बच्चों में डवलप करें ये 5 जरूरी स्किल, वास्तविक दुनिया का सामना करने में मिलेगी मदद

बच्चों को दुनियादारी सिखाने में पेरेंट्स की परवरिश का महत्वपूर्ण योगदान होता हैं। बचपन से ही बच्चों को दी गई सही सीख उन्हें वास्तविकता से अवगत करवाती हैं और जीवनभर की परेशानियों का सामना करने में मदद करती हैं। ऐसे में जरूरी हैं कि पेरेंट्स बच्चों में स्किल डवलप करें ताकि उनका शारीरिक-मानसिक विकास होने के साथ ही बच्चों को कौशल शिक्षा, प्रशिक्षण और महत्वपूर्ण गतिविधियों से जुड़ी जानकारी का भी ज्ञान बढ़े। आज इस कड़ी में हम आपको बताने जा रहे हैं कि पेरेंट्स को बच्चों में कौनसी स्किन डवलप करने की जरूरत हैं ताकि वे अपने आने वाले जीवन की मुश्किल स्थितियों का भी सामना कर सकें। तो आइये जानते हैं इन स्किल्स के बारे में...

सीखने की आदत

जो बच्चे सीखने का आनंद लेते हैं, वे ऐसे वयस्क हो जाते हैं जो जीवन में शायद ही कभी ऊबते हो। इसलिए बच्चों को सीखने के लिए प्रोत्साहित करें। उनके स्क्रीन के समय को सीमित कर उन्हें बहुत सारी किताबें पढ़ने, खेलने के लिए प्रेरित करें। हम को शिश करें कि वे हमारे साथ पुस्तकालय जा सकें, उनके लिए खेल गतिविधियों का प्रबंध हम कर सकें और घर पर उन्हें थोड़ी ऊथल—पुथल करने की स्वतंत्रता उन्हें दी जाए। हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि आखिर कार बच्चे सीखने के लिए हमेशा उत्सुक होते हैं बस उन्हें सही दिशा देने की जरूरत होती है।

स्वयं की देखभाल

बच्चों को स्वयं की देखभाल करना आना बहुत जरूरी है ताकि वे अपनी शारीरिक जरूरतों को पहचान सकें और खुद की बेहतर देखभाल कर सकें। स्वयं की देखभाल करने में बच्चों के जीवन से जुड़ी आवश्यक गतिविधियां आती हैं, जैसे, सफाई, बेसिक कुकिंग, शर्ट के बटन लगाना आदि। यह स्किल स्कूल से संबंधित टास्क और लाइफ स्किल से संबंधित टास्क में बेहद काम आती हैं। इसके अलावा, यह संभव नहीं होता है कि आप हर समय अपने बच्चे के साथ हो सकें। जब वह पेड़ से सुपर हीरो की तरह छलांग लगाकर खुद को चोटिल करले, तब भी आप उसके आसपास हो यह हर बार संभव नहीं होता। इसलिए उनके लिए यह जरूरी है कि हम उन्हें प्राथमिक चिकित्सा किट का महत्व बताते हुए प्रयोग करना सिखाएं। उन्हें यह भी बताएं कि सब्जियां खाना, पर्याप्त स्वच्छ पानी पीना और सही नींद लेना कितना आवश्यक होता है।

क्रिएटिव स्किल्स

गतिविधियां कराई जानी बेहद आवश्यक होती है, क्योंकि इससे उनमें कम उम्र में ही संवाद करने, सीखने और खुदको अभिव्यक्त करने का कौशल विकसित होता है। अभिनव उत्पादों और सिलसिलेवार व्यवस्थित तरकीबों से बच्चों के रचनात्मक और नवोन्मेषी कौशल को महत्वपूर्ण तरीके से बढ़ाया जा सकता है।

आत्मरक्षा

आधुनिक जीवन शैली में बच्चों की सुरक्षा हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हो गई है। इस कारण बच्चों में आत्म – रक्षा कौशल विकसित करने से न केवल बच्चे में आत्मविश्वास जागृत होता है, बल्कि वे स्वयं को अधिक स्वतंत्र महसूस कर पाते हैं। आज आत्म रक्षा की बुनियादी शिक्षा देना बेटे और बेटी दोनों के लिए आवश्यक हो गया है। आजकल स्कूलों में बच्चों को आत्मरक्षा के गुर सिखाए जाते हैं, हालाँकि, अगर आपके बच्चे के स्कूल में यह सुविधा नहीं है तो उन्हें बिना देर किए दूसरी जगह से प्रशिक्षण उपलब्ध कराएं। इसके अलावा, बच्चों को सुरक्षित और असुरक्षित स्पर्श के बारे में भी बताना बेहद महत्वपूर्ण है। अगर आपके बच्चों को आपके किसी रिश्तेदार से गले लगना या उनका किस करना पसंद नहीं है तो यह सब करने के लिए बाध्य न करें। याद रखें वे अपने शरीर के मालिक स्वयं हैं।

सामाजिक और भावनात्मक विकास

एक अभिभावक के रूप में आपको, बच्चे को दूसरों की भावनाओं का मूल्यांकन करते समय भावनाओं को ठीक से व्यक्त करने और प्रबंधित करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए, क्योंकि उच्चईक्यू (भावनात्मक अनुपात), उच्चआईक्यू (बुद्धि अनुपात) से संबंधित है। अमेरिकन जर्नल ऑफ पब्लिक हेल्थ में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, किंडरगार्टन में विकसित हुए एक बच्चे के सामाजिक और भावनात्मक स्किल आजीवन उनकी सफलता में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा, वर्तमान पीढ़ी के माता-पिता होने के नाते हमें अपने बच्चों को यह सिखाना बहुत जरूरी है कि वे अच्छे और बुरे अजनबियों के बीच अंतर कर सकें। अपने बच्चों को सिखाएं कि अच्छे अजनबियों के साथ वे कैसे बातचीत करें और उन्हें दोस्त बनाएं। यदि हम बच्चों को यह सब नहीं सिखाएंगे तो संभावना है कि युवा उम्र तक उनमें सकारात्मक सामाजिक कौशल विकसित नहीं हो पाएगा।