कम करने का फैसला

जम्मू कश्मीर (Jammu-Kashmir) से अनुच्छेद 370 (Article 370) हटाने के बाद पाकिस्तान पूरी तरह बौखला गया है। उसने भारत से व्यापारिक संबंध तोड़ने और भारत के उच्चायुक्त को वापस भेजने का फैसला किया है। साथ ही पाकिस्तान की ओर से जम्मू कश्मीर में एक बार फिर सीजफायर उल्लंघन किया गया है। राजौरी के सुंदरबनी सेक्टर में पाकिस्तान की ओर से फायरिंग की गई और मोर्टार दागे गए। वहीं भारत ने भी इस पर जवाबी कार्रवाई की। पाकिस्तान की ओर से पहले भी सीजफायर का उल्लंघन होता रहा है। इसके अलावा पाकिस्तान ने आंशिक तौर पर भारत की सीमा से लगे अपने एयरस्पेस को भी बंद कर दिया है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की अगुआई में हुई अहम बैठक में भारत के साथ व्यापार रिश्ते तोड़ने और कूटनीतिक रिश्ते कम करने का ऐलान किया गया है। बॉर्डर पर बौखलाहट के अलावा उसने अपने नौ में से तीन एयरस्पेस भी बंद कर दिए हैं। उसने कश्मीर मसले को संयुक्त राष्ट्र में ले जाने की धमकी दी है। गौरतलब है कि बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने अपना एयरस्पेस बंद कर दिया था।

भारत का पाक को जवाब- ध्यान भटकाने की कोशिश ना करे

पाकिस्तान के इस फैसले पर भारत ने कड़ी आपत्ति जाहिर की है और कहा है कि आतंकवाद के बहाने ढूंढने के लिए पाकिस्तान ये सब काम करता है। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि हमने रिपोर्ट देखी है कि पाकिस्तान ने भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को लेकर एकतरफा कार्रवाई करने का फैसला किया है। इसमें राजनयिक संबंधों को कम करना भी शामिल है। भारत सरकार और संसद के हालिया फैसले जम्मू और कश्मीर में विकास के अवसरों का विस्तार करने की प्रतिबद्धता से प्रेरित हैं, जिन्हें पहले वंचित किया गया था। विदेश मंत्रालय ने कहा कि 370 से संबंधित हालिया घटनाक्रम पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है। भारत का संविधान हमेशा संप्रभुता का मामला था, है और रहेगा। उस अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप करने की कोशिश कभी सफल नहीं होगी। भारत सरकार ने पाकिस्तान द्वारा उठाए गए कदमों की निंदा की है और उससे फैसले की समीक्षा करने का आग्रह किया।