इन दिनों लॉकडाउन के कारण पति-पत्नि को साथ रहने का हमेशा की बजाए ज्यादा समय मिल रहा हैं। पति-पत्नी साथ हो और झगड़े ना हो ये कैसे सम्भव हैं। लेकिन इन झगड़ों को समय रहते सुलझा लिया जाये तो ज्यादा सही है।ऑफ़िस के काम के चलते दोनों कम से कम एक-दूजे से 12 से 14 घंटे दूर होते थे, इस बीच ग़ुस्सा ठंडा होने के लिए पर्याप्त समय मिल जाता था। तो आख़िर कैसे करें झगड़े के बाद सुलह की पहल? वैसे सभी झगड़ों का आकार-प्रकार अलग-अलग होता है तो कोई एक स्टैंडर्ड फ़ॉर्मूला सभी झगड़ों को सुलझाने के लिए नहीं दिया जा सकता। पर हम यहां पांच तरीक़े बता रहे हैं, जिनसे आप इन झगड़ों को सुलझाने की कोशिश कर सकते हैं।
पार्टनर के पसंद का खाना बनाएं दिल का रास्ता पेट से होकर गुज़रता है यह सुनते-सुनते हम सभी बोर हो चुके होंगे, पर बात सच है तो सच। बातचीत की पहल करने के लिए आप पार्टनर की पसंद के व्यंजन बना सकते हैं। खाने में डाला गया प्यार, जमी हुई बर्फ़ को पिघला देगा। खाते समय आप दोनों उस मुद्दे पर खुलकर बात कर सकते हैं, जिसके चलते झगड़ा हुआ था। पर यह ज़ायकेदार तरीक़ा मूड के साथ-साथ रिश्ते में मिठास घोल देगा। हां, आपको इस बात को ध्यान में रखना होगा कि झगड़ा बिना वजह लंबा न खिंचे।
बातचीत करने के दूसरे तरीके अपनाएंअगर आप दोनों ने झगड़ते हुए क़सम खा ली है कि अब एक-दूसरे से एक शब्द तक नहीं बोलेंगे, तो अपने पढ़े-लिखे होने का फ़ायदा उठाएं और अपने मन की भावनाओं को काग़ज़ पर उतार दें। लिखना छोड़े सालों हो गए हैं, लिखते हुए आपके हाथ दुखते हों तो अपने फ़ोन पर टाइप कर लें। हमें पूरा विश्वास है, अब तक तो चैटिंग करते-करते अपनी उंगलियों को इतना मज़बूत बना ही लिया होगा कि पूरी रामायण लिख सकते हैं। इस तरीक़े की सबसे अच्छी बात यह है कि आप चाहे जितने ग़ुस्से या नकारात्मकता से भरे होंगे, जब लिखना शुरू करेंगे तो आपका मूड हल्का होना शुरू हो जाएगा। आपको पार्टनर की ही नहीं, अपनी ग़लतियां भी दिखने लगेंगी।
फ़ोन पर करें बात
लॉक डाउन के पहले जब भी आप दोनों में झगड़ा होता था, तब आप दोनों फ़ोन पर बातचीत करके मामले को सुलझा लेते थे। आप इस तरीक़े को आज़मा सकते हैं। अब आप कहेंगे हम दोनों एक ही घर में हैं, तो यह तरीक़ा क्या वाक़ई प्रैक्टिकल है? हमारी मानें तो आज़माकर देखने में क्या जाता है। और बेशक यह प्रैक्टिकल है। वैसे भी यह कहां लिखा है कि एक ही घर के अंदर दो लोग एक-दूसरे को फ़ोन नहीं कर सकते। बेशक आप दोनों कर सकते हैं और करना भी चाहिए। कई बार आमने-सामने रहने या बातचीत करने से बात बढ़ जाती है। इसलिए फ़ोन पर दूरियां मिटाने का आइडिया भी बुरा नहीं है।
ग्रीटिंग कार्ड से व्यक्त करें भावना हमारा दिमाग़ सर्प्राइज़ मिलने पर अलग तरीक़े से रिऐक्ट करता है। जब हम अनएक्सपेक्टेड चीज़ों को होता हुआ देखते हैं तब हमारा मूड बदल जाता है। हमारा दिमाग़ नए ढंग से सोचना शुरू करता है। पहले की नकारात्मकता एक झटके में ख़त्म हो जाती है। अब लॉकडाउन में सर्प्राइज़ क्या हो? वो आप तय करें। घर पर ही ग्रीटिंग कार्ड बनाकर दे सकते हैं या कमरे में पार्टनर के पसंद का गाना लगा सकते हैं। आपका युनीक टच कमाल कर देगा। न किया तो पैसा वापस, पर आपने इस टिप के लिए पैसे तो दिए नहीं थे।
माफ़ी मांगेवैसे तो हममें से ज़्यादातर लोगों को अपनी ग़लती का एहसास होता नहीं, अगर होता भी है तो सामनेवाले की ग़लती इतनी बड़ी और बदर्द दिखती है कि उससे माफ़ी मांगकर बात को ख़त्म करने का मन नहीं करता। पर लॉकडाउन के समय में अपने ईगो को ताले में बंद करके रख दें तो पार्टनर से झगड़े की संभावना काफ़ी कम हो जाएगी। आपके दिन भी सुकून से बीतेंगे।