बैंकों से करोड़ों रूपये क़र्ज़ लेकर नहीं चुकाने का एक और मामला सामने आया है। यह मामला 2654 करोड़ रूपये का है। सीबीआई ने वडोदरा की एक कंपनी और उसके निदेशकों के खिलाफ एक आपराधिक मामला दर्ज किया है। यह कंपनी बिजली केबल और उपकरणों का कारोबार करती है। सीबीआई के एक प्रवक्ता ने बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने कंपनी डायमंड पावर इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (डीपीआईएल) और उसके निदेशकों के वडोदरा स्थित आधिकारिक और आवासीय परिसरों की तलाशी शुरू कर दी।
सीबीआई सूत्रों ने बृहस्पतिवार को बताया कि वडोदरा स्थित बिजली उपकरण बनाने वाली कंपनी डायमंड पावर इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। कंपनी के निदेशकों पर कई बैंकों से 2654 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है। कंपनी के प्रमोटर एसएन भटनागर हैं और उनके बेटे अमित एवं सुमित भटनागर इस कंपनी में एग्जीक्यूटिव हैं।
इन पर 11 निजी और सरकारी बैंकों से 2008 से 2016 के बीच भारी कर्ज लेकर नहीं चुकाने के आरोप हैं। 2016-17 में इस कर्ज को गैर निष्पादित संपत्ति (एनपीए) करार दिया गया।
हैरानी की बात यह है कि बैंकों के कंसोर्टियम द्वारा लोन मंजूर किए जाने से पहले रिजर्व बैंक ने इस कंपनी का नाम डिफॉल्टर सूची में डाल दिया था। इसमें बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से घोटाले का दावा किया गया है।
सीबीआई एफआईआर के मुताबिक बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, आईसीआईसीआई, इलाहाबाद बैंक, ऐक्सिस बैंक, देना बैंक, एसबीआई बैंक, आईओवी, कॉरपोरेशन बैंक, टाटा कैपिटल फाइनेंस सर्विस लिमिटेड, बैंक ऑफ महाराष्ट्र समेत कुल 19 बैंक शामिल हैं।