मध्य प्रदेश / मजदूरों के साथ एक और बड़ा हादसा, ट्रक पलटने से 5 की मौत, 11 घायल

कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन का सबसे बुरा असर प्रवासी मजदूरों पर पड़ रहा है। लॉकडाउन के दौरान मजदूरों की घर वापसी और रास्ते में हादसे का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते दिनों यानी शुक्रवार सुबह महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में रेल की पटरियों पर सो रहे 16 प्रवासी मजदूरों की एक मालगाड़ी की चपेट में आने से मौत हो गई थी। वहीं अब मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर के पाठा गांव के पास एक ट्रक पलटने से 5 लोगों की मौत हो गई। हादसे में 11 लोग घायल हैं। दरअसल, एक ट्रक में सवार होकर कई मजदूर उत्तर प्रदेश जा रहे थे, तभी ये हादसा हुआ। ये घटना शनिवार-रविवार रात की है। जब ये हादसा हुआ तब ट्रक में ड्राइवर और कंडक्टर सहित 18 लोग सवार थे। ये लोग हैदराबाद से उत्तर प्रदेश के आगरा जा रहे थे। रास्ते में पाठा गांव पहुंचते ही ट्रक पलट गया। ट्रक में सवार 15 मजदूर हैदराबाद में मजदूरी करते थे।

हादसा एनएच 44 पर नरसिंहपुर और सिवनी सीमा के बीच हुआ है। हादसे की जानकारी मिलते ही मौके पर कलेक्टर और एसपी पहुंचे। नरसिंहपुर के जिलाधिकारी दीपक सक्सेना ने बताया, आम से लदे ट्रक में दो ड्राइवर और एक कंडक्टर समेत 18 लोग सवार होकर जा रहे थे। पाठा गांव के पास ट्रक के अचानक पलटने से 5 मजदूरों की मौत हो गई और 11 लोग घायल हो गए। जिलाधिकारी दीपक सक्सेना ने बताया कि मजदूर हैदराबाद से यूपी के आगरा जा रहे थे।

सिविल सर्जन अनीता अग्रवाल ने बताया कि गंभीर रूप से घायल दो लोगों को जबलपुर रेफर कर दिया गया है। इसमें से एक को सिर में गंभीर चोट आई है, वहीं दूसरे को फ्रैक्चर हुआ है। अन्य घायलों की हालत स्थिर है। घायल मजदूरों में से एक को कुछ दिन से सर्दी-खांसी थी, जिसके चलते मृतकों सहित सभी के कोरोना सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिए गए हैं। इसे देखते हुए 5 मृतकों समेत सभी 18 लोगों के सैंपल भी लिए गए हैं। सभी का कोरोना टेस्ट होगा।

बता दे, दो दिन पहले यानि शुक्रवार सुबह महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में रेल की पटरियों पर सो रहे 16 प्रवासी मजदूरों की एक मालगाड़ी की चपेट में आने से मौत हो गई थी। औरंगाबाद में बदनापुर-करमाड रेलवे स्टेशन के पास से जब एक मालगाड़ी गुजर रही थी, तब उसने 16 से अधिक मजदूरों को कुचल दिया, जबकि कुछ अन्य मजदूर घायल भी हुए। भारतीय रेलवे की ओर से जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक, जिन मजदूरों की मौत हुई वे सभी मध्य प्रदेश के रहने वाले थे और महाराष्ट्र के जालना में एसआरजी कंपनी में कार्यरत थे।