बच्चों को क्रिएटिव और कॉन्फिडेंट बनाने में मां-बाप का भी होता हैं योगदान, आजमाए ये 5 तरीके

अपने बच्चों को नेक इंसान बनाते हुए तरक्की की ऊंचाइयों पर देखना हर मां-बाप की ख्वाहिश होती हैं। इसी शुरुआत होती हैं बच्चों के बचपन से जहां उनमें क्रिएटिव और कॉन्फिडेंट होने की आदत विकसित होती हैं। ऐसे में पेरेंट्स का महत्वपूर्ण योगदान होता हैं जो बच्चों को सही राह दिखाते हैं। पेरेंट्स का जिम्मा होता हैं कि अपने बच्चों को प्रोत्साहित करें और उनमे आगे बढ़ने का जज्बा पैदा करें। ऐसे में आपको कुछ तरीके आजमाने की जरूरत हैं जिनकी मदद से आप अपने बच्चों को बचपन से ही क्रिएटिव और कॉन्फिडेंट बना सकते हैं। तो आइये जानते हैं उन तरीकों के बारे में

विस्तार से बात करें


जब भी बच्चा कोई अच्छा काम करे, तो आपको सिर्फ उसे ऊपर बताए गए 1-2 शब्द नहीं बोलना है, बल्कि थोड़ा विस्तार से उस बारे में बात करना है। इससे बच्चे को लगता है कि आप उसके काम में इंट्रेस्ट ले रहे हैं। जैसे मान लीजिए आपके बच्चे ने स्कूल में पहली बार कोई कॉम्पटीशन जीता है, तो आप उसे इस कॉम्पटीशन की तैयारियों, इसकी चुनौतियों, प्रतिभागियों आदि के बारे में पूछ सकते हैं। इस तरह की बातें बताने में आमतौर पर बच्चे को अच्छा भी लगता है और वो प्रोत्साहित भी होता है।

बच्चे के सफलता की नहीं, प्रयास की तारीफ करें

एक अच्चे मां-बाप का फर्ज यह नहीं कि वो सिर्फ सफलता मिलने पर ही बच्चे की तारीफ करें, बल्कि यह है कि वो बच्चे के प्रयास की तारीफ करें। हमेशा ध्यान रखें कि सफलता की नहीं, प्रयास की तारीफ की जानी चाहिए। इसलिए अगर आपका बच्चा स्कूल में फर्ट्स आता है या उसे अच्छे ग्रेड मिलते हैं, तो आपको उसे समझाना चाहिए कि आप उसके फर्ट्स आने से नहीं, बल्कि उसके सही दिशा में मेहनत करने से खुश हैं। इसी तरह अन्य मामलों में भी आपको हमेशा उसके प्रयास की तारीफ करनी चाहिए।

बच्चे से उसके काम के बारे में पूछें


अगर कोई काम अच्छा हो, तो हमें उसके बारे में बात करना अच्छा लगता है। इसलिए आपको अपने बच्चे के कुछ अच्छा करने पर या क्रिएटिव करने पर उसके काम की तरीफ तो करनी ही चाहिए साथ ही यह भी पूछना चाहिए कि उसने इसे कैसे किया। जैसे- मान लीजिए आपके बच्चे ने एक ड्राइंग बनाई, तो आप उससे पूछ सकते हैं कि इसे उसने क्यों बनाया, कौन सा हिस्सा बनाना उसके लिए कठिन था, वो आगे क्या बनाना चाहता है, उसे किसी तरह की मदद की जरूरत तो नहीं आदि।

बच्चे को खुशी का एहसास दिलाने वाली बातें बोलें

बच्चे अगर कुछ अच्छा करते हैं और आप उनकी तरीफ करते हैं, तो उन्हें अच्छा तो लगता ही है। लेकिन इसके अलावा भी आप बच्चों की खुशी का एहसास दिलाने वाली बातें बोल सकते हैं, जिससे उन्हें बहुत प्रोत्साहन मिलता है। जैसे आप अच्छे नंबर लाने पर आप बच्चे से बोल सकते हैं कि उसने बहुत अच्छा किया है। उसे कैसा महसूस हो रहा है। उसने ऐसा अकेले कैसे किया या फिर उसकी सफलता में किन दोस्तों ने साथ निभाया, आदि बातें पूछें।

बच्चे को बताएं कि उसके काम का परिणाम क्या होगा


तारीफ करने के साथ-साथ बच्चे को उसके काम का परिणाम या प्रभाव भी बताएं। कुल मिलाकर बच्चे को ये समझाएं कि जो भी उसने किया है, उससे दूसरे लोग कैसे प्रभावित हुए हैं। इससे भी एक तरह की पॉजिटिविटी आती है कि जब बच्चे को एहसास होता है कि उसका अच्छा काम दूसरों के लिए भी फायदेमंद है।