रिटायर होना एक नया पड़ाव से जीवन शुरू करने का नाम है। यह नए उत्साह का समय है। नई तरह से जीवन की व्यवस्था जमाने का सुनहरा अवसर है। बच्चों की पढ़ाई और उनके करियर बनाने की जिम्मेदारी जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन जाता है। बच्चे बड़े हो जाते हैं और अपनी अपनी गृहस्थी में बिजी हो जाते हैं। इसके बाद रिटायरमेंट आ जाता है जब आपको खुद के लिए समय निकालने की जरूरत है। इसके लिए योजना बनाना भी जरूरी है। हम आपको बताएंगे रिटायरमेंट के बाद कैसे जिए अपनी जिंदग-
खुद को रखें व्यस्त कार्यस्थल पर पूर्ण समर्पण शारीरिक परेशानियों और थकान को भुला देता है। खाली दिमाग शरीर को बीमारियों का घर बना देता है। जिन घंटों में दफ्तर जाते थे, उन्हीं घंटों में छोटा-मोटा काम करें। अपने शौक को वक्त दे।
मिलते जुलते खुश रहेयह तो समय दोस्ती और मेलजोल बढ़ाने का है। नौकरी से रिटायर होने के बाद रिटायर होने के कारण खुद को घर में कैद ना करें। समय की बंदिश हट गई है तो खुलकर घूमे फिरे
पहले की तरह रहे व्यवस्थितप्रेस किए हुए कपड़े, पोलिश किये हुए चमकदार जूते और सदे हुए बाल, कुछ इसी तरह तो काम पर जाते थे आप। इसे रिटायरमेंट के बाद भी बरकरार रखें। रोजाना इसी तरह से खुद को व्यवस्थित रखें। व्यवस्थित रहन सहन आपको खुशी देता है।
समझदारी से निभाए रिश्ता
रिश्ते कभी एकतरफा नहीं निभते हैं। दोनों तरफ से निभाया जाए तो रिश्तो की डोर मजबूत होती है। यदि आपके बच्चे नौकरी के सिलसिले में शहर से बाहर हैं तो उनके फोन का इंतजार करने के बजाए खुद उनके हालचाल जानें।
समय के साथ चलना सीखेंअपनी निराशा दूर करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा भी ले सकते हैं। यदि आपको इसका इस्तेमाल नहीं करना आता है तो सीखे। नई चीजें सीखेंगे तो जानकारी मिलेगी और मन में उत्साह बढ़ेगा।