75वाँ गणतंत्र समारोह: इसरो की झांकी में भारत ने दिखाई अन्तरिक्ष की ताकत, नजर आए चंद्रयान 3 और आदित्य एल 1

नई दिल्ली। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान की लैंडिंग और सूर्य का अध्ययन करने के लिए आदित्य एल-1 मिशन को शुक्रवार को गणतंत्र दिवस परेड में इसरो की झांकी में प्रमुख स्थान मिला। झांकी में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के विभिन्न मिशनों में महिला वैज्ञानिकों की भागीदारी को भी दिखाया गया, जो अब अगले साल भारत की पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान को अंजाम देने की योजना बना रही है।

इस झांकी में ‘लॉन्च व्हीकल मार्क-3' का एक मॉडल पेश किया गया जिसके जरिए चंद्रयान-3 को श्रीहरिकोटा से चंद्रमा तक भेजा गया था। झांकी में दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की सफल सॉफ्ट लैंडिंग को दर्शाया गया है। इस स्थान को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शिव शक्ति प्वाइंट नाम दिया है।

इसरो की झांकी में सूरज के अध्ययन के लिए निचली कक्षा में भेजे गए आदित्य एल-1 को भी प्रदर्शित किया गया। इसके अलावा इसरो के भविष्य के मिशन गगनयान और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन आदि को भी झांकी में स्थान दिया गया। झांकी में आर्यभट्ट और वराहमिहिर जैसे प्राचीन खगोलविदों और अंतरिक्ष अग्रदूतों को भी दर्शाया गया है।

आदित्य-एल1 मिशन का लक्ष्य एल1 के चारों ओर की कक्षा से सूर्य का अध्ययन करना है। यह अंतरिक्ष यान सात पेलोड लेकर जाएगा, जो अलग-अलग वेव बैंड में फोटोस्फेयर (प्रकाशमंडल), क्रोमोस्फेयर (सूर्य की दिखाई देने वाली सतह से ठीक ऊपरी सतह) और सूर्य की सबसे बाहरी परत (कोरोना) का अवलोकन करने में मदद करेंगे।