बचपन में पड़ी आदत अक्सर जीवनभर रह जाती हैं। ऐसे में हर माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे किसी तरह की बुरी आदत ना लगाए, खासतौर से चोरी की। जी हां, बच्चों का मन चंचल होता हैं जिसके चलते कई बार स्कूल या घर में दूसरी चीजों की ओर आकर्षित होकर बच्चे चोरी कर लेते हैं और कई बार यह उनकी आदत बन जाती हैं। लोग बचपन में कभी न कभी इस आदत के शिकार होते हैं। इस दौरान पेरेंट्स की जिम्मेदारी होती हैं कि अपने बच्चों की समझाइश करते हुए उन्हें सही राह पर लाया जाए। आज हम आपको इससे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी देने जा रहे हैं कि कैसे बच्चों की यह बुरी आदत समय रहते छूट जाए।
सख्ती नहीं करेंजब भी आपको पता चलता है कि आपका बच्चा चोरी करने लगा है, तो उसे डांटने या मारने की बजाय सही-गलत में अंतर करना सिखाए और समझाएं की चोरी करना एक बुरी आदत है। अपने बच्चे से बात करें और जाने कि वह चोरी क्यों करता है। अगर उसको किसी सामान की जरूरत है तो वह आपसे आकर कहे। यह बात आप उसको प्यार से समझाएं, क्योंकि बच्चों में इतनी समझ नहीं होती है कि सही क्या है और गलत क्या है। आप ही उसको सही गलत के बारे में जानकारी दें और उस पर गुस्सा होने की बजाय उसे प्यार से समझाएं।
बच्चे में भरोसा पैदा करेंगलत संगति में पड़ जाने से बच्चे घरों में छोटी-मोटी चोरियां करने लगते हैं। ज्यादातर बच्चे किसी फैमिली मेंबर की जेब से थोड़े-बहुत पैसे निकाल लेते हैं। ऐसे में, बच्चों को प्यार से समझाना चाहिए। उन्हें कहना चाहिए कि उन्हें किसी भी चीज के लिए पैसे चुराने की जरूरत नहीं है। बच्चों को इस बात का भरोसा दिलाएं कि उनकी जरूरत की चीज खरीद कर दी जाएगी।
उनके तरीके पर ध्यान देंक्या बच्चे की चोरी की आदत का स्कूल या घर में किसी घटना से कुछ लेना-देना है? अगर आपको कोई कारण और चोरी का विशेष तरीका या पैटर्न दिखायी पड़े तो बेहतर है कि आप किसी विशेषज्ञ से बात करें, जो आपके बच्चे की मदद कर सकें। ऐसे मामलों में अपने बच्चे को फटकार लगाने से कुछ फायदा नहीं होगा।
शर्मिंदा न करेंजो बच्चा चोरी करते हुए पकड़ा जाता है, वह अपने आप बहुत शर्मिंदा महसूस करता है। ऐसी स्थिति में उसे और भी ज्यादा शर्मिंदा करने की कोशिश नहीं करें। इससे बच्चे में हीन भावना पैदा हो जाएगी और उसका आत्मविश्वास कमजोर होगा। याद करें, महात्मा गांधी ने भी बचपन में चोरी की थी। इसलिए बच्चे के मनोबल को कमजोर मत होने दें।
बच्चे को गलती का एहसास कराएंअगर आपके बच्चे में चोरी करने की गंदी आदत पैदा हो गई हो और आपने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया हो तो उसे अपनी गलती का एहसास कराएं। बच्चे को समझाएं कि उसने गलती की है। अगर बच्चा अपनी गलती को मान लेता है और इसके लिए माफी मांगता है, तो उस पर भरोसा करें। बच्चे से यह कहना जरूरी है कि आपको उस पर पूरा भरोसा है कि आगे से वह ऐसी गलती नहीं करेगा।
बच्चे के साथ बिताएं वक्तपेरेंट्स और बच्चों के बीच में गहरा रिश्ता होगा, तो बच्चे अपनी जरूरत के बारे में उन्हें जरूर बताएंगे और फिर उन्हें अपनी ख्वाहिश पूरी करने के लिए चोरी नहीं करनी पड़ेगी। प्यार से सब कुछ ठीक किया जा सकता है। अपने बच्चे को सुधारने के लिए मारपीट या गुस्से से बेहतर है कि आप उसे गले लगाएं। आपकी माफी और प्यार बच्चे में सुधार ला सकती है।
बच्चे के दोस्तों पर नजर रखेंअक्सर बच्चे गलत संगति में ही चोरी करने जैसी आदत सीखते हैं। इसलिए स्कूल और पास-पड़ोस में बच्चे की दोस्ती कैसे लड़कों से हैं, इस पर दूर से ही निगाह रखें। अगर बच्चा गलत संगति में है, तो उसे प्यार से समझाएं। बच्चे को किस्से-कहानियों के जरिए सही और गलत में फर्क को समझाना ज्यादा कारगर होता है। गलत संगति में बच्चे कई ऐसी बुरी आदतें सीख लेते हैं, जिसके लिए उन्हें चोरी तक करनी पड़ती है। कई बार यह काफी खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए हमेशा सतर्क रहें।