शादी का बंधन अटूट माना जाता हैं जो कि प्यार, भरोसे और सम्मान के साथ जिया जाता हैं। जब भी कभी इनमें से किसी चीज की कमी आने लगती हैं रिश्ते में खटास का अनुभव होने लगता हैं। हांलाकि थोड़ी नोकझोंक होना आम बात हैं। लेकिन इस नोकझोंक में शब्दों का चयन बहुत संभल कर किया जाना चाहिए। अक्सर देखा जाता हैं कि लड़ाई के दौरान पति कुछ ऐसे शब्दों का इस्तेमाल कर बैठते हैं जो पत्नी के दिल को गहरी चोट पहुंचाते हैं और इसका असर आपके रिश्ते की मिठास पर पड़ने लगता हैं। ऐसे में इन शब्दों को बोलने से बचना चाहिए जो आपके रिश्तों को खराब करें।
तुम करती क्या हो दिनभर
घर का काम करना कोई आसान बात नहीं है। खाना, झाड़ू, पोछा, कपड़े आदि में महिलाओं का पूरा दिन बीत जाता है। ऊपर से बच्चों की हर चीज का ख्याल भी महिलाएं ही रखती हैं। ऐसे में जब पुरुष दफ्तर से लौटकर आते हैं तो वे कई बार महिलाओं से ये प्रश्न कर बैठते हैं कि तुम दिनभर घर पर करती क्या हो? महिलाओं को ये बात तीर सी चुभती है क्योंकि बाहर के काम की घर के काम से तुलना हो ही नहीं सकती है।
तुम अपनी ही मनमानी करती हो
जो महिला अपना घर छोड़कर आती है, पति के घर को पूरे मन से स्वीकारती है, उसे संवारती है जब उसे पति यह कहता है कि वह अपनी मनमानी करती है तो वह टूट जाती है क्योंकि इस घर की खुशहाली के लिए दिनभर घर के हर सदस्य का ध्यान रखने वाली महिला को वाकई सूध नहीं होती कि थोड़ा ही सही पर अपने लिए भी समय निकाले। ऐसे में पुरुषों ने यह बात गलती से भी नहीं कहना चाहिए।
तुमने दुनिया नहीं देखी है
कई सारे आदमियों की बहुत बुरी आदत होती है कि वे जब थोड़ा परेशान होते हैं और यदि उनकी पत्नी किसी बात को लेकर उन्हें कोई सुझाव देती हैं तो वे यह कहकर उन्हें चुप करवा देते हैं कि वे दिनभर तो घर का काम करती हैं, उन्हें दुनिया की इतनी समझ नहीं है। यह बात महिलाओं को बुरी तरह से आहत कर देती है।
तुम्हारे परिवार वाले तो मेरी समझ से परे हैं
जब पति पत्नी के परिवार का सम्मान न करता हो, बार-बार उसे ये कहता हो कि उसे पत्नी के मायके के लोग समझ नहीं आते तो पत्नी के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचती है क्योंकि पति का परिवार चाहे कैसा भी पत्नी उसे पूरे मन से स्वीकारती है इसलिए बदले में पत्नी को भी पति से उम्मीद होती है कि वह उसके परिवार वालों का मान रखे।