जालोर : सोनू सूद की दरियादिली से बची 5 महीने की सानिया, 25 दिन तक मुंबई में चला इलाज

कोरोना के इस दौर में लॉकडाउन के दौरान बॉलीवुड कलाकार सोनू सूद कई लोगों के लिए मसीहा बने हैं। जहां सोनू सूद ने लॉकडाउन में कई लोगों को अपने घर पहुंचाया। लेकिन सोनू सूद की दरियादिली यही नहीं रुकी बल्कि वे लगातार कई और तरह से लोगों की मदद करने में लगे हुए हैं। सोनू सूद से मदद पाने वालों में राजस्थान के जालोर की 5 महीने की सानिया भी हैं जिसका इलाज सोनू सूद फाउंडेशन ने कराया है। इलाज में 8 से 9 लाख रुपए का खर्चा आ रहा था और आर्थिक स्थिति कमजोर होने की वजह से परिजन उसका इलाज करवाने में असमर्थ थे। करीब 25 दिन तक मुंबई में इलाज के बाद बच्ची स्वस्थ होकर घर लौटी है। इस खुशी में उसके परिवार वालों ने बेटी का नाम सोनू रखा है। खुद सोनू सूद ने भी ट्वीट कर खुशी जाहिर की है। 6 माह पहले सोनू सूद फाउंडेशन की ओर से जालोर शहर के गोडीजी निवासी एक महीने की मासूम का भी इलाज करवाया था। परिजनों ने इसका नाम भी सोनू रखा था।

जानकारी के अनुसार भीनमाल निवासी प्रमोद कुमार पुत्र प्रभु लाल जीनगर की बच्ची के दिल में जन्म से छेद था। जिसका इलाज करवाने में परिजन समर्थ नहीं थे, लेकिन एक ट्वीट से सोनू की जिंदगी बदल गई। सोनू सूद की टीम ने तत्काल ट्वीट पर परिजनों से संपर्क किया था। सोनू सूद फाउंडेशन की टीम जालोर पहुंची और बच्ची को इलाज के लिए मुंबई ले जाया गया। 25 दिन से एक दम स्वस्थ होकर अब घर पहुंच गई।

सोनू सूद फाउंडेशन के प्रभारी हितेश जैन ने बताया कि जालोर जिले की सनिया नाम की बच्ची है जो 5 महीने की जिसके दिल में छेद था और सांस की नली दबी हुई थी। उसके परिजन इलाज करवाने में असमर्थ थे। इसके बाद कमलेश कुमार जीनगर ने नरेश खिलेरी नामक युवक से ट्वीट करवाया, मुहिम पर उनके पास पहुंचे और उन्हें इस बारे में जानकारी दी। उसके बाद रिपोर्ट चेक कर बच्ची को इलाज के लिए मुंबई ले जाया गया, जहां उसका सफल उपचार हुआ। प्रमोद जीनगर इससे पहले गुजरात के पालनपुर, अहमदाबाद में डेढ़ महीने से इलाज करवा रहे थे। इलाज के दौरान बच्ची की तबीयत बिगड़ने पर डॉक्टरों ने दिल में छेद होने का ऑपरेशन करवाने की सलाह दी थी। गुजरात में इसके इलाज पर करीब 8 से 9 लाख खर्चा बताया गया था।