बिहार में चुनाव की तैयारियाँ जोरों पर हैं। ऐसे में इलेक्शन कमीशन ने वोटर लिस्ट का रिवीजन शुरू कर दिया है ताकि हर योग्य नागरिक को मताधिकार का लाभ मिल सके। इस प्रक्रिया के दौरान कई लोगों को आशंका होती है कि कहीं उनका नाम तो लिस्ट से नहीं हट गया? ऐसे में यह जानना जरूरी है कि कब और क्यों किसी मतदाता का नाम लिस्ट से हटाया जाता है।
इस बार चुनाव आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि वोटर आईडी और आधार के आधार पर नाम नहीं जुड़ेगा। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है। वहीं आयोग ने राज्य चुनाव अधिकारियों को पूरे देश में मतदाता सूची का गहन परीक्षण करने का निर्देश भी दिया है। आयोग का दावा है कि इस मुहिम से फर्जी और दोहराए गए नामों को अलग किया जा सकेगा, जिससे निष्पक्ष चुनाव की नींव मजबूत होगी।
हर नागरिक के लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि वोट डालने के लिए सबसे पहली और अनिवार्य शर्त यह है कि आपका नाम वोटर लिस्ट में मौजूद हो। लेकिन कई बार, मतदान के समय पर पता चलता है कि नाम ही नहीं है। तो चलिए जानते हैं वो 7 वजहें जिनसे आपका नाम वोटर लिस्ट से हट सकता है।
कब-कब कटता है वोटर लिस्ट से नाम? जानिए 7 बड़ी वजहें
1. पता बदलने पर : जब कोई व्यक्ति एक विधानसभा क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में स्थायी रूप से शिफ्ट होता है और वहां नया वोटर आईडी बनवाता है, तो पुराने पते से उसका नाम हटा दिया जाता है।
उदाहरण के लिए: अगर आप लखनऊ से जयपुर शिफ्ट हुए और नया वोटर आईडी जयपुर का बनवाया, तो लखनऊ की लिस्ट से आपका नाम हटा दिया जाएगा।
2. वोटर की मृत्यु होने पर : जब किसी परिवार के सदस्य की मृत्यु हो जाती है और परिजन बीएलओ या चुनाव कार्यालय को इसकी सूचना देते हैं, तो मृत्यु प्रमाणपत्र के आधार पर उनका नाम हटाया जाता है। यह कदम न केवल प्रशासनिक रूप से आवश्यक होता है, बल्कि लोकतंत्र की पारदर्शिता के लिए भी जरूरी है।
3. लंबे समय तक मतदान न करने पर : यदि कोई व्यक्ति कई वर्षों से लगातार मतदान नहीं करता और उसकी कोई चुनावी गतिविधि दर्ज नहीं होती, तो उसका नाम ‘इनएक्टिव’ मान लिया जाता है। हालांकि, आयोग इसे नोटिस और सत्यापन के बाद ही हटाता है, जिससे किसी सक्रिय नागरिक के साथ अन्याय न हो।
4. गलत जानकारी पाए जाने पर : यदि किसी मतदाता की प्रविष्टि में दी गई जानकारी जैसे उम्र, पता या दस्तावेज़ गलत या फर्जी पाए जाते हैं, तो जांच के बाद उनका नाम हटा दिया जाता है। कई बार छोटी सी टाइपिंग गलती या डॉक्यूमेंट मिसमैच से भी समस्या हो सकती है, इसलिए दस्तावेज़ों की पुष्टि जरूरी है।
5. एनआरआई बन जाने पर : अगर कोई व्यक्ति भारत छोड़कर स्थायी रूप से विदेश में बस गया है और Form 7 भरकर नाम हटवाने का अनुरोध करता है, तो उसका नाम लिस्ट से हटा दिया जाता है। यह प्रक्रिया स्वेच्छा से की जाती है और कई बार लोग स्वयं यह अनुरोध करते हैं।
6. दोहरी प्रविष्टि (Duplicate Entry) : तकनीकी गड़बड़ियों या मानवीय भूल के कारण यदि एक ही व्यक्ति का नाम दो बार दर्ज हो जाता है, तो जांच के बाद एक प्रविष्टि हटा दी जाती है। यह प्रक्रिया चुनावी पारदर्शिता के लिए आवश्यक है ताकि एक व्यक्ति दो जगह से वोट न डाल सके।
7. नवीनीकरण के दौरान पुष्टि न होने पर : हर साल या चुनाव से पहले वोटर लिस्ट का रिवीजन होता है। यदि इस दौरान कोई व्यक्ति फॉर्म नहीं भरता या बीएलओ की पुष्टि के समय अनुपस्थित रहता है, तो उसका नाम हटा दिया जा सकता है। यह समय पर फॉर्म भरने और बीएलओ के संपर्क में रहने का महत्व दर्शाता है।
अगर नाम कट गया तो कैसे जुड़वाएं फिर से?- अगर आपको लगता है कि आपका नाम वोटर लिस्ट से हट गया है, तो घबराने की जरूरत नहीं।
- आप चुनाव आयोग की वेबसाइट https://www.nvsp.in/ पर जाकर या नजदीकी निर्वाचन कार्यालय में जाकर Form 6 भरकर फिर से पंजीकरण करवा सकते हैं।
- वोटर लिस्ट में नाम होना केवल एक अधिकार नहीं, बल्कि जिम्मेदारी भी है।
- समय-समय पर अपनी जानकारी जांचें और अपडेट रखें, ताकि लोकतंत्र में आपकी भागीदारी बनी रहे।
कैसे खोजें वोटर लिस्ट में अपना नाम?वोटर लिस्ट में नाम चेक करने के लिए राष्ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल (National Voters’ Service Portal) पर जाएं।
- “Search in Electoral Roll” विकल्प पर क्लिक करें।
- आप EPIC नंबर या व्यक्तिगत जानकारी से सर्च कर सकते हैं।
- इसके अलावा, SMS के माध्यम से भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
- यह प्रक्रिया बेहद आसान और मोबाइल फ्रेंडली है, ताकि हर कोई समय पर अपने नाम की पुष्टि कर सके।