बच्चो के साथ बनाना चाहते हैं दोस्ती वाला रिश्ता, लें इन टिप्स की मदद

पेरेंट्स और बच्चों के बीच का रिश्ता कई बार ऐसे मुकाम पर पहुंच जाता हैं जहां बच्चा अपने मन की बात पेरेंट्स से कहने में हिचकिचाता हैं जिसकी वजह से वह अंदर ही अंदर परेशान होता रहता हैं। कई बार तो दोनों के बीच तनातनी का माहौल भी बन जाता हैं। इस समस्या को सुलझाने का सबसे अच्छा जरिया हैं कि आप अपने बच्चों से दोस्ती वाला रिश्ता बनाने की कोशिश करें। बच्चे अपने दोस्तों से दिल की सभी बात कह देते हैं और उनकी सुनते भी हैं। ऐसे में आप बच्चों के दोस्त बनकर रहेंगे तो आपका रिश्ता बेहतर होगा। अगर आप भी चाहते हैं कि बच्चों के साथ दोस्ती वाला रिश्ता कायम हो तो यहां बताए जा रहे टिप्स का अनुसरण करें। आइये जानते हैं इनके बारे में...

हर परिस्थिति में साथ निभाने का वादा करें

अगर आप सच में बच्चों के नजदीक जाना चाहती हैं तो सबसे पहला कदम आपको ही उनकी तरफ बढ़ाना होगा। इसकी शुरूआत में आप उन्हें लाइफटाइम कमिटमेंट जरूर दें। मसलन, आप उन्हें कहें कि जीवन में वह चाहे कोई भी गलती करें या फिर परिस्थितियां किसी भी तरह बदल जाएं, लेकिन आप उन्हें कभी भी प्यार करना नहीं छोड़ेगी। वैसे तो माता-पिता का प्यार अनकंडीशनल और लाइफ टाइम के लिए ही होता है, लेकिन बच्चे को भी इसका अहसास कराने से आपसी बॉन्ड मजबूत होता है। इसी तरह, आप उन्हें कह सकती हैं कि वह एक दोस्त की तरह अपने जीवन की सबसे गन्दी बात भी उन्हें बता सकते हैं और आप हमेशा उनकी बात पूरी सुनेंगी और उनके प्रति जजमेंटल नहीं होंगी।

बच्चों के साथ समय बिताएं


आप कितना ही व्यस्त क्यों न रहते हों, अपने बच्चों के लिए समय जरूर निकालें। बच्चों के साथ समय बिताएं। बच्चों के साथ समय बिताने से रिश्ता मजबूत होता है। अपने बच्चों के साथ समय- समय पर घूमने का प्रोग्राम बनाएं और बच्चों के साथ एक दोस्त की तरह रहने की कोशिश करें।

अधिक दखलअंदाजी ना करें

बच्चों की दोस्त बनने की कोशिश कर रही हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि आपकी कोशिश की जानकारी उन्हें ना हो। उन्हें जब भी जरूरत हो, तब सही सलाह दें और एक दायरा सेट करें कि आप उनके कामों में किस हद तक दखल दें। किशोरावस्था में अधिक दखलअंदाजी बच्चों को पसंद नहीं आती। उन्हें सही-गलत बताएं लेकिन हर कदम पर दखल ना दें।

बच्चों के लिए हमेशा अवेलेबल रहें

अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा आपका दोस्त बन जाए तो उसके लिए हर समय अवेलेबल रहने की कोशिश करें। जब भी आपके बच्चों को आपकी जरूरत हो आपका उनके पास में रहना बहुत जरूरी है। बच्चों को इस बात का एहसास दिलाएं कि आप उनके लिए हमेशा अवेलेबल हैं।

जोर जबरदस्ती न करें

बच्चे और माता पिता में दूरी का सबसे बड़ा कारण जोर जबरदस्ती करना है। पेरेंट्स होने के नाते आपको यह समझने की जरूरत है कि बच्चे जो भी बोल रहे हैं वह अपनी उम्र के हिसाब से बोल रहे हैं। उन्हें डांटने के बजाय सही और गलत में फर्क बताएं। बच्चों को बताएं कि सही और गलत की पहचान कर वह अपनी जिंदगी का हर फैसला खुद ले सकते हैं। इससे न सिर्फ बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ेगा बल्कि वे आपकी इज्जत भी करेंगे।

उनकी भी सुनें

अगर आपको उनकी राय पसंद नहीं आ रही है, फिर भी एक बार उनकी बात को पूरी तरह से सुनें। उन्हें क्या दिक्कत महसूस हो रही है उसे जानें। इसके बाद ही कोई फैसला लें। क्योंकि अगर आपने अपनी सोच को बच्चे पर थोपने की कोशिश की तो एक-दो बार तो वह सुन लेगा, लेकिन अगली बार से वो बातें शेयर करना बंद कर देगा। आपसे चोरी काम करेगा और हो सकता है कि चोरी पकड़े जाने पर आपसे बहस भी करे। क्योंकि जब उसे आपका साथ चाहिए था तब मिला नहीं। इसी चिड़ में आकर ही बच्चे गलत काम करते हैं।

बच्चों को प्यार का एहसास कराते रहें


सभी माता-पिता अपने बच्चों से बहुत प्रेम करते हैं, परंतु आपको इस बात का एहसास भी कराते रहना चाहिए। जब भी आपको लगे कि आपके बच्चे परेशान हैं तो उन्हें गले लगाएं और उन्हें ये बताएं कि आप हर समय उनके साथ हैं। आपके प्यार करने से ही बच्चे आपके बहुत अच्छे दोस्त बन जाएंगे।

समय के साथ अपनी सोच बदलें

अगर आप सिर्फ यह सोचते हैं कि सिर्फ बच्चों को बदलकर आप बेस्ट पेरेंट्स बन सकते हैं तो ये आपकी गलतफहती है। सबसे पहले जरूरी है आपका खुद का बदलना। समय के साथ अपनी सोच को भी बदलें। क्योंकि एक तो आपके और बच्चों के बीच में पहले से ही जेनरेशन गैप होता है, फिर आप उनकी बातों को समझने की बजाय उन पर अपने फैसले थोपते हैं तो बच्चे चिड़चिड़े हो जाते हैं और आपसे बहुत दूर चले जाते हैं। इसलिए अगर आप बच्चों के दोस्त बनना चाहते हैं तो उनके साथ उनकी जैसी ही बातें करें।