कहीं आपके बच्चे तो नहीं कर रहे स्ट्रेस का सामना, इन लक्षणों से लगाए पता और करें उनकी मदद

आजकल के इस दौर में देखा जाता हैं कि बच्चों पर पढ़ाई के साथ-साथ कई चीजों का दबाव पड़ जाता हैं जिसे संभाल पाना बच्चों के लिए आसान नहीं होता हैं और वे इसके बोझ के नीचे दबते चले जाते हैं जिसकी वजह से उनकी जिंदगी में स्ट्रेस जगह ले लेता हैं। कई बार ऐसे मौके आते हैं जब बच्चा अकेले में रोता हैं। बच्चों का यह स्ट्रेस आगे बढ़े और घातक हो जाए उससे पहले पेरेंट्स को इसका पता कर बच्चों की मदद करनी चाहिए। आज इस कड़ी में हम आपको उन लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं जो स्ट्रेस की ओर इशारा करते हैं जिन्हें पता कर बच्चों की मदद की जा सकती है और उनकी मदद हो सकती हैं। तो आइये जानते हैं इन लक्षणों के बारे में...


स्कूल न जाने के बहाने बनाना

आपका बच्चा आम तौर पर आपको बोल सकता है कि आज स्कूल में अधिक काम नहीं है और आज की छुट्टी है ताकि वह स्कूल जाने से बच सके। ऐसा वह स्ट्रेस होने के कारण कर सकता है क्योंकि हो सकता है स्कूल में ही उन्हें कोई परेशान कर रहा हो और इस स्थिति से उन्हें बचाने के लिए स्कूल टीचर का नंबर रखें और अगर वह कभी छुट्टी आदि का बहाना बनाते हैं तो उन्हें तुरंत फोन करें और अपने बच्चे की स्थिति के बारे में बताएं।

बेबी टॉक करना

बच्चे कभी खुद से यह नहीं बताएंगे कि वह स्ट्रेस महसूस कर रहे हैं इसकी बजाए वह अधिक गुस्सा और अधिक चिल्लाना जैसे लक्षण दिखा सकते हैं। इससे आपको उनकी हालत समझ लेनी चाहिए और उनके साथ बच्चों की तरह बात करनी चाहिए ताकि वह आपके सामने अपनी बात रखने में। काफी सुरक्षित महसूस कर सकें और किसी तरह का डर महसूस न कर सकें।

बच्चों में गुस्सा

बहुत ज्यादा गुस्सा आना बच्चों में तनाव का लक्षण हो सकता है। यह लक्षण काफी डराने वाला है। क्योंकि इससे बच्चे के स्वभाव में अनचाहे परिवर्तन हो सकते हैं। यह गुस्सा आगे चलकर उसके व्यक्तित्व में शामिल हो सकता है और दूसरे लोगों व खुद उसके लिए दिक्कत भरा हो सकता है।


बच्चों में मूड स्विंग्स

तनाव के कारण मूड स्विंग्स होने लगते हैं। मूड स्विंग्स के कारण बच्चे का स्वभाव अचानक बदलने लगता है। कभी वह खुशनुमा नजर आता है, तो कभी वह गुमसुम व उदास नजर आने लगता है। वहीं, छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करने लग सकता है।

भूख लगने में बदलाव आना

जब किसी का स्ट्रेस लेवल अधिक बढ़ जाता है तो भूख में सबसे पहले बदलाव देखने को मिलते हैं, हो सकता है आपके बच्चे को इमोशनल ईटिंग करने की आदत हो और वह बहुत अधिक खाना खा रहे हों और खास कर जंक फूड या ओवर ईटिंग ही वह करते है। ऐसा भी हो सकता है कि आपका बच्चा बिल्कुल कुछ भी न खा रहा हो तो ऐसा संकेत देख कर उनके हालात के बारे में बात करें और उन्हें समझाए।

सिर दर्द

अगर आपका बच्चा अधिक स्ट्रेस ले रहा है तो आम तौर पर उसे सिर दर्द जैसे लक्षण जरूर देखने को मिलेंगे क्योंकि स्ट्रेस और डिप्रेशन से दिमाग पर अधिक प्रेशर पड़ता है। अपने बच्चे की दिन की गतिविधियों पर नजर रखें ताकि आप यह बात नोटिस कर सकें कि उन्हें किसी अन्य खेल कूद जैसी गतिविधि के कारण सिर दर्द हो रहा है या फिर उनके सिर दर्द का कारण स्ट्रेस है।

नींद आने में दिक्कत होना

अगर आपके बच्चे का हाल ही में नींद आने का पैटर्न बहुत अधिक बदल गया है तो यह भी स्ट्रेस का ही एक संकेत हो सकता है। आप नोटिस कर सकते हैं कि आपका बच्चा बहुत अधिक सो रहा है या वह पहले के मुकाबले देर से सो रहा है या बिल्कुल ही नहीं सो रहा है। अगर वह स्कूल में सो रहे हैं तो आपको तुरंत कोई न कोई एक्शन लेना चाहिए ताकि आपका बच्चा इस स्थिति से निकल सके।