भारतीय मां के संघर्ष और प्यार को दर्शाती हैं ये बॉलीवुड फिल्में, परिवार संग देखें इन्हें

मां शब्द जितना छोटा हैं इसे समझ पाना उतना ही मुश्किल हैं। मां केवल शब्द ही नहीं पूरी दुनिया है। मां को त्याग और बलिदान की मूरत माना जाता हैं जो अपने बच्चों के लिए ना जाने कितने संघर्ष करती हैं। मां के इस महत्व को सभी जानते हैं और बॉलीवुड फिल्मों में भी यह आपको देखने को मिल जाएगा जहां मां के किरदार को हमेशा से ही एक ऊंचा स्थान दिया गया है। बॉलीवुड की कई ऐसी फिल्में हैं जो पूरी तरह से मां को समर्पित हैं और उनकी महत्ता को दर्शाती हैं। अगर आप भी अपने मां का दिन स्पेशल बनाने की सोच रहे हैं तो यहां बताई जा रही फिल्मों को अपनी मां के साथ देखने का मजा ले सकते हैं। हर मां और संतान को ये फिल्में देखनी चाहिए। आइये जानते हैं इन फिल्मों के बारे में...

मदर इंडिया

बॉलीवुड की सबसे बेहतरीन फिल्मों में से एक मदर इंडिया एक ऐसी लाचार मां की कहानी है जो पति की बीमारी के चलते अकेले ही अपने दो बेटों की परवरिश करती है। इस दौरान उसे समाज के साथ अपने एक बेटे का भी सामना करना पड़ता है। महबूब खान के निर्देशन में बनी इस फिल्म में नरगिस, सुनील दत्त और राजकुमार लीड रोल में थे।

जज़्बा


ऐश्वर्या राय ने जज़्बा फिल्म में सिंगल मदर का किरदार निभाया था। वो इस फिल्म में लॉयर के रूप में अभिनय कर रही थीं। इस फिल्म में उनकी बेटी को किडनैप करके एक रेपिस्ट के पक्ष में केस लड़ने के लिए उन पर दबाव बनाया जा रहा था ताकि वो अपनी बेटी को किडनैपर के चंगुल से बचा सकें। इस फिल्म में उनके अलावा दिग्गज अभिनेता इमरान खान भी थे। जज़्बा फिल्म ऐश्वर्या रॉय की कमबैक मूवी थी। इस मूवी से पता चलता है कि मां अपने बच्चे के लिए अकेले ही काफी है।

पंगा

यह बात तो सच है कि एक मां अपने बच्चे और परिवार के लिए अपनी खुशी और खासतौर पर सपने अधूरे छोड़ देती है। इस फिल्म में भी वही दिखाया गया है। जया निगम वर्लड क्लास कबड्डी प्लेयर होती है, जिसे स्पोर्ट्स कोटा के तहत रेलवे में नौकरी मिल जाती है। लेकिन बाद में वह केवल एक पत्नी और मां बनकर ही रह जाती है। वह अपनी असली पहचान खो देती है। लेकिन उसका बेटा उसे दोबारा से कबड्डी खेलने के लिए प्रेरित करता है। एक मां के उम्र और खेल को लेकर सामाजिक दबाव झेलने की यह कहानी आपके दिल को छू जाएगी। इस फिल्म में कंगना रनौत और जस्सी गिल लीड रोल में नजर आए हैं।

मॉम


श्रीदेवी की मुख्य भूमिका वाली फिल्म न सिर्फ सौतेली मां के लिए समाज में व्याप्त मिथ्याओं को तोड़ती है, बल्कि सशक्त मां की कहानी भी दिखाती है। फिल्म में आर्य नाम की लड़की की कहानी दिखाई गई है, जिसकी जिंदगी तब बदल जाती है, जब उसके स्कूल के ही कुछ लड़के उसके साथ गैंगरेप करते हैं। फिर उनकी सौतेली मां (श्रीदेवी) उनको सबक सिखाने के लिए एक जासूस की मदद लेती है।

कभी खुशी कभी गम

साल 2001 में आई ये मल्टीस्टारर फिल्म यूं तो कितनी भी बार देखी जा सकती है लेकिन अगर आपने ये फिल्म अभी तक नहीं देखी है तो आपको अपनी मां के साथ बैठकर ये फिल्म आज मदर्स डे के मौके पर जरूर देखनी चाहिए। करण जौहर के निर्देशन में बनी इस फिल्म में अमिताभ बच्चन, जया बच्चन, करीना कपूर खान, शाहरुख खान और ऋतिक रोशन जैसे दिग्गज सितारों ने काम किया है। ये फिल्म नेटफ्लिक्स पर उपलब्ध है।

कहानी 2


विद्या बालन अपने अभिनय से छाप छोड़ने में कभी भी नहीं चूकीं और इसका एक और सबूत है साल 2016 में बनी कहानी 2 मूवी। यह फिल्म एक सिंगल मदर की है, जिसमें वह मिनी की मां का किरदार निभाती नजर आईं जो पैरालिसिस से पीड़ित है। एक्ट्रेस की बेटी किडनैप हो जाती है जिसे ढूंढते हुए उसका एक्सीडेंट हो जाता है। इस फिल्म में सिंगल मदर के दर्द को बखूबी दिखाया गया है। यह फिल्म और भी ज्यादा इमोशनल हो जाती है, जब पता चलता है कि मिनी विद्या की बेटी है ही नहीं।

निल बट्टे सन्नाटा

यह फिल्म एक मां यानी चंदा की कहानी दर्शाती है कि कैसे वह अपनी बेटी को पढ़ाने के लिए मेहनत करती है। वह चाहती है कि वह पढ़ लिखकर अपना नाम करें। साथ ही 10वीं की पढ़ाई मन लगाकर करे और गणित विषय न छोड़े। लेकिन उसकी बेटी मानती है कि उसके भाग्य में भी अपनी मां की तरह लोगों के घर जाकर काम करना ही लिखा है, तो फिर वह अपना बचपन पढ़ाई में क्यो बर्बाद करे। लेकिन चंदा अपनी बेटी को मोटिवेट करने का नया तरीका निकालती है। वह अपने किसी जानने वाले की मदद से अपनी बेटी के स्कूल में एडमिशन लेती है। वह गणित में अच्छी हो जाती है। फिर एक दिन बेटी को एहसास होता है कि उसकी मां उसके लिए कितना करती है। यह सब देख वह लगन से पढ़ाई करना शुरू कर देती है। जिससे वह आईएएस कैडर के लिए इंटरव्यू देती है। इस फिल्म में स्वरा भास्कर ने अहम भूमिका निभाई है। वहीं रिया शुक्ला ने बेटी का रोल किया है।

मातृ

'मातृ' फिल्म में एक ऐसी मां की कहानी दिखाई गई है, जिसकी बेटी का रेप हो जाता है और बाद में उसकी मौत भी हो जाती है, लेकिन इन सबके बावजूद एक मां टूटती नहीं है, बल्कि मजबूत के साथ सिस्टम से लड़ती है और अपनी बेटी के गुनहगारों को सजा दिलवाती है। फिल्म में रवीना टंडन ने एक सशक्त और शक्तिशाली मां का किरदार अदा किया था।