अपने बढ़ते बच्चों को बनाए अपना दोस्त, ले इन तरीकों की मदद

हर माता-पिता को यह चिंता सताती रहती है कि जैसे-जैसे उनके बच्चे बढे होते जाते हैं, उनकी बातों को अनसुना करने लगते हैं और अपने नजरिए से सोचने लग जाते हैं। दोनों एक-दूसरे की बातों को समझने की कोशिश ही नहीं करते हैं और उनमें दूरियाँ बनने लग जाती हैं। इसके लिए माता-पिता को चाहिए की अपने बढ़ते बच्चों को दोस्त बनाए और उनके मन की बात को समझने की कोशिश करें। इसलिए आज हम आपके लिए कुछ टिप्स लेकर आए हैं जिनकी मदद से आप अपने बच्चों से आसानी से दोस्ती कर पाएँगे।

* बच्चों को समय दें

आजकल मां-बाप दोनों ही काम पर जाते हैं उनके पास इतना समय नहीं होता कि वह अपने बच्चों के साथ बैठकर बात कर सके। बच्चों के साथ अपना रिश्ता सुधारने और उनका बनाने के लिए उनके साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं। उनके साथ बैठकर उनसे उनके दिन के बारे में पूछ सकते हैं, उनके दोस्तों के बारे में पूछ सकते हैं और थोड़ी बातें उनकी पढ़ाई और कैरियर के बारे में कर सकते हैं।

* बोलें कम सुनें ज्यादा

जब भी बच्चों से बात कर रहे हो तो बोलें कम और उनकी बातों को सुनना शुरू करें। इस तरह करने से बह अपने मन की हर बात को आपसे शेयर करने लगेगा। बच्चों को ज्यादा रोके टोके न। ज्यादा रोक टोक करने से वह आपसे नराज हो सकता है। अगर आप भी टीन एज बच्चों के साथ घुलना-मिलना चाहता है, तो बातचीत में उन्हें ज्यादा से ज्यादा बोलने का मौका दें। कोशिश करें कि आपके सवाल ऐसे हों, जिनके लंबे जवाब दिये जा सकें।

* हर समय बच्चों को शिक्षा न दें

ज्यादातर माता-पिता बच्चों को उपदेश और शिक्षा देते रहे। अगर वह गलती करता है तो उसको प्यार से समझाएं। जब तक वह गलतियां नहीं करेगा उसको पता नहीं चलेगा की उसने क्या गलत किया है। बच्चा अपनी गलतियों से ही सिखेगा। अगर वह कोई काम गलत करता है तो उसको प्यार से समझाएं।

* कोशिश की तारीफ करें

अक्सर इस उम्र में बच्चे रिजल्ट में अच्छे माकस न आने की वजह से निराश हो जाते हैं। इस स्थिति में उनको निराश न होने दे। उनको प्यार से समझाएं। उनको हमेशा अच्छे नंबर लाने की कोशिश करने के लिए प्रेरित करें। जब वह अपनी कोशिश में सफल होता है तो उसकी तारिफ करें।

* बच्चों को आदाजी दें

बच्चों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। बच्चों पर ध्यान दें मगर उनकी आजादी को न छीने। उनको उड़ने के लिए खुला आसमान दें पर उनकों जमीन के साथ जोड़ने का काम आपका है। बच्चों पर दबाव न डालें।बहुत दबावों के बीच रहने से बच्चों का प्राकृतिक टैलेंट उभरकर नहीं आ पाता है और दब जाता है।