प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगातार दूसरी बार सरकार बनने के बाद 17वीं लोकसभा का पहला सत्र सोमवार यानी 17 जून से शुरू हो रहा है। ये सत्र 26 जुलाई तक चलेगा। इसी सत्र में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट 5 जुलाई को पेश किया जाएगा और इस सत्र में ही मोदी सरकार तीन तलाक पर रोक और जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) सहित 10 अध्यादेशों को कानून में बदलने की तैयारी में है। इन अध्यादेशों को सत्र शुरू होने के 45 दिनों के अंदर कानून में बदलना होगा, नहीं तो उनकी अवधि समाप्त हो जाएगी। सत्र के दौरान 5 जुलाई को पूर्ण बजट पेश किया जायेगा। लोकसभा के सत्र से एक दिन पहले रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक बुलाकर तीन तलाक सहित कई अहम बिलों पर विपक्ष का सहयोग मांगा।
इस बजट सत्र के पहले दो दिन नव निर्वाचित सांसदों को प्रोटेम स्पीकर डॉ वीरेंद्र कुमार शपथ दिलाएंगे। बुधवार को नए लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। इसके बाद राष्ट्रपति बृहस्पतिवार को दोनों सदनों के संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे। चूंकि प्रोटेम स्पीकर का मुख्य काम सभी सदस्यों को शपथ दिलाना है इसलिए उनकी अनुपस्थिति में इस काम को निपटाने के लिए 3 और लोगों की नियुक्ति की गई है। इनमें बृजभूषण शरण सिंह, भर्तृहरि महताब और के सुरेश शामिल है। लोकसभा अध्यक्ष को 19 जून को चुना जायेगा। राष्ट्रपति लोकसभा और राज्यसभा दोनों की संयुक्त बैठक को 20 जून को संबोधित करेंगे। आर्थिक सर्वेक्षण 4 जुलाई को पेश किया जायेगा और इसके अगले दिन बजट पेश किया जायेगा। सत्र की कुल 30 बैठकें होंगी। यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट होगा और निर्मला सीतारमण बतौर वित्त मंत्री 5 जुलाई को केंद्रीय आम बजट पेश करेंगी।
40 दिन चलेगा संसद सत्र17वीं लोकसभा का बजट सत्र सोमवार (17 जून) से शुरू हो रहा जो 26 जुलाई 2019 तक चलेगा। राज्यसभा का सत्र 20 जून को शुरू होगा और 26 जुलाई तक चलेगा। वित्त वर्ष 2019-20 का पूर्ण बजट पांच जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी। संसद का यह सत्र 40 दिनों तक चलेगा और इसमें 30 बैठकें होंगी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 20 जून को लोकसभा और राज्यसभा के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करेंगे जिसके बाद उनके संबोधन पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होगी।
इन विधेयकों पर होगी नजरइस सत्र में नरेंद्र मोदी सरकार तीन तलाक, केंद्रीय शैक्षणिक संस्थान, नागरिकता संशोधन जैसे कई अहम बिल पेश करेगी। इनमें तीन तलाक बिल पर पुराने स्टैंड पर अड़ी सरकार की कोशिश दूसरे कार्यकाल में इसे कानूनी जामा पहनाने की होगी। हालांकि सरकार की सहयोगी जदयू ने इस बिल का समर्थन न करने की घोषणा की है, जबकि अन्य विपक्षी दलों ने इस बिल पर अपना रुख साफ नहीं किया है।
इन अध्यादेशों को कानून में बदलेगी मोदी सरकार!तीन तलाक पर रोक संबंधी अध्यादेश के अलावा अन्य अध्यादेशों में भारतीय चिकित्सा परिषद (संशोधन) अध्यादेश, कंपनी (संशोधन) अध्यादेश, जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) अध्यादेश, आधार और अन्य कानून (संशोधन) अध्यादेश, नयी दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र अध्यादेश, होम्योपैथी केंद्रीय परिषद (संशोधन) अध्यादेश, विशेष आर्थिक क्षेत्र (संशोधन) अध्यादेश और केंद्रीय शैक्षिक संस्थान (शिक्षक संवर्ग में आरक्षण) अध्यादेश शामिल हैं।
क्या होता है पूर्ण बजटनई सरकार बनने के बाद सालभर के खर्चों का लेखा-जोखा जारी किया जाता है। इसे ही पूर्ण बजट कहते हैं। इसके जरिए सरकार की इनकम और खर्च का ब्योरा पेश किया जाता है। यह पूरे साल के लिए होता है। पूर्ण बजट में आंकड़ों के जरिए सरकार संसद को बताती है कि वो आने वाले वित्त वर्ष में किस चीज पर कितना पैसा खर्च करने वाली है।
राज्यसभा में ताकतवर है विपक्षअकेले दम पर 303 सीटें जीतकर लोकसभा चुनाव में बहुमत का जादुई आंकड़ा पार करने वाली भारतीय जनता पार्टी और उसके नेतृत्व वाला एनडीए निचले सदन में मजबूत है। लोकसभा में एनडीए के 353 सांसद हैं, वहीं राज्यसभा में सिर्फ 102। उच्च सदन में विपक्षी दल ताकतवर हैं। ऐसे में राज्यसभा में सत्ताधारी दल के लिए विपक्ष का सहयोग जरूरी है।
20 जून को शुरू होगा राज्यसभा का सत्र गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2019-20 के लिए अंतरिम बजट तत्कालीन वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने एक फरवरी 2019 को पेश किया था। राज्यसभा का सत्र 20 जून को शुरू होगा और 26 जुलाई तक चलेगा। वहीं बजट सत्र शुरू होने से एक दिन पहले, सरकार ने रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई जिसमें विपक्ष ने किसानों की समस्या, बेरोजगारी और सूखे जैसे मसलों पर संसद में बहस कराए जाने की मांग की।
पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला, टीएमसी के नेता डेरेक ओब्रायन समेत सभी पार्टियों के नुमाइंदे शामिल हुए। बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए आजाद ने कहा कि जन हित वाले किसी भी विधेयक का हम विरोध नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि किसानों की समस्या, बेरोजगारी एवं सूखे पर चर्चा होनी चाहिए।