आदर्श बहू में होती है ये ख़ास बातें, मायके और ससुराल में बनाती है तालमेल

र लड़की शादी करके अपने ससुराल आती हैं, इसका मतलब यह नहीं होता हैं कि वह अपने मायके को भूल जाती हैं। एक आदर्श बहू वही कहलाती हैं जो मायके और ससुराल में तालमेल बनाये रखती हैं और दोनों परिवारों को जोड़े रखती हैं। हांलाकि यह किसी भी नई दुल्हन के लिए बहुत मुश्किल काम होता हैं क्योंकि उसपर एक नए परिवार की जिम्मेदारियां आ जाती हैं। इसलिए आज हम आपको कुछ टिप्स बताने जा रहे हैं जिनकी मदद से आप इन जिम्मेदारियों को आसानी से संभाल पाएंगी और आदर्श बहु कहलाएंगी। तो आइये जानते हैं इन टिप्स के बारे में।

* शेड्यूल बनाएं

सिर्फ आपको ही अपने घरवालों की याद नहीं आती, उन्हें भी आपकी याद सताती है, आपसे बातें करने का मन करता है। इसलिए शादी के बाद न उनका परित्याग करें और न ही मायके में ही पड़ी रहें। अपने पति और सास-ससुर से चर्चा करके यह तय करें की आप अपने घरेलु काम-काज या अपनी जिम्मेदारियों की उपेक्षा किया बगैर कितने नियमित तौर पर अपने मां-बाप से मिलने घर जा सकती हैं।

* मायके वालों को बुलाएं

अपने पति या ससुराल वालों से पूछकर अपने मायके वालों को कभी-कभार घर बुला सकती हैं। ऐसे में वे भी देखकर खुश होंगे कि उनकी लाड़ली कितनी अच्छी तरह से अपनी नई गृहस्थी संभाल रही है। वे आपके ससुरालवालों को भी अच्छे से देख व जान पाएंगे। मेल मिलाप रिश्तों को मजबूत करेगा।

* चुगली न करें

मायके वाले से हालचाल पूछें। सलाह-मशविरा करें पर ससुराल कि हर बात उन्हें न बताएं और न ही चुगली करें। हर छोटी-छोटी चीज को लेकर बखेड़ा न खड़ा करें। आपके नए परिवार कि इज्जत आपके हाथ में है। हर बात मायके में बताना ससुरालवालों को अच्छा नहीं लगेगा। अपने विवेक का प्रयोग करें।

* आयोजन करते रहें

महीने में एक बार एक पारिवारिक भोजन या पिकनिक का आयोजन करें। जिसमें आपके और आपके पति के सभी घरवालों को शामिल करें। इससे आपसी रिश्तों में मजबूती आएगी। घर में एक नई परंपरा की शुरुआत हो जाएगी और आपके माता-पिता को आपकी नई जिंदगी का हिस्सा होने का सुख मिलेगा।

* सीमा न लांघें

तीज-त्योहारों में उनसे मिलने जाएं या उन्हें अपने घर बुलाएं, क्योंकि उत्सवी माहौल में अपनों की याद सबसे अधिक आती है। अपने माता-पिता को प्यार, आदर और सम्मान जरूर दें पर ध्यान रखें कि ऐसा करने में आप कहीं भी अपनी सीमाओं का उल्लंघन तो नहीं कर रहीं।