मध्यप्रदेश के बाद राजस्थान में भी सपा ने दी कांग्रेस को चुनौती, उतारे 5 प्रत्याशी, पहले जीती एक सीट

भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री की अगुवाई में विपक्षी दलों को एक साथ लेकर बनाया गया इंडिया गठबंधन कोई विशेष हलचल पैदा नहीं कर सका, जिसका फायदा भाजपा विधानसभा चुनावों में भी उठाने की तैयारी में है। इस गठबंधन को लेकर कांग्रेस का कहना है कि यह गठबंधन लोकसभा चुनावों के लिए किया गया है न कि विधानसभा चुनावों के लिए। इसी बात को देखते हुए पाँच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कमोबेश सभी पार्टियों ने अपने प्रत्याशी मैदान में उतार दिए हैं। विशेष रूप से समाजवादी पार्टी ने मध्यप्रदेश के बाद राजस्थान में भी अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं।

मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीटों पर असहमति के बाद तकरार हो गई वहीं अब इसका असर राजस्थान में देखने को मिल रहा है। समाजवादी पार्टी ने मध्य प्रदेश के बाद राजस्थान में भी पांच उमीदवार उतार कर कांग्रेस के सामने चुनौती खड़ी कर दी है। समाजवादी पार्टी राजस्थान की प्रदेश अध्यक्ष वंदना यादव ने बताया कि हमारी पार्टी यहां पर पांच सीटों पर चुनाव लड़ रही है।

अखिलेश ने कांग्रेस पर लगाया गंभीर आरोप

मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उसे चालू पार्टी तक कह दिया। यही नहीं अखिलेश ने कांग्रेस पर उनकी पार्टी को धोखा देने का भी आरोप लगाया है। इसके बाद दोनों पार्टियों में तल्खी और बढ़ गई है। वहीं जबलपुर में सपा प्रमुख ने ये भी कहा कि कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में हमसे दूरी बनाई है हम उत्तर प्रदेश में उनसे दूरी बनाएंगे।

सपा को एमपी में थी ज्यादा उम्मीद

राजनीतिक विश्लेषक बताते हैं कि सपा को सबसे ज्यादा उम्मीद मध्य प्रदेश से थी जहां कांग्रेस ने उन्हें एक भी सीट नहीं दी। इसके बाद से अखिलेश के निशाने पर भाजपा के साथ कांग्रेस भी है। हालांकि दोनों ओर से अभी इंडिया गठबंधन में ही लोकसभा चुनाव लड़ने का दावा किया जा रहा है।

इन सीटों पर सपा लड़ेगी चुनाव

समाजवादी पार्टी ने यहां अलवर जिले की राजगढ़-लक्ष्मणगढ़, थानागाजी, धौलपुर, नदबई और नगर सीट पर प्रत्याशी उतारे हैं। हमें उम्मीद है कि पार्टी यहां अच्छा प्रदर्शन करेगी। उन्होंने बताया कि कांग्रेस से यहां पर कोई समझौता नहीं हो सका है। हमारा संगठन हर जिले में है। राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी प्रचार करने आयेंगे।

पहले भी उतार चुकी है प्रत्याशी, 2008 में जीती थी एक सीट

चुनावी आंकड़े बताते हैं कि 2018 के चुनाव में सपा ने यहां से पांच उमीदवार उतारे थे, लेकिन उन्हें कामयाबी एक भी सीट पर नहीं मिली। हालांकि उन्हें 7.56 प्रतिशत वोट शेयर जरूर मिला था। राजस्थान में सपा को 2008 में एक सीट मिली थी।