कौन बनेगा करोड़पति के नाम से आई व्हाट्सएप कॉल, 25 लाख का लालच देकर की ठगी

इस दुनिया में अच्छे काम करने वालों के साथ ही अपराध करने वालों की भी कोई कमी नहीं हैं। लोग फायदा पाने और लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए कई तरीके आजमाते हैं। ऐसा ही ठगी का मामला चंडीगढ़ के सेक्टर-22 का है। यहां एक युवक को ‘कौन बनेगा करोड़पति’ में 25 लाख रुपये की लॉटरी जीतने का झांसा देकर शातिरों ने 24 हजार की ठगी कर ली। मामले का खुलासा होने पर पीड़ित ने साइबर सेल को सूचना दी। जांच के बाद साइबर सेल ने सेक्टर-17 थाने में आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है।

शिकायतकर्ता हरप्रीत सिंह (19) ने साइबर सेल को दी शिकायत में बताया है कि वह सेक्टर-22 में रहता है। बीते पांच जून को उसके मोबाइल पर व्हाट्सएप कॉल आई। फोन करने वाले शख्स ने कहा कि ‘मैं केबीसी (कौन बनेगा करोड़पति) से बोल रहा हूं। आपकी 25 लाख रुपये की लॉटरी निकली है।’ यह सुनकर वह बहुत खुश हुआ। इसके बाद शिकायतकर्ता हरप्रीत ने उससे कहा कि ठीक है पैसे दे दो।

इस पर उस शख्स ने एक मोबाइल नंबर देकर कहा कि आपको पहले केबीसी ऑफिसर विजय कुमार से बात करनी होगी। शिकायतकर्ता ने जब दिए गए नंबर पर बात की तो विजय नामक शख्स ने कहा कि यह रुपये आपके खाते में आ जाएंगे लेकिन उसके पहले आपको 15 हजार रुपये का चार्ज देना होगा। इसके बाद विजय ने उसे एक बैंक खाता नंबर दे दिया और उसका खाता नंबर ले लिया। थोड़ी देर बाद उसके मोबाइल पर 25 लाख रुपये की जमा पर्ची, केबीसी का आईकार्ड और कुछ विडियो आ गए। इस दौरान उन लोगों के झांसे में आकर हरप्रीत ने पहले 7 हजार, फिर 8 और उसके बाद 9 हजार राजेंद्र पांडेय नामक व्यक्ति के बैंक खाते में जमा करवा दिए। 24 हजार रुपये जमा करने के बाद भी इसके बावजूद उसके खाते में पैसे नहीं आए। वहीं, शातिर ठग उससे और पैसे मांग रहे थे। ठगी का अहसास होने पर हरप्रीत ने मामले की सूचना साइबर सेल को दी। अब साइबर सेल की टीम बैंक खाता और आरोपी के मोबाइल नंबर के आधार पर आरोपियों की पहचान करने में जुटी है।

सेक्टर-22 में चाबी बनाने का काम करता है हरप्रीत

शिकायतकर्ता हरप्रीत ने बताया कि वह सेक्टर-22 की मार्केट में चाबियों का काम करता है। शातिरों ने उसके मोबाइल पर कई सारे केबीसी में रुपये जीतने वाले वीडियो को भेजा। इसकी वजह से वह आसानी से शातिरों के झांसे में आ गया। हरप्रीत ने बताया कि कभी भी उसने केबीसी में किसी तरह का कोई फार्म अप्लाई या फिर कोई ऐसी लिंक को क्लिक नहीं किया था। इसके बावजूद आरोपियों को मेरा मोबाइल नंबर कहां से मिला कुछ नहीं कह सकता।