क्या घंटों की पढ़ाई के बावजूद नहीं रहता आपके बच्चों को याद, इन बातों पर जरूर करें गौर

परीक्षाओं का दौर जारी हैं जहां बच्चों और उनके पेरेंट्स पर काफी तनाव बढ़ता जा रहा हैं। बच्चों को अपना पूरा फोकस पढ़ाई पर रखना होता है तो वहीं मां-बाप को भी बच्चों का खास ख्याल रखना होता है। वैसे तो बच्चों का दिमाग क्रिएटिविटी से भरपूर होता है। मगर, पढ़ाई के मामले में अक्सर कुछ बच्चे थोड़े कमजोर होते हैं। पढ़ाई को लेकर सभी बच्चों की क्षमताएं अलग होती हैं। कुछ बच्चे एक नजर में ही चीजों को दिमाग में बिठा लेते हैं। तो वहीं कई बच्चों को बार-बार रटने के बाद भी चीजें याद नहीं हो पाती हैं। कुछ बच्चे ऐसे होते हैं जिन्हें कितना भी अच्छे से पढ़ाओ लेकिन उसे पाठ याद ही नहीं होता। क्या आपके बच्चे के साथ भी यही परेशानी हैं? तो ऐसे में आपको यहां बताई जा रही बातों पर गौर करने की जरूरत हैं जिससे आपके बच्चों को बहुत फायदा होगा। आइये जानते हैं इनके बारे में...

पढ़ाई के तरीके बदलना

पेंसिल और कॉपी लेकर बैठना और याद करना बेहद जरूरी है लेकिन पढ़ाई करने का कोई निर्धारित रूल नहीं होता है। बच्चों को वीडियो दिखाकर या फिर फोटो के माध्यम से और प्ले कार्ड आदि का इस्तेमाल करते हुए पढ़ाएं। इसके साथ ही जब आप बहुत छोटे बच्चे को पढ़ाई से जुड़ी एक्टीविटीज करवाते हैं तो वे बेहतर तरीके से चीजें याद कर लेता है।

समझाकर याद कराएं
कुछ पेरेंट्स बच्चों को किताब खोलकर विषय को सिर्फ रटवाने मे यकीन रखते हैं। हालांकि, रटी हुई चीजें बच्चों के दिमाग में ज्यादा देर नहीं रह पाती हैं। इसलिए बच्चों को हमेशा हर टॉपिक अच्छे से समझाकर याद करवाएं। क्योंकि एक बार समझने के बाद बच्चे उसे टॉपिक को कभी नहीं भूलेंगे।

किसी वाक्य से जोड़ दें

जो भी बच्चा पढ़ रहा है, आप उसे उसे किसी वाक्य से जोड़ दें। इससे बच्चे को याद रखने में आसानी होगी। उसे याद रहेगा कि आपने उसे वो टॉपिक किस उदाहरण या कहानी के साथ समझाया था। बच्चा पढ़ाई को भले ही याद ना रखे लेकिन लाइफ एक्सपीरियंस को जरूर याद रखेगा। इससे बच्चा सिलेबस या किसी भी चैप्टर या सवाल को लंबे समय तक याद रख पाएगा।

बच्चे को रट्टा न लगवाएं

पढ़ाते समय ध्यान रखें कि बच्चे को विषय के बारे में समझाएं। अक्सर बच्चे जब विषय को समझ नहीं पाते तो उसे याद करने के लिए रट्टा लगाते हैं। रटने से बच्चा अच्छे नंबर तो ला सकता है, लेकिन विषय की समझ न होने से उसके ज्ञान का विस्तार नहीं होता। साथ ही अगर बच्चा रटा हुआ पाठ भूल जाता है तो वह परीक्षा में उस विषय पर एक लाइन भी खुद से नहीं लिख पाएगा। इसलिए बच्चे में विषय को समझने की आदत डालें, न कि रटने की।

लाइनों को हाइलाइट कर लें

जब आप रीडिंग करते हैं, तो उस दौरान महत्वपूर्ण लाइनों को हाइलाइट कर लें। इससे आपको रिवीजन करने में मदद मिलेगी और एग्जाम के दौरान आपका समय भी बच जाएगा। अपनी बुक में हर चैप्टर की इंपॉर्टेंट लाइनों को मार्क या हाइलाइट करना शुरू कर दें। परीक्षा से पहले सिर्फ इन लाइनों को पढ़ने से ही आपको सब कुछ याद आ सकता है।

गाने की धुन पर याद करवाएं पाठ

जब भी बच्चे को कुछ बोरिंग याद करवा रहे हों तो किसी कविता या गाने के रूप में गाकर या पढ़कर बताएं। साइंस, इंग्लिश और हिंदी आदि विषयों को जब बच्चे किसी गाने की पंक्तियों के तौर पर सुनते और गुनगुनाते हैं, तो उन्हें पाठ याद रखना आसान हो जाता है।


रिवीजन करना भी जरूरी है

बच्चे अक्सर एक बार किसी पाठ को याद करने के बाद उसे दोबारा नहीं पढ़ते हैं। इसी वजह से जब वह पेपर में उत्तर लिखते हैं तो आधे से ज्यादा भूल जाते हैं। ऐसे में बेहतर यही है कि आप जो भी पढ़ें उसे रिकॉल करते रहें। दोबारा-दोबारा टेस्ट देने से कोई भी विषय लंबे समय कर याद रहता है।

पढ़ाई का माहौल

कई बार माता-पिता बच्चे को पढ़ने तो बैठा देते हैं लेकिन उसे पढ़ाई का सही माहौल नहीं देते। जैसे कि बच्चा पढ़ रहा है लेकिन उसके सामने लगातार कुछ कहते रहना, कभी खाने-पीने की तो कभी कपड़े सुखाते रहने की बातें करना, फोन पर लगे रहना, आपस में चुहल करना, यह सब बच्चे का ध्यान भटकाने वाला हो सकता है। बच्चे को पढ़ने के लिए शांत और खाली कमरा दें जहां उसे फोकस करने में सहायता हो। आप उसके साथ कमरे में शांति से बैठ सकते हैं।