बच्चों को बताए जिंदगी में दोस्ती की भूमिका, सिखाएं कैसे चुने अच्छे दोस्त

लोग अपने दिल की जो बात किसी से नहीं कह पाते वह अपने दोस्त से जरूर कह देते हैं। इसलिए पेरेंट्स को भी अपने बच्चों का दोस्त ही बनकर रहना चाहिए। दोस्त का सहारा हो तो इंसान किसी भी परेशानी का डटकर सामना कर सकता हैं क्योंकि उसे अपने दोस्त से मनोबल और सही दिशा का ज्ञान मिलता हैं। पेरेंट्स को चाहिए कि अपने बच्चों को भी जिंदगी में दोस्ती की भूमिका के बारे में बताए और अच्छे दोस्त बनाने की सलाह दें। अब सवाल उठता हैं कि अच्छे दोस्त कैसे बनाएं। आज इस कड़ी में हम कुछ टिप्स की जानकारी देने जा रहे हैं जिन्हें अपने बच्चों को सिखाकर बताए कि कैसे अच्छे दोस्त बनाए जाए। तो चलिए जानते हैं इन टिप्स के बारे में.

चीजों को शेयर करना सिखाएं

आप बच्चों को बताएं कि चीजों को आपस में बांटकर लेना एक अच्छे व्यक्ति की निशानी होती है। साथ ही वो शेयरिंग के जरिए भी नए दोस्त बना सकते हैं। वो अपने जिस क्लासमेट से दोस्ती करना चाहते हैं, उसके साथ अपनी रबर, पेंसिल और खाना शेयर कर सकते हैं। इससे वो आपके करीब आ सकता है और जल्द ही आपका दोस्त भी बन सकता है।

गुड फ्रेंड करने में करें मदद

हम अपने बच्चे के लिए ऐसे दोस्त चाहते हैं, जो उनके अंदर से बेस्ट चीजों को बाहर ला सकें लेकिन आपका बच्चा भी ऐसा दोस्त बनना चाहिए जो अपने फ्रेंड की बेस्ट चीजों को उजागर कर सके। बच्चे के सामने उसके दोस्त के बारे में नेगेटिव बातें न करें। उसे अच्छा व्यवहार करने के लिए प्रोत्साहित करें और अपने दोस्त को खुश रखने के लिए बढ़ावा दें। उसे समझाएं कि दोस्तों को मिलकर एक-दूसरे की अचीवमेंट को सेलिब्रेट करना होता है।

बोलने का सही तरीका सिखाएं

पेरेंट्स अपने बच्चों को शालीन तरीके से बोलना सिखाएं। उनको बताएं कि अपने क्लासमेट से मिलते समय आप उनसे मिठास के साथ बात करें। इससे उनका रिश्ता क्लासमेट के साथ बेहतर होगा। साथ ही आपका बच्चा जिस क्लासमेट से दोस्ती करना चाहता है। उससे रोजाना हाय-हेलो करता रहे। इससे आपके बच्चे की दोस्ती उससे गहरी हो सकती है।

दोस्तों की मदद करें

संसार में हर किसी की मदद करनी चाहिए। कई बार आपने खुद भी जीवन में महसूस किया होगा कि आपकी मदद कोई अनजान कर गया, जिसे आप जानते भी नहीं थे। दोस्ती में एक-दूसरे का हाथ पकड़कर हर मुश्किल को पार करना बहुत जरूरी है। मुश्किल दौर में दोस्त को बीच मझधार में छोड़ना दोस्ती नहीं है। अपने बच्चों को इसके बारे में बताएं।

पढ़ाई में आगे रहना सिखाएं

आप अपने बच्चे को पढ़ाई में होशियार बनाएं। आप उनको रोजाना पढ़ाएं और उनकी मदद करने के लिए ओरल और राइटिंग टेस्ट लें। बच्चों को बताएं कि अगर आप पढ़ाई में अच्छे होंगे, तो पूरी क्लास आपसे दोस्ती करना चाहेगी। क्लास के बच्चे आपसे पढ़ाई के लिए सहायता चाहेंगे और आपसे टेक्ट बुक मांगेंगे। ऐसे में आप जिस क्लासमेट से दोस्ती करना चाहते हैं, उस क्लासमेट से भी दोस्ती कर सकते हैं।

खेल में आगे रहना सिखाएं

पेरेंट्स अपने बच्चों को सिखाएं कि जीवन में खेल-कूद का भी महत्व होता है और खेल-खेल में आप दोस्त भी बना सकते हैं। बच्चों को बताएं, आप अपने खेल में सुधार करें, जिससे हर बच्चा आपको अपनी टीम में लेना चाहेगा। उसे समझाएं कि अगर आपका खेल में प्रर्दशन खराब होता है, तो बाकी बच्चे आपको अपनी टीम में लेने से कतराते हैं।


दूसरों की इज्जत करना सिखाएं

माता-पिता अपने बच्चों के लिए सबसे पहले गुरु होते हैं। इसलिए ये आपका दायित्व है कि आप अपने बच्चे को दूसरे व्यक्ति की इज्जत करना सिखाएं। उनको समझाएं कि दूसरों का बात-बात पर मजाक उड़ाना सही बात नहीं होती है, इससे उनको बुरा लग सकता है। उनको सिखाएं कि आपको दूसरों की भावना का सम्मान करना चाहिए। आपको उनसे वैसे ही व्यवहार करना चाहिए, जैसा आप अपने लिए चाहते हैं।

परेशान न करें और नीचा न दिखाएं


आजकल सिर्फ बड़े ही नहीं बल्कि बच्चे भी दूसरे बच्चों को बुली करना और उन्हें नीचा दिखाने में पीछे नहीं हटते। आपके बच्चे की नींव के लिए ये ठीक नहीं। उसे ये बताएं कि ऐसा करना उसके लिए ठीक नहीं। दोस्ती में कोई अमीर या गरीब नहीं होता। किसी को परेशान करना मानवता नहीं है।

ईमानदार दोस्त बनना सिखाएं

बच्चों को समझाएं कि ईमानदारी दोस्ती के रिश्ते में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अगर आप अपने दोस्त से ईमानदारी की उम्मीद रखते हैं, तो आपको भी उस रिश्ते में ईमानदार होने की आवश्यकता है। इसलिए अपने दोस्त की बताई बातों को, अन्य दोस्त के साथ शेयर न करें क्योंकि वो बातें केवल आपके लिए हैं। साथ उनको बताएं कि अपने दोस्त का हर मुश्किल में साथ देना एक अच्छे दोस्त की पहचान होती है।

समय के अनुसार दोस्त बदलते रहते हैं

बहुत कम लोगों के साथ होता है कि जो दोस्त स्कूल में हो वो सारी उम्र ही गहरा दोस्त बना रहे। अक्सर समय के साथ दोस्त बदलते रहते हैं। अपने बच्चे को इसके बारे में बताएं। अक्सर स्कूल बदलने, शहर बदलने पर बच्चों से जब उनके दोस्त बिछड़ते हैं, तो वो बहुत दुखी हो जाते हैं। ऐसे समय पर आपका दायित्व बनता है कि आप उन्हें दोस्ती का ये पाठ अवश्य सिखाएं। इससे उनका मनोबल बढ़ेगा। वो जीवन की सच्चाई से वाकिफ होंगे।