आपके बच्चे ने खो दी है बोलने की तहजीब, इन 5 टिप्स की मदद से सुलझाए यह समस्या

आज के समय में देखा गया है कि जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते जाते हैं वे अपने माता-पिता को ठीक से जवाब देना भी पसंद नहीं करते और सीधे मुंह बात तक नहीं करते हैं। यह आगे चलकर बच्चों और अभिभावकों दोनों के लिए बड़ी समस्या का कारण बन सकती हैं। इसलिए इस समस्या को समय रहते ही सुलझाया जाए तो अच्छा हैं। बच्चों के उग्र व्यवहार को समझाइश से ही ठीक किया जा सकता हैं। इसलिए आज हम आपके लिए कुछ टिप्स लेकर आए हैं जिनकी मदद से आप बच्चों के व्यवहार को संतुलित कर सकते हैं।

* उसकी बात सुनें

जब भी पलट कर जबाव दे तो माता-पिता को अपनी प्रतिक्रिया बहुत सावधानी से देनी चाहिए, क्योंकि यह बच्चे के साथ उनके संबंधों को खराब कर सकती है। जब बच्चा गुस्से में हो, तब उसके प्रति अधिक उदार बनने की जरूरत है। एेसे में यदि आप सख्ती से पेश आएंगे तो बच्चे को लगेगा कि आप उसे कुछ भी बोलने की इजाजत नहीं दे रहे। इसकी अपेक्षा उसके मन में जो भी बात है, उसे निकल जाने दें।

* बच्चे की परेशानी जानें

बच्चे के चिढ़ने पर माता-पिता का गुस्सा जायज नहीं होगा, बल्कि बच्चे के चिढ़ने की वजह जानने की कोशिश करनी चाहिए। हो सकता है बच्चा इसलिए गुस्सा कर रहा हो क्योंकि वह स्कूल में खुद को ठीक परिस्थितियों में ना पा रहा हो। स्कूल के होमवर्क का दबाव भी उसे चिढ़ा सकता है। जब भी वह पलट कर जवाब दे, तो शांति के साथ उससे पूछें कि आज उसके साथ क्या हुआ। वह बहुत सहजता के साथ आपके बातचीत करेगा।

* बातचीत से समझाएं

जब भी बच्चा तेज आवाज में आपको फ्लट कर जवाब दे, तो उसे बहुत शांति के साथ समझाएं कि उसका इस तरह का व्यवहार ठीक नहीं हैं। बच्चे अक्सर अपने दोस्तों को देखकर इस तरह का व्यवहार करना सीखते हैं और यदि उन्हें समझाया जाए कि इस तरह के व्यवहार के कारण उन्हें कोई पसंद नहीं करेगा, तो वे इस तरह का व्यवहार दोबारा नहीं करेंगे।

* वह आप से ही सीखता है

यदि आप बच्चों को कुछ सिखाना चाहते हैं,तो उसके लिए आपको खुद मॉडल बनना होगा। यदि माता-पिता आपस में ठीक से बातचीत नहीं करते या सही संबोधनों का प्रयोग नहीं करते या एक-दूसरे से ऊंची आवाज में बात करते हैं, तो बच्चे भी उन चीजों को सीखते हैं, इसलिए यदि बच्चे को उचित व्यवहार सिखाना है, तो माता-पिता को आपस में अच्छा व्यवहार करना होगा।

* उसकी तारीफ करें

जब भी बच्चे कोई अच्छा काम करते हैं, तो उनकी तारीफ करने से ना चूंके। एेसा होना पर अगली बार वे उस तरह का व्यवहार करने को प्रेरित होंगे।