बच्चों की गलत आदतें बनती हैं पेरेंट्स की चिंता का विषय, इस तरह दूर करें यह परेशानी

वर्तमान समय में देखा जा रहा हैं कि बच्चे अपना संतुलन खोते हुए जल्द ही गुस्सा करने लगते हैं और बात करते समय असभ्यता दिखाते हैं। देखा गया हैं कि बच्चों के इस स्वभाव की वजह या तो ज्यादा लाड-प्यार बनता है या बच्चों पर ज्यादा तनाव। बच्चों का यह स्वभाव उनके पेरेंट्स के लिए चिंता का विषय बनता हैं क्योंकि कोई भी पेरेंट्स नहीं चाहते हैं कि उनके बच्चे गलत आदतों को अपनाए। इसलिए आज हम आप पेरेंट्स के लिए कुछ टिप्स लेकर आए हैं जिनकी मदद से आप बच्चों के इस असभ्य व्यवहार में बदलाव ला सकेंगे। तो आइये जानते हैं इस बारे में।

बच्चों के साथ वक्त बिताएं
जब घर में माता और पिता दोनों ही वर्किंग होते हैं तो वो अपने बच्चों के साथ वक्त नहीं बिता पाते हैं। ये सच है कि वो अपने बच्चों को मेड और सभी जरूरी चीजें उपलब्ध कराते हैं लेकिन माता पिता को ये समझना चाहिए कि बच्चों को आपकी जरूरत है। इसलिए अगर आप वर्किंग है तब भी अपने बच्चों के साथ दिन में कम से कम 1 घंटा जरूर बिताएं। इस एक घंटे में अपने बच्चे से पूछे कि उसने दिनभर क्या किया या वो क्या सोच रहा है। इसलिए आपके और आपके बच्चों के बीच गैप कम रहेगा और बच्चा अपने दिल की आपको बता पाएगा।

बहुत ज्यादा न फटकारें
बच्चे को ज्यादा डांटे-फटकारें नहीं। जब भी आपका बच्चा रूखा बर्ताव करे या जिस काम के लिए मना किया है वो काम करे, तो उसे प्यार से समझाएं। अगर बच्चा बदतमीजी भी करता है, तो तत्काल थोड़ी सख्ती के साथ डांट दें मगर बाद में उसकी गलती का एहसास दिलाते हुए उसे प्यार से समझाएं और आगे से अच्छे व्यवहार के लिए उसे उसकी मनपसंद चीजों का लालच दें।

हर जगह ना जाने दें
बच्चे अपने साथ के लोगों या दोस्तों को देखकर उनके साथ कहीं भी जाने की जिद करते हैं। मां-बाप का ये फर्ज़ है कि बच्चों को जहां भी भेजें अपनी जिम्मेदारी पर भेजें। क्योंकि बाहर वाले या जिनके साथ आपका बच्चा जा रहा है उनके पास इतना समय नहीं है कि वो आपके बच्चे का ध्यान रखेंगे। इसलिए बच्चों को कहीं भी जाने की अनुमति ना दें।

कहीं हाथ से तो नहीं निकल रहा बच्चा
आजकल के बच्चों के साथ किसी भी तरह की जोर जबरदस्ती करने में कोई समझदारी नहीं है। ऐसा करने से बच्चों में आपसे बगावत करने के आसार पैदा होते हैं और बच्चा धीरे-धीरे आपको जवाब देना सीख जाता है। ज्यादा डांटने से बच्चा जानबूझकर वही काम करता है, जिसके लिए आप उसे मना करते हैं। ऐसे बच्चे घर के बड़ों और कई बार मां-बाप, भाई-बहन से भी बदतमीजी भरा व्यवहार कर सकते हैं। इसलिए बच्चे के हाथ से निकलने से पहले ही उसे संभालें।

गलती का अहसास दिलाएं
जब कभी आपको लगता है कि आपका बच्चा अनुशासन से बाहर हो गया है या अपनी मनमानी कर रहा है, तो इसके लिए उसे मारें नहीं और ना ही उसे डाटें। बच्चे की उम्र चाहे कोई भी हो उसकी गलती के लिए उसे प्यार से समझाएं और उसकी गलती का अहसास दिलाएं। इससे बच्चा खुद ही सुधर जाएगा।