अब सिर्फ पाकिस्तान और अफगानिस्तान में बचा हैं पोलियो, अफ्रीका हुआ इससे मुक्त

दुनियाभर में अभी कोरोना का कहर जारी हैं जिसे हराने में सभी लगे हुए हैं। इससे पहले भी कई बीमारियां आई है जिससे दुनिया ने डटकर सामना किया हैं। ऐसी ही एक बीमारी हैं पोलियो। पोलियो एक विषाणुजन्य रोग है जो ज्यादातार बच्चों को अपना शिकार बनाता हैं और शरीर के अंगों में विकलांगता आने लगती हैं। पोलियो लाईलाज है, क्‍योंकि इसका लकवापन ठीक नहीं हो सकता है। ऐसे में इससे बचाव ही बेहतर इलाज होता हैं। साल 1988 में वैश्विक पोलियो उन्मूलन पहल (जीपीईआई) शुरू की गई थी जिसके तहत विश्व को पोलियो मुक्त करने की राह बनाई गई थी। 25 अगस्त 2020 को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अफ्रीका के अंतिम देश नाइजीरिया के पोलियो मुक्त देश घोषित होने के साथ ही अफ्रीका पोलियो मुक्त हो गया। अफ्रीका में आखिरी बार पोलियो का मामला साल 2016 में नाइजीरिया में आया था।

पोलियो अब केवल दो देशों में बचा

अफ्रीका को पोलियो वायरस से मुक्त घोषित किए जाने के बाद केवल पाकिस्तान और अफगानिस्तान ही ऐसे देश होंगे जहां पर पोलियो वायरस सक्रिय है और स्वास्थ्य कर्मियों पर हमले और असुरक्षा की वजह से पोलियो की बीमारी और जटिल हो गई है। अर्थात दुनिया में अब पोलियो केवल दो देशों (पाकिस्तान और अफगानिस्तान) में बचा है।

किसी देश को पोलियो मुक्त कैसे माना जाता है?

जब किसी देश में चार साल तक पोलियो का कोई नया मामला नहीं सामने आता तो उसे पोलियो मुक्त मान लिया जाता है। अफ्रीका में केवल नाइजीरिया में ही पोलियो वायरस था। यहां साल 2016 से कोई भी नया मामला सामने नहीं आया है। साल 1996 में पूरे अफ्रीका में लगभग 75 हजार बच्चे पोलियो का शिकार हुए थे। इस दौरान अफ्रीका का प्रत्येक एक देश प्रभावित था।

भारत कब पोलियो मुक्त हुआ था

डब्लूएचओ ने 27 मार्च 2014 को भारत को पोलियो मुक्त घोषित किया था। इस दिन दिल्ली स्थित डब्लूएचओ के कार्यालय में आयोजित समारोह में दक्षिण-पूर्व एशिया को पोलियो मुक्त क्षेत्र घोषित किया गया। इसी के तहत भारत भी पोलियो मुक्त घोषित हो गया था।