इन तरीकों से बच्चों में जगाए किताबों के लिए दिलचस्पी, जानकारी के साथ बढ़ेगा ज्ञान

वर्तमान समय तकनिकी का हैं जहां किताबों की जगह अब मोबाइल ने ले ली हैं। इस कोरोना काल में तो टेक्नोलॉजी ने सभी को अपना गुलाम बना दिया हैं। खासतौर से बच्चों में मोबाइल की ऐसी लत पड़ गई हैं कि वे अब किताबों से दूर भागने में लगे हुए हैं। इसकी वजह से बच्चों का ज्ञान सिमित हो गया हैं और उनकी भाषा, उच्चारण की समझ विकसित नहीं हो पा रही हैं। ऐसे में जरूरी हैं कि अपने बच्चों को बचपन से ही इस तरह तैयार करें कि किताबों में उनकी दिलचस्पी जगे और किताबें उनकी दोस्त बन जाए। आज इस कड़ी में हम आपको उन टिप्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी मदद से अपने बच्चे में किताब पढ़ने की आदत का विकास किया जा सकता हैं।

घर से करें शुरुआत
बच्चे के लिए पहली पाठशाला उसका घर होता है और पहले शिक्षक उसके माता-पिता। अगर आप किताबें पढ़ते हैं, तो इस बात का अनुसरण आपके बच्चे भी करेंगे। उनमें भी किताब पढ़ने की रूचि पैदा होगी। इसलिए अपने घर में पढ़ने-लिखने का माहौल बनाएं। अगर आप अपने बिस्तर पर मोबाइल फोन की जगह किताबें पढ़ते हैं, तो बच्चा भी धीरे-धीरे यही आदतें सीखता है। किताबों को लेकर उसकी दिलचस्पी भी पैदा होती है। हालांकि आप अपने बच्चों को उम्र के हिसाब से ही किताबें पढ़ने दें ताकि उसमें उनका मन लगे।

लाइब्रेरी जरूर ले जाएं
अपने बच्चे में किताब पढ़ने की आदत डालने के लिए आप उन्हें लाइब्रेरी में जरूर ले जाएं। लाइब्रेरी एक ऐसी जगह है, जहां बच्चा अपनी मनपसंद किताब पढ़ सकता है। लाइब्रेरी में कुछ देर आप भी कोई किताब पढ़ सकते हैं और बच्चे को भी अपनी मनपसंद किताब पढ़ने के लिए कह सकते हैं। किताबों को पढ़ने से वह अपने आपको किसी के सामने बेहतर ढंग से एक्सप्रेस कर पाते हैं।

बच्चे के साथ किताब पढ़ें

कई बार हम बच्चों को किताब पढ़ने के लिए अतिरिक्त दबाव बनाते हैं। ऐसा करने की बजाय आप बच्चे के साथ में किताब पढ़ें। इससे उन्हें पढ़ने में भी मन लगेगा और उनमें किताबों को लेकर उत्साह पैदा होगा। अगर आपके एक दिन उनके साथ कोई कहानी पढ़ते हैं , तो अगले दिन वह खुद किताब लेकर आते हैं कि दूसरी कहानी पढ़ना शुरू कर देते हैं। इस एक्टिविटी की मदद से आप अपने बच्चे के साथ भी ज्यादा समय बीताते हैं। उन्हें किताबें पढ़ने में भी मजा आता है।

साहित्य की बातें बताएं

अपने बच्चे को किताबें पढ़ने के लिए जागरूक करने का सबसे सरल उपाय है कि आप उन्हें नई-नई कहानियां बताएं और गीता-रामायण की भी कुछ दिलचस्प कहानियां सुनाएं ताकि बच्चे बुक पढ़ने को लेकर उत्साहित हो। जैसे- जब आप अपने बच्चे को खरगोश और कछुए की कहानी सुनाते है, तो उनके सामने किताब खोलकर रखे ताकि वह चित्रों के माध्यम से किताब को पढ़ने की आदत बना सके। इसके अलावा उन्हें हमेशा कहानी सुनाने को भी कहें। इसकी मदद से बच्चे किसी भी चीज को ज्यादा समय तक याद करके रखते हैं।

होमवर्क जरूर दें
बच्चों को साथ बैठकर पढ़ाएं, फिर रोज एक छोटा सा चैप्टर या पैराग्राफ पढ़ने को जरूर कहें। इससे उनमें खुद किताबों को पढ़ने की आदत डेवलेप होती है। साथ ही उन्हें सोते वक्त उस कहानी को सुनाने को कहें। इससे वह अपनी बात बेहतर ढंग से कह सकेंगे। इसके अलावा शब्दों की चयन क्षमता, बोलेने की शैली और संवाद का तरीका भी बच्चे को आएगा।

इन बातों का रखें ख़ास ख्याल

- बच्चे का मन बहुत चंचल होता है। ऐसे में किताबे पढ़ने में उनका मन बहुत कम लगता है, तो उनके पास मोबाइल को साइलेंट या ऑफ करके रखे ताकि फोन बजने पर उनका ध्यान भंग न हो।
- बैठने की पोजीशन सही हो। कई बार हम बच्चों को गलत तरीके से बैठकर पढ़ रहे होते हैं, जिसकी वजह से वह जल्दी थक जाते हैं और पढ़ना नहीं चाहते हैं।
- छोटे-छोटे टारगेट सेट करे। बच्चों को एक दिन में बहुत अधिक पढ़ने के लिए फोर्स न करें। इससे बच्चे का मन किताबे पढ़ने में नहीं लगेगा
- किताब पढ़ते वक्त हमेशा बच्चे को भी कहानी दोहराने को कहें। इससे उनका उच्चारण भी सही होता है और बोलेने की झिझक भी दूर होती है।
- बच्चे को हमेशा किताबें पढ़ने को लेकर जिज्ञासु बनाए। उनसे बातें करें कि कहानी में आगे क्या होगा ताकि उनका मन किताबें पढ़ने में लगा रहेगा।