बीकानेर : कोरोना के साथ ब्लैक फंगस बन रहा आफत, 1 मौत एवं 7 नए रोगी

बीकानेर में कोरोना के आंकड़ों का उतार-चढ़ाव तो परेशानी बना हुआ ही हैं लेकिन इसी के साथ ही अब ब्लैक फंगस भी परेशानी का कारण बन रहा हैं। बीते दिन मंगलवार को ब्लैक फंगस से पीड़ित एक और रोगी की मौत हो गई। इसके साथ ही इस बीमारी से दम तोड़ने वालों की संख्या सात हो गई है। ब्लैक फंगस से पीड़ित जिस रोगी की मंगलवार को जिस 42 वर्षीय रोगी की मृत्यु हुई है वह एमसीएच कोविड हॉस्पिटल में गंभीर हालत में भर्ती था। वहीं से जांच के लिए सैंपल भेजा और रिपोर्ट आने तक मौत हो गई।

इसके साथ ही मंगलवार को भी सात नए रोगी रिपाेर्ट हुए हैं। ऐसे में पीबीएम हॉस्पिटल में अब तक 42 राेगियों में इस बीमारी की पुष्टि हो चुकी है। कई मरीज स्थिति गंभीर होने के बाद पहुंच रहे हैं। इसके बावजूद जो रोगी फंगस पॉजिटिव हैं उनकी जान बचाने के लिए जल्द से जल्द सभी जांचें करवाकर सर्जरी करना पहली प्राथमिकता होगी। रोगियों की बढ़ती संख्या और कम होती इंजेक्शन की आपूर्ति चिंता बढ़ा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि सर्जरी के बाद भी लगभग चार सप्ताह तक नियमित तौर पर एम्फोटेरेसिन-बी इंजेक्शन लगते हैं। ऐसे में इंजेक्शन पूरे नहीं लगे तो सर्जरी के बाद भी जान का संकट हो सकता है। म्यूकोर माइकोसिस के रोगी बढ़ने के साथ ही इस बीमारी से पीड़ितों के लिए दो और वार्ड रिजर्व किए गए हैं। बुधवार से इन वार्डों में मरीजों को भर्ती किया जाएगा।

आज से प्रदेश में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हुई हैं। लेकिन बीकानेर में कोरोना के आंकड़ों का उतार-चढ़ाव इस अनलॉक की प्रक्रिया में अड़चन पैदा कर सकता हैं। सोमवार को दिनभर की रिपोर्ट में महज 34 केस ही आए थे लेकिन मंगलवार को 75 पॉजिटिव आए हैं। एक तरफ जब लॉकडाउन खुलने के लिए पॉजिटिव रेट काे आधार माना जा रहा है, वहीं दूसरी ओर बीकानेर में अचानक से मामले बढ़ रहे हैं। अगर केस बढ़े तो लॉकडाउन में बुधवार से मिल रही छूट भी बंद हो सकती है।

रविवार को महज 811 ने कोविड टेस्ट करवाया था जिनमें 34 पॉजिटिव आये। सोमवार को 1230 टेस्ट हुए इसमें 75 पॉजिटिव आए हैं। मंगलवार को जिन क्षेत्रों से अधिक पॉजिटिव केस आ रहे हैं, उनमें पीबीएम अस्पताल के कोविड ओपीडी के अलावा शहरी क्षेत्र के डिस्पेंसरी व ग्रामीण क्षेत्र शामिल है। हालांकि शहरी क्षेत्र के ओपीडी में संख्या सिंगल डिजिट में है। पीबीएम अस्पताल में ही कोरोना रोगी अधिक मिल रहे है। बड़ी संख्या में अस्पताल में अन्य रोगों के कारण भर्ती रोगी भी पॉजिटिव आ रहे हैं।