टैक्‍स से बचने के लिए अपनाएं ये 6 खास तरीके

आम तौर पर लोगों का ध्यान इनकम टैक्स की धारा 80C पर केंद्रित रहता है जिसका लाभ उठाकर हम 1.5 लाख रुपय तक की कटौती का लाभ उठा सकते हैं। हालांकि, कर में छूट के इन कम लोकप्रिय तरीकों के बारे में जानकर आपको ना केवल टैक्स कम करने मे मदद मिलेगी बल्कि आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत टैक्स छूट का लाभ उठाने के लिए आपको कैसा निवेश करना चाहिए यह जानकारी भी मिलेगी। चलिये जानें कुछ ऐसी कटौतियों के बारे मे जिनसे आपको अधिक टैक्स बचाने मे मदद मिलेगी।

सेल्‍फ एंप्लाय्ड के मामले मे किराए के भुगतान पर छूट

आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80 GG के तहत, किसी भी इंसान को अपने निवास के लिए दिए गये किराए पर छूट की अनुमति है, जितना किराया दिया गया है उसमे से अपनी आय का 10% कम, कुल आय का 25% या फिर 5000 रुपय महीना, तीनों मे से जो भी कम हो। लेकिन इस छूट को पाने के लिए ये जरूरी है की व्यक्ति की ऐसी आय नहीं होनी चाहिए जिस पर धारा 10(13A) के तहत छूट ली जा सके, और ना ही व्यक्ति की पत्नी और बच्चे के पास कोई आवास होना चाहिए। ग्रांट थॉर्नटन इंडिया LLP के निदेशक, अखिल चन्द्र के अनुसार व्यक्ति के पास कोई आवासीय घर नहीं होना चाहिए।


उच्च सिक्षा के लिए ऋण पर ब्याज के संबंध में कटौती

कोई व्यक्ति आयकर अधिनियम की धारा 80 E के तहत उच्च सिक्षा के लिए ऋण के ब्याज के संबंध में छूट ले सकता है लेकिन यह छूट वो स्वयं यानी पति / पत्नी, बच्चों के लिए ले सकता है। यह छूट ऋण की पहली किश्त के समय से 8 वर्षों के लिए ली जा सकती है।

धार्मिक संस्थाओं को दान के संबंध में कटौती

आम तौर पर आयकर अधिनियम की धारा 80 G के तहत यह कटौती नियोक्ता को निवेश साक्ष्य प्रस्तुत करने के समय उपलब्ध नहीं है इसलिए, व्यक्ति इस छूट का लाभ नही उठा पाता है। कटौती की दर या तो 50 या 100 प्रतिशत योगदान राशि है, इसमे यह देखना महत्वपूर्ण होगा की राशि कहां दी गयी है।

विकलांग व्यक्ति के मामले में कटौती

अधिनियम की धारा 80 U के तहत, एक निवासी व्यक्ति, जिसे विकलांग व्यक्ति के रूप में निर्धारित चिकित्सा प्राधिकारी द्वारा प्रमाणित किया गया हो, उसे 75,000 रुपये की कटौती की अनुमति है और यदि व्यक्ति गंभीर विकलांगता से ग्रस्त है, तो उसे 125000 रुपय की कटौती की अनुमति मिलती है। यह ध्यान देने योग्य है कि निवासी व्यक्ति द्वारा किए गए व्यय की वास्तविक राशि के बावजूद इस कटौती का दावा किया जा सकता है।

बच्चों के लिए ट्यूशन फीस का भुगतान

माता पिता बच्चों की शिक्षा के लिए ट्यूशन फीस का भुगतान करते हैं। हालांकि, केवल कुछ ही लोग जानते हैं कि टैक्स रिटर्न भरते समय इस व्यय पर छूट की अनुमति है, स्कूल, कॉलेज या यूनिवर्सिटी में आपके बच्चों की शिक्षा के लिए भुगतान की जाने वाली ट्यूशन फीस धारा 80 C के तहत छूट के लिए योग्य है।

गंभीर रोगों के उपचार पर किए गए खर्च

इनकम टैक्स अधिनियम के नियम 11 DD मे उन रोगों का उल्लेख किया गया है जिनमे छूट की अनुमति है। धारा 80 DDB के प्रावधानों के अनुसार, करदाता 40,000 रुपये तक का कर कटौती का दावा कर सकता है। यदि बीमारियों के इलाज के लिए खर्च करने वाला व्यक्ति एक वरिष्ठ नागरिक है, तो कटौती 60,000 रुपये तक हो सकती है।