इन तरीको की मदद से बच्चों के साथ बिताए क्वालिटी टाइम, बोंडिंग होगी मजबूत

पेरेंट्स और बच्चों के बीच का रिश्ता खुले स्वभाव का होना बहुत जरूरी हैं ताकि दोनों एक-दूसरे से खुलकर अपने मन की बात कह सकें। इसके लिए कहा जाता हैं कि पेरेंट्स और उनके बच्चों के बीच का रिश्ता एक समय के बाद दोस्ती का होना चाहिए। इस रिश्ते की मजबूती के लिए पेरेंट्स को कई जतन करने होते हैं क्योंकि आज की व्यस्ततम जीवनशैली में दोनों के बीच दूरियां आती जा रही हैं। ऐसे में आज हम आपके लिए कुछ ऐसे तरीके लेकर आए हैं जिनकी मदद से पेरेंट्स अपन बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम बिता सकेंगे और अपनी बोंडिंग को मजबूत करेंगे। तो आइये जानते हैं इन तरीकों के बारे में।

ऑफिस के बाद बच्चों का साथ

पैरेंट्स ऑफिस से आने के बाद तुरंत टीवी पर सीरियल, न्यूज़, मनोरंजन आदि में बिज़ी न हो जाएं, बल्कि सबसे पहले थोड़ा-सा समय बच्चों को ज़रूर दें। इसके लिए चाहे आपको अपने पसंदीदा टीवी सीरियल का भी त्याग क्यों न करना पड़े या फिर ज़रूरी न्यूज़ ही क्यों न छूट जाए… पर ऐसा करके आप अपने बच्चे के क़ीमती बचपन को और भी निखार-संवार सकते हैं।

मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करें

जब भी आप बच्चों के साथ रहें, मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करें या फिर बहुत ज़रूरी हो, तभी करें। इस तरह आप बच्चों के साथ अधिक क्वालिटी टाइम बिता सकेंगे। बच्चे भी ख़ुशी-ख़ुशी अपने दिनभर की एक्टिविटीज़ के बारे में आपको बताएंगे, जैसे- उन्होंने दिनभर क्या किया, स्कूल में कैसा समय बीता, कोई परेशानी हुई हो, तो उसे भी ज़रूर बताएंगे। ध्यान रहे, जब वे ऐसा कर रहे हों, तो उस समय भूल से भी अपने मोबाइल फोन पर कोई ज़रूरी काम न करते रहें, बल्कि कुछ समय के लिए ख़ुद को फोन से डिसकनेक्ट कर लें। बच्चों को यह बिल्कुल पसंद नहीं होता कि पैरेंट्स उनसे बातचीत करते समय फोन पर बिज़ी रहें। अतः इस बात का ख़्याल रखें।

बच्चों के साथ मिलकर काम करें


अधिकतर माता-पिता अपने बच्चों से काम लेना पसंद नहीं करते, जो ठीक नहीं है। वे खाना बनाने से लेकर साफ़-सफ़ाई करने, पौधों को पानी देने आदि छोटे-मोटे काम करते समय बच्चों की मदद ले सकते हैं। उनके साथ मिलकर काम करने से दो फ़ायदे होंगे, एक तो काम जल्दी हो जाएगा और दूसरा आप बच्चों के साथ अधिक से अधिक समय बिता सकेंगे।

गार्डनिंग मिलकर करें


बच्चों को गार्डनिंग का भी ख़ूब शौक़ होता है। आप उनके साथ मिलकर बागवानी कर सकते हैं। इससे जहां उन्हें फूल-पौधों की जानकारी मिलेगी, वहीं उनका बौद्धिक विकास भी होगा।

वीकेंड बच्चों की चॉइस

हर हफ़्ते शनिवार की शाम या रात बच्चों की इच्छानुसार बिताएं। फिर चाहे वो कोई मूवी देखना हो या बाहर डिनर करना या फिर रविवार को पिकनिक ही मनाना क्यों न हो। इससे बच्चों के साथ आपकी बॉन्डिंग भी मज़बूत होगी और सभी एनर्जेटिक भी महसूस करेंगे।

बच्चों के साथ करें एक्सरसाइज़


यदि आप मॉर्निंग वॉक, जिम, योग आदि करते हैं, तो बच्चों को भी इसमें इन्वॉल्व करें। इससे फैमिली की फिटनेस और क्रिएटिविटी बढ़ेगी और पैरेंट्स-बच्चों का रिश्ता भी बेहतर होगा।

अपने व बच्चे के शौक़ को साझा करें


व़क्त के साथ बहुत कुछ बदला है, यहां तक कि बच्चे व पैरेंट्स के शौक़ भी मिलते-जुलते से हो गए हैं। ऐसा बहुत बार देखा गया है कि मां भी बेटी के साथ म्यूज़िक, डांस, कुकिंग आदि सीख रही है, तो वहीं पिता भी बेटे के साथ स्विमिंग, ट्रैकिंग, गिटार, तबला आदि में हाथ आज़मा रहे हैं। इस तरह बच्चे-अभिभावक दोनों ही जहां अपने शौक़ को पूरा करते हैं, वहीं एक-दूसरे के साथ बहुत अच्छा समय भी बिता पाते हैं।