आजाद हिंद सरकार की 75वीं वर्षगांठ: पीएम मोदी आज रचने जा रहे है एक नया इतिहास, लाल किले पर तिरंगा फहराएंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार यानी आज एक बार फिर से नया इतिहास रचने वाले हैं। रविवार को आजाद हिंद सरकार की 75वीं वर्षगांठ पर लाल किले पर राष्ट्रध्वज फहराएंगे। अब तक देश के प्रधानमंत्री सिर्फ 15 अगस्त को ही लाल किले पर झंडारोहण करते हैं। मगर अब 21 अक्टूबर को भी लाल किले पर झंडारोहण करने करने के साथ नरेंद्र मोदी पहले प्रधानमंत्री बन जाएंगे। इसके अलावा पीएम मोदी नवीकरण के बाद राष्ट्रीय पुलिस स्मारक का भी उद्घाटन करेंगे। इस स्मारक में एक नया संग्रहालय भी बनाया गया है।

एक अधिकारिक बयान के मुताबिक, इस ऐतिहासिक समारोह में केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा और इंडियन नेशनल आर्मी(आईएनए) के सैनिक आर.एस. छिकारा के अलावा अन्य लोग शामिल होंगे। बता दें आजाद हिंद सरकार की स्थापना 21 अक्टूबर, 1943 को की गई थी। बता दें कि इससे पहले भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ एक वीडियो संवाद के दौरान पीएम मोदी ने उन शख्सियतों के योगदान का जश्न मनाने के लिए अपनी सरकार द्वारा किए जा रहे कामों पर विस्तार से चर्चा की, जिन्हें उनके मुताबिक कांग्रेस ने अपने कई दशकों के कार्यकाल के दौरान अनदेखा किया। इस कार्यक्रम के मद्देनजर लाल किला के आसपास सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए हैं। आज सुबह 9 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले की प्राचीर से ध्वजारोहण करेंगे। आजाद हिंद सरकार के गठन की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित इस कार्यक्रम में केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा भी मौजूद रहेंगे। साथ ही साथ बताया जा रहा है कि नेताजी सुभाष चंद्रबोस के परिवार के लोग भी इसमें शामिल होंगे।

कार्यक्रम के मुताबिक, पीएम मोदी राष्ट्रीय पुलिस स्मारक का भी उद्घाटन करेंगे। हालांकि, यह झंडारोहन कार्यक्रम से पहले आठ बजे होगा। इससे पहले इसी बुधवार को पीएम मोदी ने कहा था कि वह सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व वाली ‘आजाद हिंद सरकार' की 75वीं जयंती के मौके पर 21 अक्टूबर को लाल किले में आयोजित होने वाले झंडारोहण समारोह में शामिल होंगे। उन्होंने बीजेपी के कार्यकर्ताओं के साथ एक वीडियो संवाद के दौरान यह ऐलान किया था। सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में आजाद हिंद सरकार का गठन 21 अक्टूबर 1943 को किया गया था। आजाद हिंद सरकार ने देश से बाहर अंग्रेज हुकूमत के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी और आजादी की लड़ाई में एक तरह से परोक्ष रूप से अहम भूमिका निंभाई थी। इसका नेतृत्व सुभाष चंद्र बोस कर रहे थे। जर्मनी से एक 'यू बॉट' से दक्षिण एशिया आए, फिर वहां से जापान गये। जापान से वें सिंगापुर आये जहां आजा़द हिन्द की आस्थाई सरकार की नींव रखी गयी।

साल 1943 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने सिंगापुर में प्रातीय आजाद हिंद सरकार की स्थापना की थी। उस समय 11 देशों की सरकारों ने आजाद हिंद सरकार को मान्यता दी थी। उस सरकार ने कई देशों में अपने दूतावास भी खोले थे। इसके अलावा आजाद हिंद फौज ने बर्मा की सीमा पर अंग्रेजों के खिलाफ जोरदार लड़ाई लड़ी थी।