जो रिश्ते आत्मा को बोझ या बेहतर जीवन के लिए बाधा की तरह महसूस करते हैं, उन्हें सही मायने में विषाक्त रिश्ते या टॉक्सिक रिलेशनशिप कहा जाता है। टौक्सिक रिलेशनशिप आप को खुश नहीं रहने देती, आगे नहीं बढ़ने देती और न ही इसे खत्म करने देती है।टौक्सिक रिलेशनशिप से बाहर निकलना बेहद जरूरी है क्योंकि यह आप की ज़िन्दगी को विभिन्न तरीकों से प्रभावित करती है और आपके सुख, चैन और सुकून को छीन लेती है।हम आपको बतायेगे टॉक्सिक रिलेशनशिप के अलग-अलग पहलुओं के बारे में-
प्यार को कमजोरी न बनाएं
प्यार का तब तक कोई मतलब नहीं जबतक आपका पार्टनर आप की इज्जत न करे और आप को प्यार न दे। प्यार है तो काफी है फिर चाहे जान ही क्यों न चली जाए’ वाली जो सोच असल मुसीबत की जड़ होती है।
खुद को दोष न दें
एक टॉक्सिक रिलेशनशिप का सबसे बड़ा उदाहरण है कि जब आप गिल्टी फील करने लगते हैं। क्योंकि आपका पार्टनर विक्टिम कार्ड खेलता है। सभी रिश्तों में समस्या होती है लेकिन जब आपका पार्टनर विक्टिम कार्ड खेलता और आप अपने आप को दोषी मानते हैं तो खुद को दोष न दें। जबकि स्थिति का आंकलन करें और खुद से सवाल पूछें कि आप ही हर बार क्यों दोषी करार दिए जाते हैं।
छोड़ देने की धमकीयह सबसे पुरानी चालों में से एक है जो टॉक्सिक लोग अपने साथी पर खेलते हैं - वे लगातार व्यक्ति को छोड़ने की धमकी देते हैं लेकिन ऐसा कभी नहीं करते हैं। और आपके दिल को दर्द और भय से भर देता है। इस तरह की चाल में ना फसें।
स्पष्टतौर पर ब्रेकअप करेंटौक्सिक रिलेशनशिप में अक्सर लोग एक दूसरे से दूर रहने की कोशिश तो करते हैं लेकिन स्पष्ट तौर पर ब्रेकअप करने की बजाए बस चुप्पी साध लेते हैं और इंतजार करते हैं कि उन का पार्टनर एक बार फिर आएगा, उनसे बात करेगा और सबकुछ नौर्मल हो जाएगा। लोग खुद अपने पार्टनर को मौका देते हैं कि वह आए और आकर उन का टाइम वेस्ट करे।लेकिन जरूरी है कि आप स्पष्टतौर पर ब्रेकअप करें जिस से आपके पार्टनर को भी एक बार फिर वापिस आने का मौका ही न मिले।