काबुल एयरपोर्ट के बाहर लगातार दो आत्मघाती धमाके, 40 लोगों की मौत, 120 घायल; भारत-अमेरिका को ISIS पर शक

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के एयरपोर्ट के पास गुरुवार को दो सीरियल ब्लास्ट हुए हैं। रूसी मीडिया के मुताबिक, इसमें 40 लोगों के मारे जाने और 120 लोगों के घायल होने की खबर है। घायलों में तीन अमेरिकी सैनिक भी शामिल हैं। घटना के बाद एयरपोर्ट से तमाम फ्लाइट ऑपरेशन्स बंद कर दिए गए। पेंटागन ने आतंकी संगठन ISIS खुरासन पर हमले का आरोप लगाया है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के सचिव जॉन किर्बी ने कहा, पहला धमाका एयरपोर्ट के अब्बे गेट पर हुआ। इसके बाद दूसरा धमाका एयरपोर्ट के नजदीक बने बरून होटल के पास हुआ, जहां पर ब्रिटेन के सैनिक ठहरे हुए थे।

पेंटागन के मुताबिक, एयरपोर्ट के बाहर तीन संदिग्धों को देखा गया था। इसमें से दो आत्मघाती हमलावर थे, जबकि तीसरा बंदूक लेकर आया था। काबुल एयरपोर्ट और उसके आस-पास के इलाकों में धमाके की वजह से अफरा-तफरी का माहौल है। मरने वालों का आंकड़ा बढ़ने की आशंका है। धमाकों के बाद अमेरिकी दूतावास ने अलर्ट जारी किया है। दूतावास ने लोगों को एयरपोर्ट की ओर नहीं जाने के लिए कहा है। दूतावास ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि जो भी अमेरिकी नागरिक एबी गेट, ईस्ट गेट या नॉर्थ गेट के पास हैं वो वहां से तुरंत निकलें और काबुल एयरपोर्ट के पास जाने से बचें।

काबुल हवाई अड्डे पर हुए धमाकों पर भारत ने चिंता जाहिर की है। भारत सरकार के सूत्रों का कहना है कि इस हमले के पीछे ISIS का हाथ हो सकता है। वहीं, अमेरिका के एक अधिकारी का कहना है कि निश्चित तौर पर माना जा रहा है कि” काबुल हवाई अड्डे के पास हुए बम विस्फोट के पीछे इस्लामिक स्टेट आतंकी समूह का हाथ है।

तालिबान ने अब तक 15 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है। इसमें महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। तालिबान ने इसे आतंकी हमला बताया है। एयरपोर्ट पर एक शख्स ने बताया कि उसकी गोद में ही उसके बच्चे की मौत हो गई।

मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि एयरपोर्ट से लगे नाले में लाशों और घायलों का ढेर लगा हुआ है। यहां पानी में शव पड़े हुए हैं। लोग अपनों को ढूंढ़ रहे हैं। एक दिन पहले ही इस नाले का वीडियो सामने आया था, जिसमें लोगों का हुजूम था। लोग एयरपोर्ट के अंदर जाने के लिए नाले में खड़े थे। आज भी कुछ यही स्थिति थी।

बता दें इन धमाकों से पहले ब्रिटिश सरकार और अमेरिकी दूतावास ने गुरुवार को चेतावनी जारी की थी कि इस्लामिक स्टेट (आईएस या आईएसआईएस) के आतंकवादियों द्वारा अफगानिस्तान में काबुल हवाई अड्डे पर जमा लोगों को निशाना बनाकर ‘आसन्न’ हमला किए जाने की ‘बहुत विश्वसनीय’ खुफिया रिपोर्ट है।

अमेरिकी दूतावास ने चेतावनी देते हुए कहा था, काबुल एयरपोर्ट को तुरंत छोड़कर चले जाएं। ‘काबुल एयरपोर्ट के ईस्ट, नॉर्थ गेट से अमेरिकी नागरिक जल्दी हट जाएं’। उन्होंने आगे कहा, अगले आदेश तक सुरक्षित स्थानों पर ही रहें अमेरिकी नागरिक एबेंसी। वहीं ब्रिटेन, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने अफगानिस्तान छोड़ने के लिए काबुल एयरपोर्ट पर जमा लाखो लोंगो को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा था।

वहीं इससे पहले, इटली के एक सैन्य विमान के काबुल एयरपोर्ट से उड़ने के बाद उस पर फायरिंग की गई थी। हालांकि, इस घटना में विमान को कोई भी नुकसान नहीं पहुंचा था।

ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने दोनों धमाकों की पुष्टि की। सुरक्षा के लिए काबुल एयरपोर्ट से सभी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। सभी विमानों को नाटो की सेना ने सुरक्षा घेरे में ले लिया है।