दूसरों के सामने अपनी बात नहीं रख पाता हैं आपका बच्चा, इन तरीकों से करें उन्हें तैयार

हर इंसान का दूसरों के सामने अपनी बात अच्छे से रखना जरूरी होता हैं जो कि उनके आत्मविश्वास को दर्शाता हैं। इसकी शुरुआत बचपन से ही हो जाती हैं। बचपन कच्ची मिट्टी की तरह होता है जिसमें बच्चों को जिस आकर में ढाला जाए, वह उनके आने वाले भविष्य और व्यवहार में देखने को मिलता हैं। ऐसे में पेरेंट्स की जिम्मेदारी होती हैं कि बच्चों को आने वाले चैलेंजेज के लिए तैयार किया जाए, खासतौर से अपनी बात रखने के लिए। बच्चा अगर सभी के सामने अपनी बात खुलकर रख पाता हैं, तो यह उनके जीवन में सकारात्मकता लेकर आता हैं। ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसे टिप्स देने जा रहे हैं जिनकी मदद से आप अपने बच्चों को दूसरों के सामने अपनी बात रख पाने में सक्षम बना पाएंगे। आइये जानते हैं इनके बारे में...

हर वक्त एक समान नहीं होता

एक छोटे बच्चे के लिए लाइफ की कठोर परिस्थितियों को समझना मुश्किल होता है इसलिए बच्चे को धीरे-धीरे इसके बारे में अवगत कराएं। पेरेंट्स बच्चे को समझाने की कोशिश करें कि जीवन में सब कुछ आसान नहीं होता। कई बार मंजिल तक पहुंचने के लिए छलांग लगानी पड़ती है। मनचाहा लक्ष्य प्राप्त करने के लिए स्वस्थ दिमाग और अपने लिए खड़े होने की क्षमता आवश्यक होती है।

पॉजिटिव शब्दों पर हो ज़ोर


बच्चों को ये सिखाए कि दिनभर में कोशिश करें कि कोई भी शब्द या सेंटेंस ना बोलें जो नेगेटिव हो। कुछ बच्चे बात बात पर शिकायत करने वाले या बहुत जल्दी हार मान जाने वाले होते हैं। बच्चों को सिखाएं कि कैसे हर मुश्किल से मुश्किल सिचुवेशन का सकारात्मकता से सामना किया जा सकता है। धीरे-धीरे आप खुद महसूस करेंगे कि बच्चों पर छोटी लग रही इन बातों का बड़ा असर पड़ता है। यकीन मानिए पॉजिटिव रहने की आदत उनकी लाइफ को बेहतरीन बना सकती है।

भावनात्मक रूप से बुद्धिमान

पेरेंट्स बच्चों को भावनात्मक रूप से बुद्धिमान बनाएं। भावनात्मक रूप से बुद्धिमान लोग अपनी और दूसरों की भावनाओं को बेहतर ढंग से समझते हैं। एक बच्चे को सिखाना और पढ़ाना काफी मुश्किल होता है। बच्चे को सिखाने के लिए इंटरैक्टिव तरीका आजमा सकते हैं। इसके लिए कहानियों और उदाहरण का सहारा लिया जा सकता है।

कॉन्फिडेंट बॉडी लैंग्वेज


दूसरे लोगों पर प्रभाव डालने के लिए कॉन्फिडेंट बॉडी लैंग्वेज का होना बेहद जरूरी है। पेरेंट्स बच्चे को कॉन्फिडेंट बॉडी लैंग्वेज के बारे में बताएं। ये भम्र और नकारात्मकता को दूर करने में मदद करेगी। पेरेंट्स को बच्चे को रोल मॉडल के माध्यम से सिखाना चाहिए। उन्हें उन दिग्गज और मशहूर हस्तियों के बारे में बताएं जिन्हें आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए फॉलो किया जा सकता है। बच्चों को बॉडी लैंग्वेज के टिप्स और ट्रिक्स सिखाएं।

गिनाएं स्ट्रेंथ

बच्चों की तारीफ करना उन्हें और बेहतर करने के लिए प्रेरित करता है। बच्चे को लगातार उसके स्ट्रॉन्ग पॉइंट के बारे में बताते रहे। इससे कॉन्फिडेंस बिल्डिंग में काफी मदद मिलती है। यह हमेशा स्वीकार करना महत्वपूर्ण है कि आपके बच्चे ने किसी चीज़ के लिए प्रयास किए, चाहे उसका अंतिम परिणाम कुछ भी हो। यह आपके बच्चे को हमेशा असफलता से निपटने में मदद करेगा और उसे कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित करने में मदद करेगा। बच्चे में मायूसी ना आए और लाइफ में वह एक नई ऊर्जा और पहले से कहीं ज़्यादा मेहनत और सकारात्मकता के साथ कदम बढ़ाए तो इसमें माता-पिता का रोल बहुत अहम है।

स्पष्ट बात करना सिखाएं


स्पष्ट बात करना या कहना व्यक्ति के व्यक्तित्व के बारे में दर्शाता है। दूसरों के सामने आत्मविश्वास के साथ खड़ा रहने के लिए स्पष्ट बात करना महत्वपूर्ण होता है। हाजिर-जवाबी आपके व्यक्तित्व को बना या बिगाड़ सकती है। ये आत्मविश्वास के लिए जरूरी है इसलिए बच्चे को बचपन से इस गुर को सिखाना चाहिए।

खुद की करें वकालत

स्वयं के लिए खड़े होने के लिए आवश्यक है कि खुद की वकालत करें। सेल्फ एडवोकेसी यानी खुद की वकालत करना एक व्यक्ति की रुचि, इच्छाओं और अधिकारों को प्रभावी ढंग से दूसरों के सामने रखने की क्षमता है। इसमें निर्णय लेना और निर्णय के लिए जिम्मेदारी लेना भी शामिल है।