बच्चों को होमवर्क करवाते समय ध्यान रखे ये चीजें, बढ़ेगा उनका इंटरेस्ट

अक्सर देखा गया हैं कि बच्चों को जब भी होमवर्क मिलता हैं तो बच्चों से ज्यादा उनके पेरेंट्स को इसकी चिंता सताने लगती हैं। क्योंकि बच्चों की ही तरह बड़ों को भी यह एक बोझ की तरह लगता हैं जो कि उनके एक समय अंतराल के अंदर पूरा करना ही हैं। ऐसे में बड़ों की चाहत होती हैं कि जल्द ही इसे पूरा कराया जाए। लेकिन होमवर्क कराते समय पेरेंट्स को भी कई बातों का ध्यान रखने की जरूरत होती हैं ताकि बच्चा इंटरेस्ट लेकर होमवर्क को करें और सीखने की चाहत दिखाए। आज हम आपको उन्हीं बातों के बारे में बताने जा रहे हैं जो बच्चों को होमवर्क करवाते समय ध्यान रखी जानी चाहिए।

उनसे जुड़े कोर्स की हमेशा रखें जानकारी
बच्चों के सेलेब्स में क्या क्या है, उन्हें किस तरह की बुक्स लगी है। इसके बारे में हमेशा जानकारी रखे। समय समय पर शिक्षा के साथ अपना संपर्क रख कर बच्चों को गाइड कर सकते हैं। बच्चों की पीटीएम पर हमेशा जाएं। इसके साथ ही उनकी स्कूल डायरी को हमेशा चैक करें। इससे बच्चे को भी लगता है कि पेरेंट्स उनकी पढ़ाई पर पूरी नजर रख रहे हैं।

गैजेट्स से रखें दूर
होमवर्क के दौरान कोशिश करें की बच्चे टीवी, कम्पूटर, मोबाइल फोन जैसे गैजेट्स से दूर रहे। इससे उनका पूरा मन पढ़ाई पर ही लगा रहेगा। बच्चों के साथ- साथ यह बात आप पर भी लागू होती है। जब आप बच्चों के पास बैठे अपने फोन को दूर रखें।

बेसिक एजुकेशन की दे जानकारी
बच्चों की होमवर्क कभी भी एक ड्यूटी समझ कर न करवाए, उन्हें बेसिक एजुकेशन जरुर दें। उन्हें चीजें इस तरह समझाएं ताकि वह सारी उम्र उनके साथ रहे। इसके ही उन्हें रट्टा लगवाने की जगह चीजों को समझने के लिए प्रेरित करें। इससे वह परीक्षा में आने वाले प्रश्नों को आसानी से समझ पाएगें।

सेट करें उनका टाइम टेबल
पेरेंट्स अपने बच्चों का टाइम टेबल सेट कर रुम में रखते है। पेरेंट्स बच्चों को कहें की वह खुद अपना टाइम टेबल सेट करें। उन्हें कहें उनका टाइम टेबल स्कूल से आने के बाद शुरु होगा। इसमें पढ़ाई के साथ उनका खाना, खेलना, आराम का समय भी शामिल होगा। इससे वह होमवर्क करने का अपना पसंदीदा समय तय करेंगे। इससे आप भी बिना दिक्कत उन्हें काम करवा पाएंगी। पढ़ाई का समय उनकी उम्र व काम के अनुसार तय करें।

हमेशा रहे आसपास
बच्चे जब भी पढ़ने बैठे हमेशा उनके आस पास रहे। क्योंकि अक्सर पढ़ाई के समय बच्चों का मन खेलने व अन्य चीजों में चला जाता है। इसलिए उन्हें हमेशा स्टडी टेबल पर बैठ कर पढ़ने को कहे। इसके साथ ही हमेशा उनके आसपास रहे, जिससे आपकी उन पर पूरी निगरानी रहेगी। बच्चों के साथ आप भी अपनी कोई किताब लेकर बैठ जाएं, इससे बच्चे गंभीर होकर पढ़ेगें।

खुद करने को कहे प्रोजेक्ट
पेरेंट्स जब भी बच्चों के पास बैठते है तो बच्चे हर छोटी चीजों को पेरेंट्स से पूछते है। कई बार बच्चों को मिले अधिक होमवर्क को देखकर पेरेंट्स उनके साथ काम बांट लेते है। आप ऐसा न करें। बच्चों को खुद काम करने के लिए प्रेरित करें। उन्हें प्रोजेक्ट पर आइडिया या किस तरह करें इस बारे में थोड़ा समझा दें लेकिन बाकी काम उन्हें खुद ही करने दे।