कहते हैं की शक एक ऐसी बीमारी है, जिसका कोई इलाज नहीं है। और जब ये बीमारी रिश्तों में लग जाती है तो रिश्ता टूटने की कगार पर पहुंच जाता है। पति-पत्नी रिश्ते में प्यार और सम्मान होना बहुत जरूरी होता है। जहां ये दोनों ही चीजें नहीं मिलती हैं वहां उसे घुटन होने लगती है। कई बार देखा जाता है कि पति अपनी पत्नी पर ज्यादा हावी रहता है। यदि आपके पति भी आप पर दबाव बनाते हैं कि आप उन्हें बताकर किसी भी जगह पर जाएं, किसी से मिलने जा रहे हैं उसकी जानकारी उन्हें पहले दें, आप किसी दूसरे व्यक्ति से बात ना करें तो इसका मतलब साफ़ है कि वो आप पर हावी होना चाहते हैं । इस तरह के रिलेशनशिप में प्यार होने के बावजूद दोनों का साथ लंबा नहीं चल पाता है। किसी एक व्यक्ति का भी डोमिनेटिंग नेचर रिश्ते को तबाह कर सकता है, जानते हैं कैसे करें ऐसे पति के साथ डील-
अपनी बात समझाएंआजकल के समय में कपल्स के बीच में ट्रस्ट इशू बहुत ज्यादा नजर आते हैं। पार्टनर का फोन बिजी जाने, उसके ऑनलाइन रहने, घर से बाहर जाने पर उसकी वफादारी पर शक किया जाता है। इस शक का लेवल इतना बढ़ जाता है कि वो खुद को मानसिक तथा शारीरिक रूप से भी कष्ट पहुंचाते हैं। इंसान अपने इस शक की वजह से पार्टनर पर दबाव बनाता है कि वो जो भी करे इसकी जानकारी पहले उसे दे। अगर आपके पति भी इस तरह की स्थिति उत्पन्न कर रहे हैं तो उसे विश्वास दिलाने और समझाने की जरूरत है। उन्हें समय दें और बताएं कि आप कुछ गलत नहीं कर रहे हैं।
पर्सनल स्पेस की मांग करेंअगर आपके पति की शक करने की आदत की वजह से दबाव और घुटन महसूस होने लगी है तो इस बारे में आप अपने पति से बात करें और उनसे अपने पर्सनल स्पेस की मांग करें। आपको ये समझना होगा कि रिश्ते को बचाए रखने के लिए आपको ही प्रयास करना होगा। आप दोनों अलग अलग शख्स हैं और आप दोनों की इस रिश्ते के अलावा भी जिंदगी है। आप दोनों का पर्सनल स्पेस होना चाहिए। आप उन्हें समझाएं कि आपकी निजी चीजों को बदलने का प्रयास ना करे।
अपने फैसलों को भी अहमियत देंकई बार पार्टनर इतने ज्यादा हावी हो जाते हैं कि वो हर बात में सिर्फ अपनी राय रखते हैं और उसे ही अंतिम फैसला मान लेते हैं। घर खर्च हो, घूमना फिरना या फिर रेस्टोरेंट में खाने का ऑर्डर, छोटी से बड़ी चीज में वो खुद निर्णय ले लेते हैं। इस तरह के कपड़े मत पहनों, अपने उस दोस्त से बात मत करो, उस जगह मत जाया करो आदि कई तरह की पाबंदियां लगा दी जाती हैं। अगर आपके पति भी ऐसा करते हैं तो उन्हें शांत भाव से समझाये कि वो आपके फैसलों को भी अहमियत दे।
काउंसलर की मदद लें सिर्फ लव रिलेशनशिप में ही नहीं बल्कि शादीशुदा जीवन में भी शक्की और गुस्सैल पार्टनर मिल जाते हैं। पति या पत्नी के बीच रिश्ते में संतुलन ना होने से घर के सभी फैसले कोई एक ही लेता है। शादी का ये रिश्ता तलाक तक पहुंचने से पहले आप काउंसलर की मदद लें।
माता पिता और करीबी दोस्तों की मदद लें अगर पार्टनर के शक्की स्वभाव की वजह से आपको मानसिक परेशानी पहुंच रही है या कोई शारीरिक नुकसान भी हो रहा है तो रिश्ता तोड़ लेने में ही भलाई है। आप पार्टनर की इन आदतों के बारे में उसके माता पिता और करीबी दोस्तों को बताएं। उनकी मदद से अपने पार्टनर को समझाने की कोशिश करें। यदि स्थिति अनियंत्रित हो जाती है तो पुलिस की मदद लेने से पीछे ना हटें।