बच्चों को बनाना चाहते हैं आत्मनिर्भर, परवरिश के दौरान रखें इन बातों का ध्यान

बच्चे जैसे-जैसे बड़े होते हैं माता-पिता की चिंता बढ़ जाती हैं कि कैसे उनकी अच्छी परवरिश की जाए ताकि जल्द से जल्द उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा सकें। बच्चा हो या कोई बड़ा व्यक्ति शारीरिक या मानसिक रूप से दूसरों पर जरूरत से ज्यादा निर्भरता एक स्वस्थ व्यक्ति को भी विकलांग बना सकती है। कई बच्चे होते हैं जो खुद का काम भी नहीं कर पाते हैं और किसी भी निर्णय को लेने में विचार ही करते रह जाते हैं। ऐसे में जरूरत है कि माता-पिता अपने बच्चों को उनके बचपन में ही आत्मनिर्भरता के गुण सिखाएं और इसके लिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं बच्चों की परवरिश के कुछ ऐसे तरीके जिनकी मदद से आप उन्हें आत्मनिर्भर बना सकेंगे। आइये जानते हैं इनके बारे में...

टोकटाक से बचें

यह जरूरी है कि माता-पिता को पता होना चाहिए कि उनका बच्चा क्या कर रहा है और कैसे लोगों से मिल जुल रहा है। लेकिन, अगर आप बच्चों को आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं तो उन्हें हर वक्त टोकटाक करने से बचें और उन्हें थोड़ा स्पेस दें। फ्री माहौल में वे रिलैक्स फील करेंगे। जब बच्चों को आप खुला माहौल देंगे तो वे खुद के प्रति जिम्मेदार भी बनेंगे। इस बात का ध्यान रखना भी जरूरी है कि वे घर में बंधन महसूस ना करें या खुला माहौल मिलते ही अपना अधिक नुकसान ना कर बैठें। ऐसे में उन पर नज़र रखते हुए बच्चों को अपना कुछ फैसला खुद लेने दें। हालांकि घर के नियमों के प्रति लावरवाही ना बरतने दें।

स्वतंत्रता पर जोर दें


अपने बच्चे को उम्र-उपयुक्त जिम्मेदारियां सौंपे। शुरुआत में छोटी उम्र में उसे जूते की लेस बांधना, यूनिफॉर्म पहनना और बैकपैक करने जैसी छोटी-छोटी चीजें सिखाएं। ऐसा करने से आपके बच्चे में बचपन से ही आत्मनिर्भरता की भावना बढ़ेगी। जैसे-जैसे आपका बच्चा बड़ा होगा, उसकी जिम्मेदारी भी उसी हिसाब से बढ़ाएं। जैसे कपड़ों और जूतों की सफाई और नाखून काटने जैसी चीजें।

गलतियों से लें सीख

बच्चे के गलती करने पर उस पर चिल्लाने की जगह, उन्हें शांत होकर उनकी गलती के बारे में समझाएं। उन्हें समझाएं कि वो कैसे अपनी गलती से सबक लेकर भविष्य में दोबारा यह गलती करने से बच सकता है। छोटी-छोटी गलतियों पर बच्चों को डांटने से उनके भीतर डर की भावना पैदा हो सकती है। जब बच्चे गलतियां करते हैं तो उन्हें सबसे अच्छे तरीके से सीख मिलती है, इसलिए माता-पिता को जानबूझ कर भी कभी-कभी बच्चों को गलतियां करने देना चाहिए। अगर वे गलती करें तो उन्हें डाटें नहीं, आप प्यार से समझा सकते हैं। ऐसा करने से वे अपनी गलतियों से खुद ही सीख जाएंगे और धीरे-धीरे आत्मनिर्भर बनेंगे।

नया सीखने के लिए प्रोत्साहित करें

बच्चों को ज्यादातर समय पेरेंट्स कुछ नया नहीं करने देते। बात-बात पर टोकने लगते हैं। ऐसा न करें, इससे बच्चों के अंदर कुछ नया सीखने की जिज्ञासा मर जाती है और वह हर जगह पीछे रहने लगते हैं। आपको बच्चों को रोजाना कुछ नया सीखने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।

जिम्मेदारी दें

घर के काम के जरिए बच्चों को जिम्मेदार बनाना शुरू करें, जिससे वे बचपन से ही मेहनत करना सीखेंगे और बच्चों को अपने काम करने का आत्मविश्वास भी रहेगा। घर के छोटे-छोटे काम बच्चों से करवाने से उनके संबंध अपने माता-पिता के साथ अच्छे बने रहने के साथ उनका आत्मविश्वास भी बढ़ता हैं। इन कामों में घर की सफाई, खाना बनाते समय मदद आदि को शामिल कर सकते हैं। ऐसा करते समय बच्चों पर अपनी नजर जरूर बनाए रखें।

बच्चे को बताएं कि हर स्थिति एक अवसर होती है

बच्चे को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उसे यह सिखाना जरूरी है कि हर स्थिति एक अवसर होती है। ये एटीट्यूड आपके बच्चे को ओपन माइंडेड बनाएगा और उसमें नई चीजों को सीखने के लिए हमेशा तैयार रहने की भावना पैदा करेगा। नई चीजों को आजमाने की भावना का विकास होने से आपका बच्चा किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार होगा।

शब्दों का चयन सावधानी से करें

कहा जाता है कि बच्चा बचपन में अपने माता-पिता से ही बहुत कुछ सीखता है। ऐसे में आप जिस भाषा शैली का इस्तेमाल बच्चों के सामने करते हैं, वह वही भाषा सीखता और बोलता है। आप बच्चों के सामने सभ्य और सकारात्मक भाषा का प्रयोग करेंगे, तो उनकी सोच सकारात्मक होगी और आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।