होली का त्यौहार ऐसा त्यौहार है जो हमारे जीवन में रंग और खुशियाँ लेकर आता है, ये रिश्ते ही तो हैं, जो हमारी बेरंग जिंदगी में नए रंग बिखेरते है, एक उजाला भर देते हैं। लेकिन कभी-कभी समय का अभाव या फिर किसी-भी रिश्ते में आपसी समझ की कमी, एक-दूसरे के दिलों में दूरियां पैदा कर देती हैं। इन्हीं दूरियों को मिटाने का काम करता है, रंगोत्सव यानि होली, क्योंकि यही अवसर होता है, रिश्तों को प्यार के रंग से सराबोर करने का। अपने मन की बात बेझिझक कहने का। तो क्यों ना फिर से एक हो जाएं , गुझिया खाएं, गुलाल लगाएं और एक स्वर में जोर से बोलें ‘बुरा न मानो होली है।’ तो आइये जानते है की आप कैसे अपने रिश्तों में दुबारा प्यार का रंग घोल सकते है ।
भुलाएं गिले-शिकवे
अगर आपके जीवन में किसी भी रिश्ते में खिंचाव या तनाव है, चाहे पति-पत्नी हों, दोस्त हों या कोई रिश्तेदार, उन्हें फिर से मधुर बनाने का होली से अच्छा कोई समय नहीं है। मन के सारे गिले-शिकवे भुलाकर एक चुटकी गुलाल ही अपना कमाल दिखा देगी। बस, एक पहल करके तो देखिए।
खुद करें पहलहर परिवार में छोटी-छोटी बातों पर रिश्तों में ऐसी स्थिति बन जाती है और हमें पता ही नहीं चलता मनभेद कब मतभेद में बदलकर, हमारे रिश्ते में एक चुप्पी में तब्दील हो जाते हैं। तो इस होली के त्योहार पर रिश्तों में आई इन मन की गांठों को खोल दीजिए। वैसे भी त्योहारों और रिश्तों का बड़ा ही गहरा बंधन होता है, दोनों एक-दूसरे के बिना बड़े सूने-सूने लगते हैं। यही समय है, जब हम सब कड़वी यादों को भुलाकर अपने रिश्ते को एक नया रूप दे सकते हैं। रिश्ते की नाजुक डोर को संभालने का सबसे अच्छा समय है, रंगों का पर्व होली।
सबके साथ मनाएं खुशियां आजकल व्यस्तताओं और बेहतर करियर बनाने की चाह में बहुत से लोग, परिवार के साथ नहीं रह पाते। सभी एक-दूसरे से फोन पर बात करके या फिर मैसेज करके ही त्योहार सेलिब्रेट कर लेते हैं। लेकिन अपने रिश्तों में ताजगी लाना है तो होली से बेहतर समय क्या होगा, जब आप परिवार के साथ मिलकर खुशियां मनाएं। तो इस बार होली व्हाट्सएप, फेसबुक या ई-मेल पर नहीं, बल्कि परिवार के साथ, रिश्तेदारों के साथ, दोस्तों के साथ मिलकर मनाएं।