बच्चों की बेहतर पेरेंटिंग के लिए पेरेंट्स को कई मोड़ से गुजरना पड़ता है। कभी बच्चों को प्यार से समझाने की जरूरत पड़ती है, तो कभी उनकी गलती पर फटकार भी लगानी पड़ जाती है। कहते हैं जब बच्चे बड़े होने लगें तो उनसे दोस्ती कर लेनी चाहिए। यह परवरिश का ही एक हिस्सा हैं जिसकी मदद से उन्हें संवारने के साथ ही एक परिपक्व और सकारात्मक व्यक्तित्व की बुनियाद रखने में मदद मिलती हैं। जब आपके बीच एक दोस्ती का बॉन्ड होता है तो कम्युनिकेशन भी काफी आसान हो जाता है। आप दोनों ही एक-दूसरे के मन की बात को सुनने व समझने की कोशिश करते हैं। हालांकि अब सवाल यह उठता है कि पैरेंट्स बच्चों से दोस्ती किस तरह करें। तो आइये जानते हैं इसके कुछ तरीके जिनकी मदद से आप इसकी शुरुआत कर पाएंगे।
बनें उनका सपोर्ट सिस्टम
जीवन के महत्वपूर्ण फैसलों और मुश्किल स्थितियों में बच्चे सबसे पहले अपने माता-पिता की तरफ ही उम्मीद भरी नज़रों से देखते हैं। इसीलिए, उन्हें यह महसूस ना होने दें कि आप उनकी मदद नहीं करेंगे। बच्चों को विश्वास दिलाएं कि आप हर स्थिति में उनके साथ ही रहेंगे। ज़िंदगी में कुछ फैसले ग़लत या बेवकूफी भरे भी हो सकते हैं। लेकिन, यही वह स्थितियां हैं जहां बच्चा आपके सपोर्ट की उम्मीद भी कर सकता है। कुछ ग़लत हो जाने पर बच्चों को उस ग़लती से सीखने में मदद करें और अगली बार बेहतर तरीके से उस काम को करने के लिए प्रोत्साहित करें।
समय देना ना भूलें
कुछ पेरेंट्स अपनी बिजी लाइफस्टाइल के चलते बच्चों को पर्याप्त समय नहीं दे पाते हैं। जिससे बच्चे काफी अकेला महसूस करने लगते हैं और वो धीरे-धीरे आपसे दूर भी हो जाते हैं। इसलिए अपने काम से समय निकालकर रोज बच्चों से थोड़ी देर बाते करें। साथ ही उनके स्कूल प्रोजेक्ट में भी हेल्प करना ना भूलें।
बच्चों के लिए हमेशा अवेलेबल रहें
अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा आपका दोस्त बन जाए तो उसके लिए हर समय अवेलेबल रहने की कोशिश करें। जब भी आपके बच्चों को आपकी जरूरत हो आपका उनके पास में रहना बहुत जरूरी है। बच्चों को इस बात का एहसास दिलाएं कि आप उनके लिए हमेशा अवेलेबल हैं।
मांगें अनुमति
बच्चों को स्पेस दें। उनके किसी काम के लिए अभिभावकों को बच्चों से अनुमति मांगनी चाहिए। जैसे अगर आप अपने बच्चे की किसी काम में मदद करना चाहते हैं या फिर उनके कमरे में आना चाहते हैं, तो उन से पहले पूछें। इससे वह खुद के महत्व को समझते हैं।
जोर जबरदस्ती न करें
बच्चे और माता पिता में दूरी का सबसे बड़ा कारण जोर जबरदस्ती करना है। पेरेंट्स होने के नाते आपको यह समझने की जरूरत है कि बच्चे जो भी बोल रहे हैं वह अपनी उम्र के हिसाब से बोल रहे हैं। उन्हें डांटने के बजाय सही और गलत में फर्क बताएं। बच्चों को बताएं कि सही और गलत की पहचान कर वह अपनी जिंदगी का हर फैसला खुद ले सकते हैं। इससे न सिर्फ बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ेगा बल्कि वे आपकी इज्जत भी करेंगे।
बच्चों को प्यार का एहसास कराते रहें
सभी माता-पिता अपने बच्चों से बहुत प्रेम करते हैं, परंतु आपको इस बात का एहसास भी कराते रहना चाहिए। जब भी आपको लगे कि आपके बच्चे परेशान हैं तो उन्हें गले लगाएं और उन्हें ये बताएं कि आप हर समय उनके साथ हैं। आपके प्यार करने से ही बच्चे आपके बहुत अच्छे दोस्त बन जाएंगे।
बच्चों से शेयर करें अपनी बातें
यह सुनने में अजीब लग सकता है लेकिन, यह तरीका काफी अच्छा है आपके बच्चों को अपनी करीब लाने का। माता-पिता भी अपने बच्चों के साथ अपने विचार और फ्यूचर प्लान्स के बारे में बात कर सकते हैं। इसी तरह उनसे पूछें कि वह आपकी समस्या के लिए क्या हल सुझाएंगे या आपके फ्यूचर प्लान्स को लेकर उनकी क्या राय है।