इन 5 तरीकों से बच्चों को गुस्से से रखे दूर, नहीं तो बिगड़ेगा स्वास्थ्य

वर्तमान समय के व्यस्ततम जीवन के चलते हर व्यक्ति चिंता और तनाव से घिरा रहता हैं, जो उसके गुस्से का कारण बनता हैं। खासकर बच्चों में गुस्से का यह जहर बहुत तेजी से फ़ैल रहा हैं जो उनके मानसिक और शारीरिक विकास के लिए बहुत हानिकारक साबित होता हैं। ऐसे में पेरेंट्स को बच्चों की परवरिश पर ध्यान देते हुए उन्हें समझाने की जरूरत है कि किस तरह गुस्सा उनकी सेहत और व्यवहार पर असर डालता हैं। इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बताने जा रहे हैं जिनकी मदद से आप अपने बच्चों को गुस्से के चंगुल से निकाल पाए। तो आइये जानते हैं इन टिप्स के बारे में।

* खुद शांत रहिये और बच्चों को समय दीजीए

पेरेंटस को अपना पेसेंस लेवल कभी कम नहीम करना चाहिए। होता यह है कि दिन भर की थकान के बाद आप खुद मानसिक रुप से इतने थक जाते हैं कि छोटी—छोटी बात पर भी बच्चों पर भड़क जाते हैं। आप को यह बात याद रखनी चाहिए बच्चे जो देखते हैं, वही सीखते हैं। ऐसे में आपका उनके प्रति अग्रेसिव व्यवहार उनके दिमाग पर असर डालता हैं। बदले में वो भी फिर आपके साथ ऐसा ही व्यवहार करते हैं।

* हिंसक प्रतिक्रिया देने से बचिए

आप किसी भी किमत पर चाहे बच्चों पर हाथ उठाने से बचिए। बच्चे नादान होते हैं ऐसे में अगर आप चाहेंगे कि उन्हें मार-पीट के आप उन्हें सुधार देंगे तो यह आपकी गलतफ़हमी है। अगर आप बच्चों के प्रति हिंसक रुख अपनाते हैं तो आप बच्चे के सुधारने की आखिरी उम्मीद को भी खो देंगे। फिर वो आप की इज्जत नहीं करेंगे बल्कि आपसे डरेंगे, अपनी हर गलती आप से छुपाएंगे। आपका ऐसा रवैया बच्चों के मनोविज्ञान पर नकारात्मक असर डालता है। धीरे धीरे आपके इस हिंसक व्यवहार के कारण भावनात्मक स्तर पर आपका अपना ही बच्चा आपसे दूर होता जाएगा।

* बच्चों को अच्छा व्यवहार करना सीखाइये

जैसा कि हमने पहले भी कहा कि बच्चे वही सीखते हैं जो देखते हैं। ऐसा में आपको चाहिए कि आप बच्चों को सिखाएं कि उन्हें कैसा व्यवहार करना चाहिए। किस परिस्थिति में किस तरह बात करनी चाहिए आपको उन्हें हर बात को हर परिस्थिति को समझाना चाहिए, बच्चे भोले होते हैं उन्हें समझ नहीं होती यह आपकी जिम्मेदारी है कि आप उन्हें समझाए कि आचरण में क्या अच्छा है और क्या बुरा। अगर आपका बच्चा बड़ा है किशोरावस्था में है तो आप और बेहतर ढ़ग से उन्हें समझा सकते हैं। आपको इसके लिए अलग अलग तरीके से, अलग अलग उदाहरण देकर बच्चों को समझाना चाहिए।

* बच्चों को षारीरिक गतिविधियों के लिए प्रेरित करें

आपको बच्चों को षारीरिक गतिविधियों के लिए प्रेरित करना चाहिए। आपको इसके लिए एक गेम की व्यवस्था करनी होगी। करना कुछ खास नहीं है बस एक वॉल की जरुरत है जिस पर बच्चा कुछ लिख सके। आप बच्चों को उस दिवार पर उस परिस्थिति और लोगों के बारे में लिखने को कहिए जो उन्हें स्कूल में या कहीं भी उन्हें गुस्सा दिलाते हैं और फिर उन्हें गीला कपड़ो के लत्ते दीजीए उस दिवार पर फेंकने के लिए। देखिए कैसा इस तरह आपके बच्चे का गुस्सा कम होता है। यह एक मनोवैज्ञानिक तरीका है गुस्से से निपटने का जो आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।

* बच्चों को सिखाइये कि गुस्से पर कैसे काबु पाए

आपको अपने व्यवहार के द्वारा बच्चों को सीखाना चाहिए कि गुस्से पर कैसे काबु पाया जाए। इसके लिए आप बच्चों से शेयर कीजिए कि कैसे आप जब किसी बात पर चिढे़ या गुस्से में होते हैं तो कैसे अपना गुस्सा कम करते हैं। कौन सा तरीका अपनाते हैं तकिया फेंकते हैं या इस तरह कोई और तरीका जो भी आप अपनाते हैं गुस्सा कम करने के लिए। बल्कि बच्चों को यह भी बताइये कि जब वो आपको बर्दास्त से ज्यादा गुस्सा दिला देते हैं तब कैसे आप खुद को शांत करते हैं, खुद पर कैसे कंट्रोल करते हैं। बच्चे के साथ सहानुभूति रखिए हमेशा उसे डराना नहीं चाहिए।