इस मुश्किल दौर में भी है बढ़िया सैलरी की हसरत... तो करना होगा इन बातों पर अमल

वैसे इन दिनों कोरोना महामारी के चलते नौकरी पर टिके रहना ही बहुत मुश्क़िल है। जिस तेज़ी से लोगों की नौकरी जा रही है, उसे देखते हुए सैलरी बढ़ाने की सोचना भी बेमानी लगता है। पर अगर आप लंबे समय से महसूस कर रहे हैं कि आपको अपनी योग्यता के अनुसार सैलरी नहीं मिल पा रही है तो आप यहां बताए जा रहे कुछ काम के तरीक़ों को अपनाकर मंदी के इस माहौल में भी अपनी सैलरी को बढ़वा सकते हैं। इन तरीक़ों को अपनाकर भले ही तत्काल प्रभाव से आपकी सैलरी न बढ़े, ख़ासकर आर्थिक मंदी के हालात को देखते हुए, जैसे ही अर्थव्यवस्था सुधरेगी, आपकी सैलरी में उल्लेखनीय बढ़ोतरी ज़रूर होगी।


वह कौनसी बात है, जो आपको औरों से अलग करती है? पता लगाएं

जब कोई भी एम्प्लॉयर किसी को जॉब पर रखता है, तब उसके दिमाग़ में यह चल रहा होता कि भावी एम्पलॉयी में कौन-सी ख़ूबियां, कौनसे कौशल होने चाहिए। आम तौर पर ज़्यादातर लोगों में एक जैसी ही स्किल्स होती हैं, ऐसे में एम्प्लॉयर के पास बहुत सारे एक जैसी ख़ूबियों वालों में से एक का चुनाव करना होता है।

यह ट्रेडिशनल तरीक़ा है, जो अब तक प्रचलन में रहा है। जब आप भी बहुत सारे लोगों में से एक हैं, अगर आपको वह नौकरी मिल भी गई तो आपको ज़्यादा सैलरी क्यों मिलेगी? ज़ाहिर है, आप एम्प्लॉयर की शर्तों पर नियुक्त किए जाएंगे। पर यदि आपमें ऐसा कुछ ख़ास है, जो दूसरे कैंडिडेट्स में नहीं है, तब आपको एक्स्ट्रा एड्वांटेज मिलेगा।

एक्स्ट्रा यानी जो बेसिक क्वॉलिफ़िकेशन चाहिए उसका एड्वांस्ड कोर्स या डिग्री आपके पास हो, या आप वर्क एक्सपीरियंस के मामले में दूसरों से इक्कीस हों या आपने पिछली कंपनी में अपनी क़ाबिलियत साबित की हो, कुछ ऐसा अचीवमेंट हासिल किया हो, जो आपके कार्यक्षेत्र में लैंडमार्क जैसा हो तो बेशक आपको औरों की तुलना में कहीं ज़्यादा पैसे मिल सकते हैं।

आप कहेंगे यह तो बहुत ही मुश्क़िल बातें हैं। बिल्कुल नहीं। आप अपने मौजूदा काम में ही उन चीज़ों और उपलब्धियों की तलाश करें, जो आपको औरों से बेहतर बनाती हैं। उन बातों को अपने सीवी में हाइलाइट करें। यक़ीनन एम्प्लॉयर आपसे प्रभावित हुए बिना रह नहीं पाएगा।


इतने पैसे में इतना ही काम वाली मानसिकता छोड़कर यह साबित करें कि आप मल्टी-टास्कर हैं

ज़्यादातर नौकरीपेशा लोगों का एक फ़ेवरेट डायलॉग होता है, इतने पैसे में इतना ही काम। तो आपको हमेशा उतने ही पैसे मिलते रहेंगे। अगर आप ज़्यादा सैलरी की उम्मीद में हैं तो आपको अपने एम्प्लॉयर को यह साबित करना होगा कि ज़रूरत पड़ने पर आप अपनी मुख्य ज़िम्मेदारियों के अलावा दूसरे काम भी संभाल सकते हैं।

अभी जिस तरह का माहौल हो, ऐसी परिस्थिति में ऐसे एम्प्लॉयी की डिमांड बढ़ गई है, जो एक से ज़्यादा बड़ी ज़िम्मेदारियां उठाने में सक्षम हैं। दूसरी ज़िम्मेदारियों को उठाने का यह मतलब नहीं है कि आपको बस खानापूर्ती करनी है। आपको अपना बेहतर देते हुए हर लिहाज़ से यह साबित करना है कि आप अपनी दक्षता वाले कामों के अलावा दूसरे कामों में भी प्रवीण हैं।

अगर आपका रिज़ल्ट परफ़ेक्ट न आया हो तो भी दूसरी ज़िम्मेदारियों में आपका हंड्रेड पर्सेंट एफ़र्ट तो दिखना ही चाहिए। ख़ुद को साबित करने के बाद आप सही वक़्त आने पर सैलरी बढ़ाने के लिए हक़ से बात कर सकते हैं। कंपनी को भी यह कंसीडर करना ही पड़ेगा कि मुश्क़िल वक़्त में आपने अपनी पूरी क्षमता के साथ कंपनी का साथ दिया था। ऐसे में सैलरी न बढ़ाने का सवाल ही नहीं उठता।


बात न बने, तो अपने संपर्कों का इस्तेमाल करके आगे बढ़ जाएं

ऊपर बताई गई दोनों बातें उन स्थितियों के लिए हैं, जब आपकी कंपनी में योग्यता ही आगे बढ़ने का सबसे बड़ा पैमाना हो। पर ज़रूरी नहीं कि हर कंपनी इसी तरह फ़ेयर प्रैक्टिस में बिलीव करती हो। अगर आपको यह लगता हो कि पूरे प्रयासों के बावजूद आपको कंपनी प्रमोट नहीं कर रही है या उचित मेहनताना नहीं दे रही है तो आपको आगे बढ़ने के बारे में सोचना चाहिए।

वैसे तो कार्यस्थल पर ईगो को दूर ही रखना चाहिए, पर लगातार अपनी योग्यता साबित करने के बावजूद अगर आपको नाम, पैसा, पद और पहचान नहीं मिल रही हो तो समझ जाएं कि कंपनी को आपकी क़दर नहीं है। अपने सोए हुए ईगो को जागृत करें और बाहर नौकरी तलाशने की कोशिश जारी रखें। अपने संपर्क और दोस्तों को खंगालें।

उम्मीद है कि आपको जल्द ही अपनी क़ाबिलियत का काम, नाम और पैसा तीनों मिल जाएगा। हां, ऐसा करते हुए मौजूदा एम्प्लॉयर से अपने संबंध न बिगाड़ें। प्रोफ़ेशनल व्यवहार करते हुए इस कंपनी को अलविदा कह दें। काफ़ी कुछ यह ही संभव है कि आपके जाने की बात सुनकर उन्हें आपकी अहमियत का अंदाज़ा हो जाए। पर जब आपने एक बार जाने का फ़ैसला कर लिया है तो अच्छा मौक़ा देखकर निकल लें।