हेल्दी रिलेशनशिप के लिए ठीक नहीं हैं हर बार किसी एक का ही सॉरी बोलना, जानें इसके नुकसान

कोई भी रिलेशनशिप शायद ही ऐसी होगी जहां दोनों पार्टनर के बीच कभी नोंकझोंक ना हुई हो और दोनों के किसी बात पर मत अलग ना हो। जब भी दो लव पार्टनर्स के बीच झगड़ा या कोई विवाद होता है तो सॉरी बोलकर बात खत्म करने में ही समझदारी होती हैं ताकि बात आगे ना बढे। रिश्तों में बिगड़ती बात को यह शब्द एक ही झटके में संभाल सकता है। लेकिन यह सॉरी हमेशा एक ही पार्टनर की तरफ से आ रहा हो तो यह हेल्दी रिलेशनशिप के लिए ठीक नहीं हैं और आपके लिए परेशानियां ला सकता हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि जिस सॉरी से सारी मुसीबतों का हल हो जाता है, उसी सॉरी से रिश्ते कैसे बिखर सकते हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में...

सॉरी कहना मजबूरी तो नहीं?

जब आपकी किसी बात पर अपने पार्टनर के साथ लड़ाई होती है, तो अचानक से सब कुछ खत्म होने जैसा दिखाई देता है। दोनों तरफ से जमकर कहासुनी होती है। गलती किसी की भी हो, लेकिन अगर आपको ही हर बार सॉरी बोलना पडता है, और आपका पार्टनर कभी आपके पास आकर चीजें ठीक करने की कोशिश नहीं करता है। तो इससे लगता है कि आप एक ऐसे पार्टनर के साथ अपने रिश्ते को आगे बढ़ा रहे हैं जिनके लिए आपका साथ होना ना होना कोई मायने नहीं रखता है, वो आपको डॉमिनेट करने की कोशिश कर रहा है।

पार्टनर समझने लगता हैं आपको कमजोर

अक्सर जब पार्टनर आप पर हावी होने की कोशिश करता है तो वह आपको उकसाने या टारगेट करने की कोशिश करता है, ऐसे में खुद के लिए स्टैंड लेने की जगह हमेशा सॉरी बोल देना आपको उनकी नजरों में कमजोर साबित करता है। यह मत सोचिए की पार्टनर सॉरी से बात खत्म कर देगा बल्कि आपका पोलाइट नेचर उसे आप पर बार-बार हावी होने का मौका देगा।

रिश्ते में खत्म कर देंगे अपनी वैल्यू

अगर आपकी गलती हो, तो सॉरी कह देने में कोई बुराई नहीं है। चीजों को सही करना एक अच्छे पार्टनर की निशानी है। लेकिन अगर आपके पार्टनर की गलती हो फिर भी वो कभी सॉरी ना कहे और आप ही उन्हें सॉरी कहें ताकि रिश्ता बना रहे। तो समझ लीजिए आप उन्हें खुद पर हावी होने का न्योता दे रहे हैं। धीरे-धीरे आपके पार्टनर को इसकी आदत हो जाएगी और रिश्ते में आपकी रिस्पेक्ट लगातार कम होती चली जाएगी। इसलिए अपने आत्मसम्मान के साथ खिलवाड़ ना करें। जो सही हो उसका साथ दें। झुकना बुरा नहीं है, लेकिन अगर समाने वाला आपके झुकने को अपनी जीत समझे और हमेशा वही चाहे तो वो गलत है।

आत्म सम्मान के लिए नहीं ठीक

बार-बार सॉरी बोल देना व्यक्ति के आत्म सम्मान को भी ठेस पहुंचाता है। अगर कोई स्थिति है जिसमें आपकी कोई गलती नहीं है तो मामले का निपटारा करने के लिए कड़वे बोल सुनते हुए सॉरी न बोलें। अपना पक्ष मजबूती के साथ रखें और अपने आत्म सम्मान के लिए लड़ें।

कहीं बात बिगड़ ना जाए

लव रिलेशनशिप में कोई भी झगड़ा क्यों ना हो, उसे सुलझाने का काम दोनों पार्टनर्स का होता है। लेकिन अगर आप ही बार-बार सॉरी कहते रहेंगे तो पार्टनर को ये लगेगा कि वो हमेशा सही होता है, उसका मन अहम और अहंकार से भर जाएगा। वो आपको हमेशा गलती करने वाला या झुका हुआ देखना चाहेगा। वो किसी भी फैसले में आपको भागीदार नहीं बनाएगा। अब ये रिश्ता एक तरफा हो जाएगा, मतलब जैसा वो चाहेगा वैसा। और एक वक्त आपको इसमें घुटन महसूस होने लगेगी। बार-बार आपके सॉरी कहने से रिश्ते की डोर सुलझेगी नहीं बल्कि और उलझ जाएगी।

आगे आएगी परेशानी

वैसे तो कहते हैं कि लड़ने से अच्छा है कि सॉरी बोल देना चाहिए क्योंकि इससे रिश्ते बचे रहते हैं, लेकिन ऐसा है नहीं। मान लीजिए आपके पार्टनर की किसी मुद्दे पर राय आपसे अलग है और वह आपकी राय से सहमत नहीं करते हैं तो सॉरी बोलकर मामले को खत्म न करें, क्योंकि यह आगे चलकर आपको ही फ्रस्टेट कर देगा। बेहतर है कि अपने नजरिए को भी उनके सामने रखें और उन्हें समझाएं।

क्या करें की बात बनी रहे

प्यार में कपल्स के बीच झगड़े होना स्वाभाविक बात है, थोड़ी देर बाद सब कुछ नॉर्मल हो जाता है। लेकिन अगर हर लड़ाई में किसी एक पार्टनर को हर बार झुकना पड़े तो ये एक हेल्दी रिलेशनशिप के लिए अच्छे संकेत नहीं है। ऐसी स्थिति में हर बार माफी की पहल करने की बजाय उन्हें पहल का मौका दें। जिससे उन्हें ये पता चले कि सामने वाला भी उनकी मनमर्जी के मुताबिक नहीं चलेगा। इस रिश्ते को बनाए रखना दोनों के लिए जरूरी है तो माफी में दोनों को बराबर होना होगा। अपने पार्टनर से बात करके उन्हें समझा सकते हैं कि प्यार के रिश्ते में ईगो की कोई जगह नहीं होती है।