Friendship Day 2019: हर इंसान की जिंदगी में आते हैं दोस्ती के ये रंग, समय के साथ होते है बदलाव

आज अगस्त का पहला रविवार हैं जिसे फ्रेंडशिप डे के तौर पर मनाया जाता हैं। फ्रेंडशिप डे दोस्ती को समर्पित होता हैं जो इस रिश्ते की मजबूती को दर्शाता हैं। दोस्ती का यह रिश्ता होता ही इतना अटूट है कि बॉलीवुड में तो इन पर कई फिल्में भी बनी हुई हैं। हर इंसान के जीवन में उम्र के हर पडाव पर दोस्ती के अलग रंग देखने को मिलते हैं और आज का दिन है उन सभी दोस्तों को याद करने का। आज हम आपको इन्स्सन की जिंदगी में आने वाले दोस्तों की जानकारी देने जा रहे है।

व्यावसायिक दोस्ती
आपसी सामंजस्य और अटूट भरोसे के बल पर रची हुई दोस्ती का एक ये भी रूप है। मिलजुलकर एक ही व्यवसाय करने वाले दो दोस्त किसी आत्मीय सगे-संबंधी से कम नहीं रह जाते, बल्कि कई मामलों में तो उनसे भी आगे निकल जाते हैं। अब आप उन्हें दोस्त कहें या पार्टनर, आपकी मर्जी।

केयरिंग दोस्त
इस तरह के दोस्त आपकी हर बात का पूरा ध्यान रखते हैं, बिल्कुल मां की तरह। आपकी पढ़ाई और एक्जाम से लेकर तबियत और खाने-पीने तक का ख्याल उसे रहता है, और वह हर वक्त आपके लिए एक पैर पर हाजिर होता है। अगर आपके पास ऐसा दोस्त है, तो आप खुशकिस्मत हैं।

पकाऊ दोस्त
इस तरह के दोस्तों को इससे कोई मतलब नहीं होता कि आप उनकी बातों और हरकतों से बोर हो रहे हैं, उसे केवल हर बात में अपनी राय रखने की बीमारी होती है। इन्हें लोग फेंकू के नाम से भी जानते हैं। इन्हें बस कोई सुनने वाला चाहिए होता है, जिन्हें यह कभी ज्यादा बोलने का मौका नहीं देते, और यह खुद के सबसे बड़े फैन होते हैं।

मूडी दोस्त
इस तरह के दोस्तों का मिजाज बदलते देर नहीं लगती। या तो यह बिल्कुल मेहरबान होते हैं, या फिर खबरदार की मुद्रा में। इन्हें हैंडल करना बहुत ही टेढ़ी खीर साबित होता है, क्योंकि इनका मूड कभी भी ऑन या ऑफ हो सकता है और इन्हें शांत करने के लिए आपको इंतजार भी करना पड़ सकता है।

लाईफटाइम दोस्त
लाईफटाइम या टिकाऊ टाइप के दोस्त आजकल कम ही दिखाई देते हैं। हां अगर आपकी दोस्ती पुरानी है, और लंबे समय से चली आ रही है, तो आपने जरूर इस दोस्ती का आनंद लिया होगा, लेकिन असल जिंदगी में तो अब इस तरह के दोस्त फिल्मों या किताबों में ही मिलते हैं। इस प्रकार के दोस्त हर हाल में ताउम्र साथ निभाते हैं, और हमारी खुशी के लिए अपना सब कुछ कुर्बान करने का जज्बा रखते हैं।

स्कूल-कॉलेज की दोस्ती
कॉपियों-किताबों में रखी रंगीन फुद्दियों (पंखों), विद्या की पत्तियों और पेंसिल की छीलन से लेकर स्टीकरों, 'कॉन्ट्री' की चाय और समोसों, आधी रात को की गई नोट्स की जुगाड़, असाइनमेंट के कवर को हटाकर की गई फोटोकॉपी और टीशर्ट से लेकर जूतों, दुपट्टों तथा चॉकलेट्स तक की लड़ाई तक कई दौर से गुजरती है ये दोस्ती। यूं देखें तो यह दोस्ती का सर्वोत्तम काल होता है।

स्वार्थी दोस्त
इस तरह के दोस्त मौकापरस्त और मतलबी टाइप के होते हैं, जो कई बार आपसे दोस्ती भी मौके का फायदा उठाकर करते हैं।यह आपको अपना लक्ष्य प्राप्त करने की सीढ़ी की तरह इस्तेमाल करता है, और काम हो जाने के बाद आपको याद तक नहीं करता। इस तरह के दोस्तों को पहचानने में आप जितनी देर करेंगे, उतना ही नुकसान उठाना पड़ सकता है।