बच्चों के साथ ऐसा व्यवहार कर रहा आपको उनसे दूर, समय रहते सुधारें खुद को

हर माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चों को वे अच्छी परवरिश दें ताकि वे अपने जीवन में अच्छी आदतों को शामिल करें और अपने व्यवहार में लेकर आए। कई कोशिशों के बाद वे उन्हें अच्छा और संस्कारी व्यक्ति बना भी देते हैं लेकिन इस बीच आपका उनके साथ जो व्यवहार रहता हैं वह आपमें दूरियां ला सकता हैं जिसका परिणाम भविष्य में भुगतना पड़ सकता हैं। जी हां, बच्चों को संस्कारी बनाने के चक्कर में कभी-कभी कुछ पेरेंट्स ऐसे तरीकों को अपना लेते हैं जो बच्चों उनके मन पर बुरा प्रभाव डालते हैं। कई पेरेंट्स ये समझ ही नहीं पाते हैं कि उनका व्यवहार या कड़वी बातें बच्चे को उनसे दूर कर रही हैं। आज इस कड़ी में हम आपको उन बातों के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपको अपने बच्चों से दूर कर रही हैं और इसमें जल्द सुधार की जरूरत हैं। आइये जानते हैं इनके बारे में...


बच्चों के साथ डबल बिहेव न करें

आपको अपने बच्चे को कभी भी ऐसा महसूस नहीं कराना चाहिए कि उन पर कहीं भी चिल्लाया जा सकता है और दूसरी तरफ आप उन्हें कुछ भी करने की स्वत्रंता दे देते हैं जिससे उन्हें लगता है कि आप उनसे बहुत प्यार करते हैं। इसे डबल बिहेव कहते हैं। वास्तव में यह भ्रम पैदा कर सकता है और बच्चे के व्यवहार में चिंता की वजह भी बन सकता है। किसी भी परिस्थिति में आप बच्चे को बताएं कि उसे कैसे व्यवहार करना चाहिए और आप उससे क्या अपेक्षा करते हैं।

बच्चे को लायक नहीं समझना

ऐसा भी देखा गया है कि माता-पिता कभी हालात की वजह से इतने गुस्से में होते हैं कि वे व्यवहार करना तक भूल जाते हैं। बच्चा इस दौरान किसी चीज की डिमांड करता है, तो माता-पिता ये कह देते हैं कि ‘तुम इसके लायक नहीं’ हो। ये बात बच्चे के दिमाग पर बुरा असर डाल सकती है। आपका गुस्सा शांत हो जाए या फिर हालात सुधर जाए, लेकिन हो सकता है, आपका बच्चा उस बोली हुई बात को ना भूल पाए। किसी भी हालात में बच्चे को प्यार से समझाना बेहतर रहता है।

बच्चे के लिए कठोर अनुशासन न बनाएं

आप भले ही बच्चे को डांटें नहीं लेकिन उससे कठोरता से बात करते हैं, तो भी इसका गलत असर बच्चे के दिलो-दिमाग पर पड़ता है। ध्यान रखें कि एक ही बात को बच्चा ज्यादा देर तक ध्यान से नहीं सुन सकता है इसलिए उसे कम शब्दों में समझाने की कोशिश करें।

बच्चों के साथ जोर जबरदस्ती न करें

कई पैरेंट्स बच्चों के आगे बढने, खाना खाने, कहीं घूमने जाने या फिर किसी प्रोग्राम में हिस्सा लेने के लिए जोर जबरदस्ती करते हैं। बच्चों के पालन पोषण का यह तरीका एकदम गलत है और नुकसानदायक भी। ऐसे में बच्चों के मन में माता- पिता का डर जरूरत से ज्यादा हो जाता है और वे उनके साथ एक फ्रेंडली रिलेशन रखने से भी डरने लगते हैं। ऐसे बच्चे किसी को अपने मन की बात बताने में भी घबराते हैं, जिसका उनके स्वास्थ्य पर बहुत भी बुरा असर पड़ता है।

धमकी ना दें

बात-बात पर अपने बच्चे को धमकाना सही नहीं है। बच्चा शैतान है, तो कभी-कभी यह तरीका अपनाया जा सकता है, लेकिन बच्चे आज जिस तरह के माहौल में बड़े हो रहे हैं, उसमें आपको उनकी परवरिश बहुत सलीके से करने की जरूरत है। अगर आप बच्चे को हर बात पर धमकाएंगे, तो वह आगे चलकर खुद कोई गलत कदम उठाने की सोच सकता है। ऐसी स्थितियों से बचने के लिए उसे प्यार से समझाएं ना कि धमकाएं।

बच्चे को अजीब कहना

बच्चा भले ही किसी बात पर आपको परेशान कर रहा हो, लेकिन उसे ये बात न कहे कि ‘तुम बहुत अजीब हो’। हो सकता है कि इस बात से उसके मन में एक डर बैठ जाए और वह इस कारण अपने दोस्तों में घुल-मिल भी न पाएं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक ये बात उसके आत्मसम्मान को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है। बच्चों के साथ बात करते समय पेरेंट्स को शांत और समझदार होना चाहिए। उनकी कही हुई बात बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर जरूर प्रभाव डालती है।

फिजिकल डिसिप्लिन सिखाना

बच्चों के साथ किसी भी तरह का शारीरिक उत्पीड़न या मारपीट, उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए घातक हो सकता है। इससे बच्चे के दिमाग पर बुरा असर पड़ सकता है और हो सकता है कि उसके व्यवहार में कोई अच्छा बदलाव ही न आए। यहां तक कि बच्चा खुद बड़ा होकर इस तरह के व्यवहार को अपना सकता है। इसलिए आप बच्चे के साथ मारपीट न करें और उसे अपने बिहेवियर को ठीक करने के सही तरीकों के बारे में बताएं और उसकी मदद करें।