30 बार 'आत्मनिर्भर' शब्द का जिक्र किया PM मोदी ने, कहा- कोरोना इतनी बड़ी विपत्ति नहीं कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को रोक सके

कोरोना संकट में भारत आज 74वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। पीएम मोदी ने देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी। बतौर प्रधानमंत्री सातवीं बार लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के पीछे लाखों बेटे-बेटियों का त्याग और बलिदान है। आजादी का पर्व नए संकल्पों के लिए ऊर्जा का अवसर है। उन्होंने अपने 86 मिनट के भाषण में आत्मनिर्भर, आत्मनिर्भर भारत, कोरोना संकट, आतंकवाद, रिफॉर्म, मध्यमवर्ग और कश्मीर का विशेष रूप से जिक्र किया। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत पर ज्यादा जोर दिया। इस शब्द का 30 बार इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि कोरोना इतनी बड़ी विपत्ति नहीं कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को रोक पाए।

उन्होंने कहा कि अब कोरोना के बीच 130 करोड़ लोगों ने आत्मनिर्भर बनने का संकल्प लिया है। हम यह करके रहेंगे। दुनिया के अनेक बिजनेस भारत को दुनिया के सप्लाई चेन को देख रहे हैं। हमें मेक इन इंडिया के साथ-साथ मेक फॉर वर्ल्ड को लेकर आगे बढ़ना है।

मोदी ने कहा, 'आत्मनिर्भर भारत आज हर भारतवासी के मन-मस्तिष्क में छाया हुआ है। इस सपने को संकल्प में बदलते देख रहे हैं। ये आज 130 करोड़ देशवासियों के लिए मंत्र बन गया है। जब मैं आत्मनिर्भर की बात करता हूं, तो कई लोगों ने सुना होगा कि अब 21 साल के हो गए हो, अब पैरों पर खड़े हो जाओ। 20-21 साल में परिवार अपने बच्चों से पैरों पर खड़े होने की अपेक्षा करता है। आज आजादी के इतने साल बाद भारत के लिए भी आत्मनिर्भर बनना जरूरी है। जो परिवार के लिए जरूरी है, वो देश के लिए भी जरूरी है। भारत इस सपने को चरितार्थ करके रहेगा। मुझे इस देश के सामर्थ्य, प्रतिभा पर गर्व है।'

मोदी ने कहा, 'कोरोना के संकट में हमने देखा कि दुनिया में कठिनाई हो रही है। दुनिया चीजें नहीं दे पा रहीं। इस देश में N-95 मास्क नहीं बनता था, PPE Kit नहीं बनती थीं, वेंटिलेटर नहीं बनते थे, अब बनने लगे। आत्मनिर्भर भारत दुनिया की कैसे मदद कर सकता है, यह आज हम देख सकते हैं। ...बहुत हो चुका। आजाद भारत की मानसिकता क्या होनी चाहिए। वोकल फॉर लोकल। स्थानीय उत्पादों का गौरव गान करना चाहिए। ऐसा नहीं करेंगे तो उसकी हिम्मत नहीं बढ़ेगी। हम मिलकर संकल्प लें कि 75 साल की तरफ जब हम बढ़ रहे हैं तो वोकल फॉर लोकल का मंत्र अपनाएं।'

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में बिना नाम लिए चीन पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि विस्तारवाद की सोच ने विस्तार के बहुत प्रयास किए। पीएम मोदी ने कहा कि विस्तारवाद की सोच ने सिर्फ कुछ देशों को गुलाम बनाकर ही नहीं छोड़ा, बात वही पर खत्म नहीं हुई। भीषण युद्धों और भयानकता के बीच भी भारत ने आजादी की जंग में कमी और नमी नहीं आने दी।