इन टिप्स की मदद से बच्चों की मेमोरी बनाए शार्प, जानें और आजमाए

कुछ अभिभावकों की शिकायत रहती है कि उनका बच्चा पढ़ी-लिख चीजों को याद नहीं रख पाता। वह इसके पीछे की वजहों को नहीं समझते और बच्चे की याददाश्त क्षमता को लेकर परेशान होने लगते हैं। बच्चा पढ़ी हुई चीजों को याद रखे, इसके लिए कुछ कोशिश करनी होगी। कहते हैं कि बच्चे गीली मिट्टी की तरह होते हैं। उन्हें जिस आकार में ढाल लो ढल जाते हैं। ऐसे में छोटे बच्चे अक्सर बिगड़ जाते हैं। आज की लाइफस्टाइल में बच्चों की इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पर निर्भरता बढ़ती जा रही है। आईपैड, लैपटॉप, स्मार्टफोन में वह इतने घुसे रहते हैं कि दोस्तों और अपने माता-पिता के साथ भी समय बिताना सही नहीं समझते हैं। इसका असर कहीं न कहीं उनके दिमाग पर भी पड़ रहा है।इन 5 मेमोरी तेज करने के टिप्स की मदद से अपने बच्चे को पढ़ाई और जीवन में तेज बनाएं –

कविता या गानें बनाएं

बच्चे को जानकारी के बारे में याद करने के लिए उसकी कविता या गाना बनाने में मदद करें। हमारा मस्तिष्क म्यूजिक और एक जैसे पैटर्न को तेजी से याद कर लेता है। इसीलिए मेमोरी तेज करने के टिप्स में यह सबसे ऊपर है। अपने शिशु की याददाश्त बढ़ाने के लिए इस जानकारी से जुड़े शब्दों की कविताओं और गाने बनाने की कोशिश करें।

इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से रखें दूर

कई शोध में ये बात निकलकर आई है कि बच्चों का इलेक्ट्रॉ निक उपकरणों पर निर्भरता उनकी बुद्धिमत्ताद को चोट पहुंचा रही है। ऐसे में अगर आप अपने बच्चों का दिमाग शार्प बनाना चाहते हैं तो उन्हेंन इलेक्ट्रॉ निक उपकरणों की बजाए दूसरी चीजों में व्यस्त रखें ताकि उनके मस्तिष्कश का विकास हो सके। आइए आपको कुछ उपायों के बारे में बताते हैं जिनकी मदद से आप अपने बच्चे का दिमाग शार्प बना सकते हैं।

उन्हें पढ़ाने दें

बच्चे को टीचर की भूमिका में आने दें और उन्हें कहें कि वे आपको छोटी-बड़ी बातें सिखाएं। जैसे जोड़-घटाना या विज्ञान का कोई कठिन पाठ पढ़ाएं। जब वे ऐसा कर रहे हों तो उन्हें ऊंची आवाज में सिखाने के लिए कहें। यह उन्हें जानकारियों को ध्यान में रखने और लंबे समय तक दिमाग में बनाए रखने में मदद करेगा।

व्यायाम


बच्चे को व्यायाम की आदत डालें। व्यायाम करने से न केवल बच्चे का शरीर फिट रहता है, बल्कि दिमाग में ऑक्सीजन की सप्लाई भी अच्छे से होती है, जो बच्चे के दिमाग को शार्प करती है।

सवाल


जवाब-कई बार बच्चे टीवी देखते समय कई तरह की बातें जानना चाहते हैं लेकिन पैरेंट्स उनकी बातों का जवाब देना जरूरी नहीं समझते जो कि गलत है। बच्चों के सवालों का जबाव दें और विषय के बारे में समझाएं, वो भी बिल्कुल सही तरीके से।